मुंबई: बदलापुर दुष्कर्म केस में आरोपी अक्षय शिंदे पुलिस हिरासत में मारा गया है। आरोपी ने पुलिस पर गोली चलाने की कोशिश की थी। इसके बाद पुलिस की जवाबी कार्रवाई में आरोपी को गोली लग गई थी। इस बीच एक पुलिसकर्मी को भी गोली लगी है। आरोपी को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसने दम तोड़ दिया है।
बता दें कि पिछले महीने घटना को लेकर काफी विवाद हुआ था। गुस्साई भीड़ ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। घटना की जांच के लिए सीएम एकनाथ शिंदे द्वारा एक विशेष जांच दल का गठन किया था।
यह एसआईटी वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी आरती सिंह की अध्यक्षता में गठित हुई थी। मामले की गंभीरता को देखते हुए यह केस बॉम्बे हाई कोर्ट तक पहुंच गया था। कोर्ट ने मामले में पुलिस की जांच पर सवाल उठाया था।
पुलिस की बंदूक छिन आरोपी ने की थी कई राउंड फायरिंग
पुलिस सूत्रों ने बताया कि बदलापुर के अधिकारी आरोपी अक्षय शिंदे को हिरासत में लेने के लिए तलोजा जेल गए थे। 23 साल के शिंदे की पहली पत्नी ने उसके खिलाफ एक केस किया था।
शादी के पांच दिन बाद ही उसकी पत्नी छोड़कर चली गई थी। शिंदे की पत्नी ने उस पर बलात्कार और मारपीट का आरोप लगाया था। अधिकारी इस केस में उससे पूछताछ के लिए वहां गए थे।
शाम के करीब साढे छह बजे जब पुलिस आरोपी को लेकर मुंब्रा बाईपास के पास पहुंची तो शिंदे ने एक कांस्टेबल की बंदूक छिन ली थी। उसने बंदूक से कई राउंड फायरिंग की थी। इसके बाद पुलिस वालों ने भी जवाबी फायरिंग की है जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गया था।
आरोपी को पुलिस अस्पताल में ले गई थी जहां पर उसने दम तोड़ दिया है।
कोर्ट ने क्या कहा था
मामले की सुनवाई के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट ने पुलिस के जांच की तीखी आलोचना की थी। कोर्ट ने पुलिस की जांच में बच्चों से पूछताछ के नियमों का उल्लंघन पाया था।
बता दें कि इस तरह के मामले में पीड़िता और उसके माता-पिता का बयान पुलिस थाने में दर्ज नहीं की जाती है। लेकिन कोर्ट ने पाया कि पुलिस द्वारा थाने में बयान दर्ज किया गया था जो असंवेदनशील और कानून के विरुद्ध है।
एसआईटी की जांच में क्या सामने आया था
सूत्रों के अनुसार, एसआईटी के पास आरोपी शिंदे के खिलाफ पर्याप्त सबूत जमा हो गए थे। यह केस उस समय और भी मजबूत हो गया था जब आरोपी के परिवार वालों ने उसके खिलाफ बयान दिया था। उसके पिता और भाई ने स्पष्ट रूप से कहा था कि वह मानसिक रूप से स्वस्थ है लेकिन वह स्वभाव से शरारती है।
स्कूल की भूमिका पर भी उठा था सवाल
मामले में स्कूल की भूमिका पर भी सवाल उठा था। कोर्ट ने लड़कियों के शौचालयों में पुरुष सफाईकर्मी की नियुक्ति पर सवाल उठाया था। यही नहीं स्कूल पर पॉस्को एक्ट का सही से पालन नहीं करने का भी आरोप लगा था।
इस तरह के केस में जहां पर नाबालिगों के साथ यौन अपराध होते हैं, अधिकारियों को इस तरह की घटना को तुरंत रिपोर्ट जरूरी होता है। बदलापुर केस में ऐसा नहीं हुआ था।
एनकाउंटर पर विपक्ष ने उठाया है सवाल
आरोपी अक्षय शिंदे की एनकाउंटर में मौत को लेकर विपक्ष ने भी सवाल खड़ा किया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता विजय वडेट्टीवार ने इस एनकाउंटर की न्यायिक जांच की मांग की है।
मामले में सांसद सुप्रिया सुले ने भी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा है, “बदलापुर में दो नाबालिग लड़कियों के यौन उत्पीड़न मामले में महायुति सरकार का रवैया चौंकाने वाला है! पहले एफआईआर दर्ज करने में देरी और अब मुख्य आरोपी की हिरासत में हत्या! यह कानून प्रवर्तन और न्याय व्यवस्था की पूरी तरह विफलता है। ऐसी घटनाओं से महाराष्ट्र के लोग न्याय से वंचित रह जाते हैं।”
घटना को लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कई सवाल खड़ा किए हैं। उन्होंने कहा है, “इस घटना ने कुछ गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं, जैसे बदलापुर कांड में स्कूल ट्रस्टी अभी तक गिरफ्तार नहीं, वे फरार हैं, उन्हें अभी तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया जा सका? क्या इस मामले में फरार आरोपियों को बचाने के लिए मुख्य आरोपी का एनकाउंटर कर मामले को खत्म करने की कोशिश की जा रही है?”
क्या है पूरा मामला
बता दें कि 14 अगस्त को बदलापुर में एक बच्ची ने अपने मां–पिता से गुप्तांग में दर्द की शिकायत की थी। बच्ची से पूछताछ करने पर पता चला कि उसके स्कूल में कार्यरत 23 वर्षीय एक सफाईकर्मी ने उसके गुप्तांग को स्पर्श किया था।
इसके बाद, लड़की के माता-पिता ने अपनी बेटी की कक्षा में पढ़ने वाली दूसरी बच्ची के माता-पिता से संपर्क किया था, तो उन्होंने भी यही बताया कि उनकी बच्ची भी कुछ दिनों से स्कूल जाने से डर रही है।
दो बच्चियों के साथ घटी थी घटना
इसके बाद दोनों बच्चियों को चिकित्सकीय जांच के लिए डॉक्टर के पास ले जाया गया, जहां पता चला कि दोनों के साथ बदसलूकी हुई है। दोनों बच्चियों के माता-पिता ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी।
आरोप है कि पुलिस ने शिकायत दर्ज करने के बजाए उन्हें कई घंटे तक बाहर बैठाकर रखा और आश्वस्त किया कि घटना की जांच की जा रही है। यह भी कहा गया था कि आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
घटना को लेकर हुआ था काफी विरोध प्रदर्शन
मामले में जिला महिला एवं बाल कल्याण अधिकारी के हस्तक्षेप पर अगली सुबह पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था और 17 अगस्त को उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। शिंदे को एक अगस्त को स्कूल द्वारा सफाईकर्मी के पद पर उसे नियुक्त किया गया था।
इस घटना को लेकर पूरे महाराष्ट्र में आक्रोश दिखाई दिया था। कोलकाता के अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और फिर हत्या के तुरंत बाद यह घटना घटी थी।
इस घटना के कारण ठाणे शहर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए थे। हजारों लोगों ने घंटों तक रेलवे लाइनों को जाम कर दिया था और पुलिस को उन्हें जबरन हटाना पड़ा था।
आक्रोशित लोगों ने सड़क पर आकर आरोपी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। इस घटना को लेकर राज्य में हिंसात्मक स्थिति भी देखने को मिली थी। इसे देखते हुए 72 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया था।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ