मुंबईः महाराष्ट्र के सतारा जिले के एक सरकारी अस्पताल की महिला डॉक्टर ने गुरुवार, (23 अक्टूबर) की रात एक होटल के कमरे में कथित तौर पर आत्महत्या कर ली। महिला डॉक्टर ने अपनी हथेली पर नोट छोड़ा है। इसमें एक पुलिस अधिकारी पर बीते पांच महीनों से रेप और यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है।
पीड़िता ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि पुलिस अधिकारी गोपाल बदाने ने पांच महीनों में कई बार उसके साथ रेप किया है। उसने नोट में एक अन्य व्यक्ति प्रशांत बंकर का भी नाम लिया है और उस पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
बनकर उस घर के मकान मालिक का बेटा है जहां डॉक्टर रह रही थी। 28 वर्षीय डॉक्टर बीड जिले की रहने वाली थी और फलटण के एक सरकारी अस्पताल में कार्यरत थे।
पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
इस घटना का पता चलने के बाद पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। वहीं, डॉक्टर के हाथ पर लिखे सुसाइड नोट की फोरेंसिक जांच शुरू कर दी है। इस बीच, आरोपी पुलिस अधिकारी को निलंबित कर दिया गया है। वहीं, अन्य आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है।
इस मामले पर टिप्पणी करते हुए स्थानीय पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने कहा कि उनके दोनों के खिलाफ बलात्कार और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया है। आरोपी पीएसआई को ड्यूटी से निलंबित कर दिया गया है। हमारी टीमें दोनों आरोपियों का पता लगाने की कोशिश कर रही हैं। पूरी जाँच की जाएगी और कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने सतारा के पुलिस अधीक्षक से बात की और महिला डॉक्टर द्वारा सुसाइड नोट में नामित अधिकारियों को तत्काल निलंबित करने का आदेश दिया है।
सीएमओ के एक बयान के मुताबिक, फड़णवीस ने निर्देश दिया है कि इस मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। पीड़िता के परिजनों ने हालांकि गड़बड़ी का आरोप लगाया है।
एक परिजन ने कहा कि गलत पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार करने के लिए उस पर पुलिस और राजनैतिक दबाव बहुत अधिक था। उसने इसकी शिकायत करने की कोशिश की थी। उसे न्याय मिलना चाहिए।
डॉक्टर के एक अन्य करीबी रिश्तेदार ने कहा कि वह बहुत ही प्रतिभाशाली और महत्वाकांक्षी थी। हमने बचपन से ही उसका पालन पोषण किया और उसकी शिक्षा का पूरा खर्च उठाया। वह काम के दबाव में थी और इसीलिए उसने यह सख्त कदम उठाया। दोषियों को सजा मिलनी चाहिए।
वहीं, एक अन्य ने कहा कि दो दिन पहले ही उसने कार्यस्थल पर वरिष्ठों द्वारा परेशान किए जाने की बात कही थी। महाराष्ट्र राज्य महिला आयोग ने भी इस घटना का संज्ञान लिया है। इसके साथ ही पुलिस को डॉक्टर की शिकायत पर कथित निष्क्रियता की जांच करने का भी निर्देश दिया है। आयोग की अध्यक्ष रूपाली चाकणकर ने कहा कि सतारा पुलिस को आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस बीच राज्य मंत्री पंकजा मुंडे ने भी आश्वासन दिया कि मामले की जांच की जाएगी। उन्होंने आग्रह किया कि इस मामले का मीडिया ट्रायल नहीं किया जाना चाहिए।
विपक्ष ने बोला सरकार पर हमला
वहीं, विपक्ष ने इस मुद्दे को लेकर फड़णवीस सरकार पर हमला बोला है। राज्य कांग्रेस नेता विजय नामदेवराव वडेट्टीवार ने एक महिला डॉक्टर की कथित आत्महत्या को लेकर सत्तारूढ़ महायुति सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने पिछली शिकायत के बावजूद प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल उठाए।
उन्होंने इस संबंध में एक्स प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट भी की। उन्होंने पुलिस पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जब पुलिस ही भक्षक बन जाए तो न्याय कैसे मिलेगा?
कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने कहा कि यह राज्य में बिगड़ती कानून-व्यवस्था को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि फड़णवीस सरकार महिलाओं की सुरक्षा करने में विफल रही है।
शिवसेना ने भी इस घटना की निंदा की और बिगड़ती कानून-व्यवस्था के लिए जवाबदेही की मांग की।

