नई दिल्ली: देश भर में आज दो अलग-अलग घटनाओं में ट्रेन को पटरी से उतारने की कोशिशों का खुलासा हुआ है। मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में भारतीय सेना के जवानों को ले जा रही है एक ट्रेन को उड़ाने का प्रयास किया गया है।
अधिकारियों ने घटनास्थल से कम से कम 10 डेटोनेटर (बम) बरामद किए हैं। यही नहीं इससे पहले यूपी के कानपुर में भी रेलवे ट्रैक पर खाली गैस का सिलेंडर पाया गया है। हालांकि इन दोनों घटनाओं में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है। सुरक्षा एजेंसियों और पुलिस द्वारा इन घटनाओं की जांच की जा रही है।
बता दें कि इससे पहले भी इस तरह की घटना घट चुकी है। इसी महीने के शुरुआत में यूपी में कालिंदी एक्सप्रेस को पटरी से उतारने की कोशिश की गई थी। इस घटना में भी किसी के घायल होने की खबर नहीं है।
क्या है पूरा घटना
यह घटना एमपी के बुरहानपुर जिले के सागफाटा रेलवे स्टेशन के पास हुआ है। घटना के समय जवानों को ले जा रही सेना की एक विशेष ट्रेन वहां से गुजर रही थी। यह ट्रेन जम्मू-कश्मीर से कर्नाटक जा रही थी।
अधिकारियों ने बताया कि जैसे ही ट्रेन डेटोनेटर से टकराई थी एक जबरदस्त विस्फोट हुआ था जिसके बाद पायलट सतर्क हो गया था। उसने तुरंत इमरजेंसी ब्रेक लगाई थी और पास के रेलवे स्टेशन के स्टेशन मास्टर को इसके बारे में जानकारी दी थी।
घटना के बाद आतंकवाद निरोधी दस्ता (एटीएस), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और स्थानीय पुलिस इसकी जांच में जुट गए हैं। अधिकारी डेटोनेटर लगाने के पीछे के मकसद और जिम्मेदार व्यक्तियों का पता लगाने के लिए स्थिति की जांच भी कर रहे हैं।
कानपुर में फिर ट्रेक पर पाया गया गैस सिलेंडर
इससे पहले रविवार को ही उत्तर प्रदेश के कानपुर में दिल्ली-हावड़ा रेल मार्ग पर महाराजपुर में ट्रेन को पटरी से उताने की योजना बनाई गई थी। यह घटना प्रेमपुर रेलवे स्टेशन के पास घटी है जिसमें ट्रैक पर एक छोटा सा खाली गैस सिलेंडर रखकर ट्रेन को डिरेल करने की कोशिश की गई थी।
घटना के समय वहां से एक मालगाड़ी गुजर रही थी। मालगाड़ी के लोको पायलट ने सिलेंडर को ट्रेन से टकराने से बचने के लिए आपातकालीन ब्रेक भी लगा दिया था।
मालगाड़ी कानपुर से लूप लाइन के रास्ते प्रयागराज जा रही थी। पुलिस ने पुष्टि की है कि सिलेंडर खाली था और उसका वजन लगभग पांच किलो का था। अधिकारियों द्वारा इस घटना की भी जांच की जा रही है।
यूपी में दूसरी बार घटी है घटना
इससे पहले इसी महीने आठ सितंबर को इसी तरह से ट्रेन को डिरेल करने की योजना बनाई गई थी। ट्रेन की पटरी पर एलपीजी सिलेंडर रखा गया था और कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की कोशिश की गई थी।
ट्रेन सिलेंडर से टकरा गई थी जिसके बाद पायलट ने ट्रेन को रोक दिया था। हालांकि घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ था। यही नहीं इससे पहले पनकी औद्योगिक क्षेत्र के पास साबरमती एक्सप्रेस का इंजन और 20 बोगियां पटरी से उतर गई थीं।