दिसपुरः असम सरकार ने रविवार, 9 नवंबर को एक बार फिर से वन भूमि पर अवैध रूप से बसे घरों का बेदखली अभियान शुरू कर दिया है। सरकार द्वारा यह अभियान इससे पहले राज्य के पूर्वी, पश्चिमी और उत्तरी जिलों में चलाया गया। हालांकि सिंगापुर में सिंगर जुबीन गर्ग की मौत के बाद इस अभियान पर रोक लगाई गई थी। इस अभियान के तहत 580 से अधिक मकान गिराए गए।
असम के पश्चिमी जिले गोवालपारा में एक बार फिर से यह अभियान शुरू किया गया। वन विभाग ने दहिकाता रिजर्व फॉरेस्ट में 153 हेक्टेयर में फैले 588 घरों को ध्वस्त कर दिया।
जिले के डीएफओ ने क्या कहा?
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने जिले के प्रभागीय वन अधिकारी (डीएफओ) तेजस मारिस्वामी के हवाले से लिखा “अभियान से कई दिन पहले 588 घरों को बेदखली नोटिस जारी कर दिए गए थे।”
उन्होंने यह भी बताया कि नोटिस मिलने के बाद, 30 से 40 प्रतिशत अवैध निवासियों ने अपना कीमती सामान लेकर अपने घर खाली कर दिए। मारिस्वामी ने कहा, “कोई बड़ा विरोध या टकराव नहीं हुआ। सब कुछ शांतिपूर्वक निपट गया।”
बेदखल किए गए लोगों में से अधिकांश बंगाली मुसलमान हैं। दहिकाता रिजर्व फॉरेस्ट हाथियों का एक महत्वपूर्ण आवास है।
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डीएफओ ने कहा, “हम अगले साल मार्च या अप्रैल में शुरू होने वाले एक वृक्षारोपण अभियान के जरिए हाथियों के इस आवास को पुनर्जीवित करेंगे। वृक्षारोपण से मानव-हाथी संघर्ष की घटनाओं को रोकने में मदद मिलेगी, जो गोवालपाडरा के कुछ हिस्सों में आम है।”
उन्होंने आगे कहा, “हम एक-एक करके आरक्षित वनों पर काम कर रहे हैं। हमने आठ आरक्षित वनों से अतिक्रमण हटा दिया है। कुछ और क्षेत्र हैं जहां से अतिक्रमण हटाना बाकी है।”
असम में इस अभियान के दौरान तैनात रहे सुरक्षाकर्मी
अधिकारियों ने बेदखली अभियान के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षाकर्मियों और उत्खनन मशीनों व ट्रैक्टरों सहित भारी मशीनरी तैनात की। गोवालपारा के जिला मजिस्ट्रेट प्रदीप तिमुंग ने मीडिया को बताया कि यह अभियान गुवाहाटी उच्च न्यायालय के निर्देशों के अनुसार चलाया गया।
एक बेदखल व्यक्ति ने मीडिया को बताया कि राज्य सरकार बेदखली अभियान चलाकर “जुबीन गर्ग के लिए न्याय” की मांग से लोगों का ध्यान नहीं हटा पाएगी।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा था कि राज्य भर में बेदखली अभियान जारी रहेगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक वह पद पर बने रहेंगे, “अवैध मियाओं” को चैन नहीं मिलेगा। मिया असम में बंगाली मुसलमानों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक अपमानजनक शब्द है।
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असम में यह अभियान पहले शुरू किया गया था लेकिन सिंगापुर में सिंगर जुबीन गर्ग की मौत के बाद इस पर रोक लगाई गई थी। सिंगर जुबीन सिंगापुर में एक कार्यक्रम के लिये गए थे। इस दौरान स्कूबा डाइविंग करते समय उनकी मौत हो गई थी।
उनकी मौत की वजह की जांच के लिए मांग की जा रही है। हाल ही में पत्रकारों से बातचीत के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा था कि वह इसे दुर्घटना नहीं बल्कि हत्या मानते हैं। उन्होंने उम्मीद जताई थी कि मामले में एसआईटी 8 दिसंबर को आरोपपत्र दाखिल करेगी। एसआईटी अब तक इस मामले में सात लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है।

