नई दिल्लीः भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) एशिया कप ट्रॉफी का मुद्दा अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) में उठाने की तैयारी में है। एशिया कप ट्रॉफी फिलहाल एशियन क्रिकेट काउंसिल (एसीसी) के दुबई कार्यालय में है। भारतीय टीम ने 28 सितंबर को एशिया कप खिताब जीतने के बाद मोहसिन नकवी के हाथों इसे लेने से मना कर दिया था।
बीसीसीआई के मुताबिक, नकवी जो कि पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) के भी प्रमुख हैं ने कहा था कि भारतीय टीम एशिया कप ट्रॉफी दुबई कार्यालय से ले सकती है।
बीसीसीआई ने एसीसी को लिखा था मेल
यह घटनाक्रम बीसीसीआई द्वारा एसीसी प्रमुख मोहसिन नकवी को लिखे आधिकारिक मेल लिखने के बाद आया है। बीसीसीआई ने 21 अक्टूबर को एसीसी के नाम एक आधिकारिक मेल लिखा था। इसमें कहा गया था कि मेल का जवाब न आने पर इस मामले को आईसीसी के समक्ष उठाया जाएगा।
नकवी हालांकि अपने रुख पर अड़े रहे और कहा कि बीसीसीआई से आग्रह किया कि दुबई स्थित एशियाई क्रिकेट संस्था से लें। इसके लिए एक अधिकारी भेजने की बात कही थी।
इंडिया टुडे ने बीसीसीआई के एक सूत्र के हवाले से लिखा कि एसीसी प्रमुख के अड़े रहने के कारण बोर्ड आगामी आईसीसी बैठक में इस मुद्दे को उठाने को योजना बना रहा है। उन्होंने बताया कि ट्रॉफी के संबंध में हम उनका जवाब स्वीकार नहीं करेंगे।
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उन्होंने बताया कि 4-7 दिसंबर तक दुबई में आईसीसी की बैठक होगी। इस बैठक में इस मामले से संबंधित विस्तृत बातचीत होगी। इससे पहले बीसीसीआई ने मोहसिन नकवी के आचरण की कड़ी आलोचना की थी। बीसीसीआई ने कहा था कि एशिया कप की ट्रॉफी का अधिकार भारत के पास है।
बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने इस बात पर जोर दिया कि 2025 एशिया कप ट्रॉफी औपचारिक रूप से सूर्यकुमार यादव की अगुवाई वाली विजेता भारतीय टीम को सौंप दी जानी चाहिए और उसे तत्काल एसीसी के अधीन कर दिया जाना चाहिए।
जारी है गतिरोध
बीसीसीआई की इन मांगों के बावजूद गतिरोध जारी है। बीसीसीआई को श्रीलंका और अफ़ग़ानिस्तान में भी सहयोगी मिल गए हैं जिनके क्रिकेट बोर्डों ने नकवी से ट्रॉफी जारी करने का आग्रह किया है।
इससे पहले पाकिस्तान से आई खबरों में नकवी के रुख में नरमी आने की बात कही गई थी। पीसीबी प्रमुख कथित तौर पर 10 नवंबर को एक आधिकारिक ट्रॉफी हस्तांतरण समारोह आयोजित करने की योजना बना रहे थे ताकि लंबे समय से चले आ रहे विवाद को सुलझाया जा सके और मामले को निपटाया जा सके।
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इस बीच, नकवी ने भारत को एक पत्र लिखा था और भारत की जीत की सराहना की। नकवी ने राजनीतिक मामलों पर एसीसी के तटस्थ रुख की पुष्टि की। इसके साथ ही, एसीसी ने क्रिकेट के राजनीतिकरण पर चिंता व्यक्त की और खेल प्रशासन और राजनीतिक पहलुओं के बीच चल रहे तनाव को उजागर किया।