नई दिल्लीः दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चोर हैं या ईमानदार हैं, इसका फैसला अदालत से अभी होना है। लेकिन अदालत के साथ साथ केजरीवाल का कहना है कि वो जनता की अदालत में आ चुके हैं। अपने गुनाहों या बेगुनाही का सारा हिसाब किताब तय करने का जिम्मा उन्होंने दिल्ली की जनता पर छोड़ दिया है। केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली की जनता चुनावों में वोट से बता दे कि वो चोर हैं या ईमानदार हैं।
दिल्ली में अगले साल फरवरी में विधानसभा के चुनाव होने वाले हैं। ये केजरीवाल के लिए दिल्ली का चौथा चुनाव होगा। अभी दिल्ली के चुनाव में चार से पांच महीने का वक्त है। दिल्ली के चुनाव में क्या होगा, ये अभी कहना बहुत मुश्किल है। हो सकता है कि अभी किसी के लिए आसार दिख रहे हों लेकिन चुनाव के नतीजे आए तो उसका संसार लुट चुका हो। फिर भी आज की तारीख में दिल्ली के मनोभाव को देखिए और पुराने चुनावों के पैटर्न का अध्ययन कीजिए तो आम आदमी पार्टी का पलड़ा भारी दिखता है।
बोले भारत में हम बताने जा रहे हैं कि जनता की अदालत में अपना केस लेकर जा चुके अरविंद केजरीवाल की चुनाव रणनीति क्या है और वो कैसे इस्तीफे के अपने एक तीर से कई निशाने साधने की कोशिश कर रहे हैं।