मोकामा विधानसभा क्षेत्र से जदयू उम्मीदवार अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर बिहार में राजनीतिक पारा और बढ़ गया है। पटना के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कार्तिकेय के. शर्मा देर रात भारी पुलिस बल के साथ मोकाामा पहुंचे और करीब 12:30 बजे आनंद सिंह को उनके बाढ़ स्थित आवास से गिरफ्तार किया, जब वे सो रहे थे।
गौर करने वाली बात यह है कि गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले तक आनंद सिंह मोकाामा के कई गांवों में चुनाव प्रचार कर रहे थे। गिरफ्तारी के तुरंत बाद उनके सोशल मीडिया अकाउंट से एक पोस्ट शेयर की गई जिसमें लिखा था- “सत्यमेव जयते!! मुझे मोकामा की जनता पर पूरा भरोसा है, अब चुनाव की लड़ाई जनता लड़ेगी।”

अनंत की गिरफ्तारी को उनके समर्थकों ने जहां राजनीतिक साजिश बताया, वहीं विरोधियों ने कहा कि यह कानून की प्रक्रिया है।
बिहार में जदयू नेता आनंद सिंह की गिरफ्तारी के बाद महागठबंधन की ओर से मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव ने एनडीए पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि मोकामा में जो हुआ, वह एनडीए की नीतियों का नतीजा है और ऐसी घटनाएं होना अब आम हो गया है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान तेजस्वी यादव ने कहा, “बिहार में हर दिन गोलियां चल रही हैं, हत्याएं हो रही हैं। रोहतास में पिता-पुत्र की हत्या हुई, लेकिन सरकार सोई हुई है। राज्य में अब पूरी तरह महाजंगलराज की स्थिति है और एनडीए को यह सब दिखाई नहीं देता।”
सरकार बनते ही हर अपराधी को जेल भेजा जाएगाः तेजस्वी
उन्होंने कहा कि अगर उनकी सरकार बनती है तो दो महीने के भीतर हर अपराधी को जेल भेजा जाएगा। तेजस्वी ने दावा किया, “14 नवंबर को महागठबंधन की सरकार बनेगी, 18 नवंबर को हम शपथ लेंगे। 26 नवंबर से 26 जनवरी के बीच जात-पात या धर्म से ऊपर उठकर हर अपराधी को जेल भेजा जाएगा।”
राजद नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री गुजरात में फैक्ट्री लगाते हैं और बिहार में सिर्फ जीत चाहते हैं। यह नीति अब नहीं चलेगी। एनडीए के नेता कहते हैं कि एक करोड़ नौकरियां देंगे, जबकि 11 साल में उन्होंने एक भी नौकरी नहीं दी। रोजगार का वादा अब सिर्फ जुमला बनकर रह गया है।”
तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि एनडीए नेताओं ने अपराधियों को संरक्षण दिया है और प्रशासन को पंगु बना दिया है। उन्होंने कहा कि 20 साल की एनडीए सरकार में युवाओं को सिर्फ ठगा गया है। उन्हें सिर्फ नौकरी और सम्मान चाहिए था, लेकिन यह सरकार भ्रष्टाचार में डूबी रही। इसलिए अब युवा सत्ता परिवर्तन के लिए तैयार हैं। तेजस्वी ने भरोसा जताया कि इस बार बिहार की जनता महागठबंधन की सरकार बनाएगी, जो हर घर तक सरकारी नौकरी पहुंचाने का काम करेगी।
सरकार ने नहीं जनता के दबाव में की गई गिरफ्तारीः मीसा
अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर राजद नेता मीसा भारती ने भी एनडीए सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई बिहार सरकार ने नहीं, बल्कि जनता के दबाव और चुनाव आयोग की शर्मिंदगी के कारण की है।
पटना में मीडिया से बात करते हुए मीसा ने कहा कि हमने मोकामा की घटना देखी। जदयू उम्मीदवार का 60 गाड़ियों का काफिला भी देखा। यह कार्रवाई दिखावे के लिए की गई है। अगर वाकई गिरफ्तारी करनी थी, तो दिन में करते, ताकि जनता देखती कि एक अपराधी को कैसे पकड़ा जाता, लेकिन रात में अंधेरे में सबकुछ छिपा दिया गया।
उन्होंने कहा कि जब आम आदमी गिरफ्तार होता है, तो उसे हथकड़ी लगाई जाती है और घसीटा जाता है, लेकिन बाहुबली नेताओं के लिए नियम अलग हैं। चुनाव आते ही इन्हें जेल से निकालकर प्रचार कराया जाता है।
मीसा ने तेजस्वी यादव के बयान का समर्थन किया कि महागठबंधन की सरकार बनने के बाद दो महीने में अपराधियों को जेल भेजा जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं पूरी तरह तेजस्वी की बात से सहमत हूं। बिहार की जनता ने उनके काम करने का तरीका देखा है, और अगली सरकार तेजस्वी यादव के नेतृत्व में ही बनेगी।
जैसी छवि है, गिफ्तारी तो होनी थीः तेज प्रताप
अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर जनशक्ति जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष तेज प्रताप यादव ने कहा कि उनकी छवि और उनके खिलाफ दर्ज गंभीर आपराधिक मामलों को देखते हुए, यह कदम तय था। पटना में मीडिया से बातचीत में तेज प्रताप ने कहा, जिस तरह की उनकी छवि है, उनकी गिरफ्तारी तय थी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पटना रोड शो पर उन्होंने कहा कि सभी दल चुनाव में व्यस्त हैं। हर पार्टी रोड शो कर रही है, हमारी भी तैयारी जारी है।
राजद नेता तेजस्वी यादव के 18 नवंबर को शपथ लेने संबंधी बयान पर तेज प्रताप ने कहा, चुनाव है, कोई कुछ भी कह सकता है। जनता तय करेगी कौन क्या करेगा। तेज प्रताप ने अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और बताया कि उन्होंने केंद्र सरकार से सुरक्षा की मांग की है।
चिराग पासवान और भाजपा नेताओं ने क्या कहा?
जदयू प्रत्याशी अनंत सिंह की गिरफ्तारी पर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि विपक्ष इसे बेवजह मुद्दा बना रहा है। अगर सरकार अपराधियों को संरक्षण देती, तो यह गिरफ्तारी नहीं होती।
मीडिया से बात करते हुए चिराग ने कहा कि हमारी सरकार का रुख साफ है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हमेशा कहते हैं, न किसी को बचाएंगे, न किसी को फंसाएंगे। घटना दुखद है, लेकिन दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। जांच चल रही है और किसी को छोड़ा नहीं जाएगा।
इस बीच, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि एनडीए सरकार में कोई भी कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष सत्ता में था, तब अपराधी मुख्यमंत्री आवास में शरण लेते थे। अब जदयू प्रत्याशी की भी गिरफ्तारी हुई है, यह सुशासन का सबूत है।
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने तेजस्वी यादव पर पलटवार करते हुए कहा कि “1990 से 2005 तक जंगलराज के दौर में अपराधियों को मुख्यमंत्री आवास में पनाह मिलती थी। भ्रष्टाचार और अपहरण चरम पर था। वही संस्कृति आज भी उनके दल में जारी है।”
वहीं, भाजपा सांसद धर्मशीला गुप्ता ने कहा कि विपक्ष घबराया हुआ है क्योंकि बिहार में फिर एनडीए सरकार बनने जा रही है। उन्होंने कहा कि पुलिस जांच कर रही है, सच सामने आएगा। जनता जंगलराज नहीं भूल सकती।
कौन हैं अनंत सिंह
अनंत सिंह, जिन्हें लोग “छोटे सरकार” के नाम से जानते हैं, दो दशक से अपनी मजबूत राजनीतिक पकड़ बनाए हुए हैं। उन्होंने 2005 में पहली बार विधायक बनकर एंट्री की थी और तब से लेकर अब तक मोकामा सीट लगभग लगातार उनके परिवार के कब्जे में रही है, सिवाय उस वक्त के जब यह सीट एक अन्य बाहुबली के हाथ चली गई थी।
अनंत सिंह 2010 में दोबारा जीते और 2015 में जदयू छोड़कर निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, तब भी उन्होंने जीत हासिल की। 2020 के चुनाव से पहले वे राजद में शामिल हुए और फिर से विधानसभा पहुंचे। लेकिन 2022 में हथियार रखने के मामले में दोषसिद्ध होने के बाद वे अयोग्य घोषित कर दिए गए। इसके बाद उनकी पत्नी नीलम देवी ने राजद उम्मीदवार के रूप में उपचुनाव जीता और इस समय मोकामा की विधायक हैं।
अब 2025 के चुनाव में अनंत सिंह फिर से मैदान में हैं, इस बार जदयू के टिकट पर। उनके खिलाफ राजद की ओर से वीणा देवी चुनाव लड़ रही हैं, जो पूर्व सांसद और बाहुबली सूरजभान सिंह की पत्नी हैं। सूरजभान को 2000 में मोकामा से जीत मिली थी, लेकिन बाद में हत्या के एक मामले में दोषी ठहराए गए थे।
अनंत सिंह ने अपने नामांकन पत्र में खुलासा किया है कि उन पर हत्या, आपराधिक साजिश, अपहरण, दंगा और धमकी जैसे गंभीर आरोपों वाले 28 मुकदमे चल रहे हैं। उन्होंने अपनी कुल चल-अचल संपत्ति ₹37.88 करोड़ बताई है, जबकि कुछ पुराने हलफनामों में यह आंकड़ा ₹100 करोड़ से अधिक बताया गया था।
मोकामा में दो प्रतिद्वंद्वी गुटों के बीच हिंसा कोई नई बात नहीं है। इसी साल जनवरी में अनंत सिंह के गुट और सोनू-मोनू गिरोह के बीच गोलाबारी हुई थी, जिसके बाद उन्होंने अदालत में आत्मसमर्पण किया और जेल भेजे गए। अगस्त 2024 में उन्हें आर्म्स एक्ट के एक मामले में बरी किया गया था।
30 अक्टूबर को मोकामा में चुनाव प्रचार के दौरान दो गुटों में हुई फायरिंग में जन सुराज कार्यकर्ता दुलारचंद यादव की गोली लगने से मौत हो गई। पथराव में कई लोग घायल हुए। पटना के एसएसपी कार्तिकेय शर्मा के अनुसार, “घटना के दौरान उम्मीदवार अनंत सिंह मौके पर मौजूद थे और उन्हें मुख्य आरोपी बनाया गया है।” पुलिस ने उन्हें मणिकांत ठाकुर और रंजीत राम के साथ गिरफ्तार किया है।
मोकामा लंबे समय से प्रभावशाली और विवादित बाहुबलियों का गढ़ रहा है। इस बार यहां अनंत सिंह और वीणा देवी के बीच मुकाबला सिर्फ राजनीतिक नहीं, बल्कि प्रभाव और प्रभुत्व की जंग के रूप में देखा जा रहा है।

