तेहरान: इजराइल के साथ बढ़ते तनाव के बीच ईरान ने सोमवार को देश के यहूदी अल्पसंख्यक समुदाय के एक शख्स को फांसी दे दी। एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) के हवाले से यह जानकारी सामने आई है। शख्स को हत्या का दोषी ठहराया गया था।
समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार नॉर्वे स्थित ईरान मानवाधिकार समूह (IHR) ने कहा कि सड़क पर लड़ाई के दौरान हत्या का दोषी ठहराए जाने के बाद 20 साल के अरविन घरेमानी नाम के इस शख्स को पश्चिमी शहर करमानशाह की जेल में फांसी दी गई।
आईएचआर के निदेशक महमूद अमीरी-मोघदाम ने कहा, ‘इजराइल के साथ युद्ध की धमकियों के बीच इस्लामिक गणराज्य ने एक ईरानी यहूदी नागरिक अरविन घरेमानी को फांसी दे दी।’ उन्होंने दावा किया कि शख्स से जुड़े कानूनी मामले में ‘महत्वपूर्ण खामियां’ थीं।
अमीरी-मोघदाम ने कहा, ‘हालांकि इसके अलावा, (कानूनी प्रक्रियाओं में खामियों के अलावा) अरविन एक यहूदी था और इस्लामी गणतंत्र में संस्थागत यहूदी-विरोधी भावना ने निस्संदेह उसकी मौत की सजा जल्द कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।’
ईरान में यहूदी समुदाय
शिया-प्रभुत्व वाले ईरान में एक समय यहूदी समुदाय की अच्छी-खासी संख्या थी। हालांकि, 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद से यह तेजी से कम हुआ है। इसके बावजूद आज भी इजराइल के बाहर पश्चिम एशिया में यहूदी सबसे अधिक ईरान में ही हैं।
यहूदी ईरानियों को इस्लामी क्रांति के तत्काल बाद भी मौत की सजा देने के मामले कई हैं। लेकिन हाल के वर्षों में किसी यहूदी ईरानी को फांसी देना अभूतपूर्व माना जा रहा है। घरेमानी की मां सोनिया सादती ने जबकि उसकी जान बख्शने की मांग की थी।
ऐसी भी खबरें आई हैं कि शख्स के परिवार ने उसे बचाने के लिए पीड़ित के रिश्तेदारों से ईरान के इस्लामी कानून (किसास, qisas) के तहत एक विकल्प भी आजमाया था। इस विकल्प के अनुसार मौत की सजा के बदले पीड़ित के रिश्तेदारों से ‘ब्लड मनी’ स्वीकार करने का आग्रह किया था।
ईरानी कानून के तहत एक बार जब किसी व्यक्ति को ‘जानबूझकर हत्या’ का दोषी पाया जाता है, तो मौत की सजा को बदलने का एकमात्र तरीका यह है कि मृतक का परिवार अपराधी को माफ कर दे।
हालांकि, ईरानी न्यायपालिका संबंधी जानकारी देने वाली ‘मिजान ऑनलाइन’ वेबसाइट ने घरेमानी की फांसी की पुष्टि करते हुए कहा कि पीड़ित के परिवार ने इस सौदे के लिए ‘सहमति देने से इनकार कर दिया था।’
हत्या का ये मामला दो साल पुराना है। यह भी बताया जाता है अरविन घरेमानी ने आमिर शोकरी नाम के एक शख्स की हत्या कथित तौर पर आत्मरक्षा के लिए कर दी थी। जिस शख्स की हत्या हुई, उसने चाकू से घरेमानी पर हमला किया था।
गाजा पट्टी और लेबनान में ईरान समर्थित हमास और हिज्बुल्लाह जैसे संगठन के साथ इजराइल युद्ध कर रहा है। इस परिस्थिति ने कई मौकों पर इजराइल और ईरान को भी सीधे एक-दूसरे के सामने लाकर खड़ा कर दिया है। दोनों देशों ने एक-दूसरे पर कई हवाई हमले भी हाल में किए हैं।