नई दिल्ली: भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा, जिन्हें हाल ही में कनाडा से निष्कासित किया गया, ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो पर भारत-कनाडा राजनीतिक संबंधों को नष्ट करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि उन पर लगाए गए आरोप राजनीतिक रूप से प्रेरित हैं और कनाडा बिना किसी साक्ष्य के खालिस्तान समर्थक चरमपंथियों का समर्थन कर रहा है। वर्मा ने स्पष्ट रूप से कहा कि कनाडा केवल खुफिया जानकारी पर आधारित कार्य कर रहा है, जबकि कोई ठोस सबूत नहीं है।
खुफिया जानकारी के आधार पर कनाडा ने भारत के साथ रिश्ते नष्ट किए
पिछले हफ्ते कनाडा ने संजय वर्मा और पांच अन्य भारतीय राजनयिकों को आपराधिक गतिविधियों में संलिप्त होने का आरोप लगाते हुए निष्कासित कर दिया। इसके जवाब में, भारत ने भी कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया। कनाडा के सीटीवी से बातचीत में संजय वर्मा ने कहा, “जस्टिन ट्रूडो ने स्वयं स्वीकार किया कि उनके पास कोई साक्ष्य नहीं है। अगर खुफिया जानकारी के आधार पर आप संबंधों को नष्ट करना चाहते हैं, तो यह आपकी मर्जी है। और उन्होंने वही किया।”
Expelled Indian High Commissioner to Canada Sanjay Kumar Verma denies playing any role in the murder of Canadian Sikh activist Hardeep Singh Nijjar, claiming to Vassy Kapelos “no evidence has been presented” while characterizing the allegation as “politically motivated.” pic.twitter.com/eyviNcI28J
— CTV Question Period (@ctvqp) October 20, 2024
भारत ने कभी किसी को निशाना नहीं बनाया: संजय वर्मा
संजय वर्मा से जब पूछा गया कि क्या भारत सरकार कभी भी कुछ खास लोगों को निशाना बनाने में शामिल रही है, जिसका अंतिम लक्ष्य उनकी हत्या करना रहा हो, तो वर्मा ने कहा, कभी नहीं। जबकि कुछ G7 देशों ने किया है और इस पर दोहरे मापदंड नहीं होने चाहिए। उन्होंने कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली पर राजनीतिक रूप से बोलने का आरोप लगाया और कहा कि उनके पास कुछ भी नहीं है।
वर्मा ने यह भी स्पष्ट रूप से कहा कि वह निज्जर की हत्या की निंदा करते हैं। कोई भी हत्या गलत और बुरी है। मैं निंदा करता हूँ। मैंने हमेशा यही कहा है कि हमें हरदीप निज्जर की तह तक जाना चाहिए ना कि बेबुनियाद आरोप लगाने चाहिए।’ उन्होंने उन आरोपों का खंडन किया जिसमें कहा गया कि वह और अन्य भारतीय राजनयिक ऐसी जानकारी एकत्र कर रहे थे जिसका उपयोग कनाडाई नागरिकों को निशाना बनाने के लिए किया गया था।
कनाडा ने पारंपरिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया
वर्मा ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि कनाडा ने पारंपरिक प्रक्रिया का पालन नहीं किया। उन्होंने कहा कि सबूत पहले साझा किए जाने चाहिए थे, लेकिन किसी ने (जस्टिन ट्रूडो) ने संसद में खड़े होकर ऐसी बात की जिसके बारे में उन्होंने खुद कहा था कि कोई ठोस सबूत नहीं है। इसके अलावा, वर्मा ने कहा कि कनाडा ने भारत के 26 आतंकवादी गतिविधियों में शामिल व्यक्तियों के प्रत्यर्पण के अनुरोध को कभी पूरा नहीं किया। बकौल वर्मा, जिस दिन ट्रूडो ने यह किया, उस दिन से उन्होंने यह सुनिश्चित कर दिया कि भारत के साथ द्विपक्षीय संबंध केवल नीचे की ओर जाएं।
“He [Prime Minister Justin Trudeau] has made sure that the bilateral relation with India only goes downward, spiralling down,” said expelled Indian High Commissioner Sanjay Kumar Verma, before going on to cast doubt on the political independence of the RCMP. pic.twitter.com/FbrZVk38uA
— CTV Question Period (@ctvqp) October 20, 2024
अफवाहों पर आधारित है कनाडा की जानकारी
संजय वर्मा के अनुसार, कनाडा के पास जो तथाकथित सबूत हैं, वे केवल सुनी-सुनाई बातों पर आधारित हैं। उन्होंने कहा, “मुझे पता है कि वे एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति तक जाते हैं और अफवाहों के आधार पर जानकारी इकट्ठा करते हैं। ज्यादातर वे लोग हैं जो खालिस्तान समर्थक और भारत विरोधी तत्व हैं।”
मुझसे पूछताछ की जानी है तो पहले सबूत दिखाने होंगेः संजय वर्मा
कनाडा की खुफिया एजेंसियां वर्मा से पूछताछ करना चाहती थीं और उन्होंने भारत से उनकी राजनयिक सुरक्षा छूटने का अनुरोध भी किया। वर्मा ने कहा, “अगर मुझसे पूछताछ की जानी है, तो मुझे पहले सबूत दिखाने होंगे और यह पता होना चाहिए कि आखिर किस मामले में पूछताछ हो रही है।”
वर्मा ने यह भी स्पष्ट किया कि कनाडाई अधिकारियों ने उचित प्रक्रिया का पालन नहीं किया और वीजा के लिए देर से आवेदन किया। उन्होंने कहा, “उन्होंने 8 अक्टूबर को भारत जाने के लिए आवेदन किया, लेकिन उसी दिन अपना आवेदन पत्र जमा किया।”