नई दिल्ली: कनाडा सरकार ने स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम (एसडीएस) कार्यक्रम को निलंबित कर दिया गया है। कनाडा ने यह कदम तब उठाया है जब भारत के साथ उसके रिश्ते तनावपूर्ण हैं।
एसडीएस एक फास्ट-ट्रैक वीजा प्रक्रिया थी जिसमें भारत समेत अन्य विदेशी छात्रों को बहुत ही आसानी और कम समय में स्टडी वीजा मिल जाती थी। इस वीजा प्रोग्राम को साल 2018 में कनाडा के आप्रवासन, शरणार्थी और नागरिकता कनाडा (आईआरसीसी) द्वारा शुरू किया गया था।
एसडीएस के तहत कनाडा में स्टडी के लिए वीजा तुरंत मिल जाता था जिससे यह अंतरराष्ट्रीय छात्रों के अलावा भारतीय छात्रों के बीच भी काफी लोकप्रिय हो गया था।
भारतीय छात्रों में कनाडा में पढ़ाई का बड़ा क्रेज है और इस कारण हर साल भारी तादात में भारतीय छात्र कनाडा पढ़ाई के लिए जाते हैं। ऐसे में कनाडा द्वारा इस प्रोग्राम को बंद करने पर इसका सीधा असर भारतीय छात्रों पर पड़ेगा जिनकी विदेश में पढ़ाई की पहली पसंद कनाडा होती है।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, साल 2023 में कनाडा ने कुल दो लाख भारती छात्रों को स्टडी परमिट जारी किया था। ऐसे में प्रोग्राम के बंद होने पर न केवल अंतरराष्ट्रीय छात्रों बल्कि भारतीय छात्रों भी इससे प्रभावित होने वाले हैं।
एसडीएस के बंद होने से भारतीय छात्रों को कनाडा में पढ़ाई के वीजा के लिए लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा। एसडीएस प्रोग्राम के तहत भारतीय छात्रों की स्टडी वीजा जहां पहले हफ्तों में मिल जाते थे, ऐसे में अब इसके खत्म होने के बाद इस प्रक्रिया में महनों का समय लग सकता है।
स्टूडेंट डायरेक्ट स्ट्रीम के तहत 14 देशों के छात्रों को मिलता था लाभ
एसडीएस के तहत भारत समेत 14 अन्य देशों के छात्रों को कुछ जरूरी आवश्यकताओं के आधार पर स्टडी वीजा मिलता था। इन देशों में भारत, ब्राजील, चीन, कोलोंबिया, कोस्टा रिका, मोरोक्को, पाकिस्तान, पेरू समेत कुल 14 देशों शामिल थे।
इन आवश्यकताओं में पात्र छात्रों को 20,635 कनाडाई डॉलर (लगभग 1,258,735 रुपए) का कनाडाई गारंटीकृत निवेश प्रमाणपत्र (GIC) और अंग्रेजी या फ्रेंच में भाषा में अच्छी जानकारी यानी प्रवीणता की जरूरत पड़ती थी।
कनाडा में पढ़ाई की इच्छा रखने वाले छात्रों को केवल इन आवश्यकताओं को पूरा करना होता था जिससे उन्हें वहां पर सफर करने और रहने के लिए परमिट महीनों के बजाय केवल हफ्तों में ही मिल जाते थे।
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, इस वीजा प्रोग्राम के तहत भारत समेत अन्य देशों के छात्रों के वीजा अप्रूवल रेट 95 फीसदी था और इसमें केवल 20 दिनों में वीजा मिल जाता था।
प्रोग्राम के बंद होने को लेकर कनाडा सरकार ने अपनी वेबसाइट पर कहा है “कार्यक्रम की अखंडता को मजबूत करने, छात्रों की कमजोरियों को दूर करने और सभी छात्रों को आवेदन प्रक्रिया तक समान और निष्पक्ष पहुंच प्रदान करने के लिए इस पहल को बंद कर दिया गया है।”
क्यों कनाडा ने बंद किया है एसडीएस
हालांकि कनाडाई सरकार ने यह साफ नहीं किया है कि उसने आखिर प्रोग्राम को क्यों बंद किया है। लेकिन इससे जुड़े जानकारों और कुछ मीडिया रिपोर्टों में यह दावा किया गया है कि कनाडा में बढ़ते आवास संकट और संसाधनों की कमी को कारण इसे बंद किया गया होगा।
कुछ अन्य मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, कनाडा ने अपने संसाधनों और सेवाओं पर दवाब देते हुए साल 2023 में 807 हजार स्टडी वीजा जारी किया था। ऐसे में कनाडा साल 2025 के लिए स्टडी परमिट के कैप को आधा कर दिया है और इस बार वह केवल 437 हजार ही वीजा जारी करने का फैसला किया है।
यही नहीं कनाडा ने यहां आकर पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए सख्त नियम भी बनाए हैं। कनाडा द्वारा पोस्ट-ग्रेजुएशन वर्क परमिट (पीजीडब्ल्यूपी) के लिए शैक्षणिक और भाषा मानक को कठिन किया गया है। यही नहीं विदेश से कनाडा आने वाले छात्रों के पार्टनर के लिए वर्क परमिट के विकल्पों को पहले से कठिन और उसे कम किया गया है।
भारतीय छात्रों पर क्या पड़ेगा असर
कनाडा के स्टडी परमिट के लिए अंतर्राष्ट्रीय छात्रों के साथ भारतीय छात्र भी भारी संख्या में आवेदन करते हैं जिससे कनाडा सरकार को काफी दिक्कत होती थी। कनाडा द्वारा एसडीएस प्रोग्राम को बंद करने पर भारतीय छात्र अधिक प्रभावित हो सकते हैं और उन्हें अब लंबी प्रक्रिया से गुजरना पड़ेगा।
एक आकंड़े के अनुसार, साल 2022 में 80 फीसदी भारतीय आवेदकों ने एसडीएस को इस्तेमाल किया था जिसके वीजा अप्रूवल रेट 73 फीसदी थी जो सामान्य प्रक्रिया में केवल 10 फीसदी थी।