तेल अवीव/वॉशिंगटनः पश्चिम एशिया में स्थिति अत्यधिक तनावपूर्ण बनी हुई है। इजराइल द्वारा ईरान के सैन्य ठिकानों पर किए गए हमलों के बाद अमेरिका ने ईरान को किसी भी प्रतिशोध से बचने की चेतावनी दी है। अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि इजराइल के ये हमले दोनों देशों के बीच टकराव को समाप्त करने का संकेत हैं। ऑस्टिन ने कहा, “ईरान को इजराइल के इन हमलों का जवाब देने की गलती नहीं करनी चाहिए, क्योंकि यह सिलसिला अब समाप्त होना चाहिए।”
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी इस स्थिति पर अपनी चिंता व्यक्त की और कहा कि वे आशा करते हैं कि यह हमले अब इस बढ़ते तनाव का अंत होंगे। उन्होंने इजराइल के कदमों को जायज ठहराते हुए कहा कि इज़राइल ने केवल सैन्य लक्ष्यों को ही निशाना बनाया है और इस कार्रवाई का उद्देश्य तनाव को कम करना है।
गौरतलब है कि शनिवार सुबह इजरायली वायु सेना (आईएएफ) के सहयोग से ईरान पर तीन चरणों में हमले किए गए। यह कार्रवाई 1 अक्टूबर को तेहरान बैलिस्टिक मिसाइल अटैक का जवाब थी। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, इजराइली हवाई हमलों में कम से कम चार सैन्यकर्मी मारे गए और रडार सिस्टम क्षतिग्रस्त हो गए।
‘इजराइल ने कहा राष्ट्रीय हित सर्वोपरि, अमेरिका का दबाव नहीं’
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि उनकी सरकार ने ईरान में अपने लक्ष्यों का चयन राष्ट्रीय हितों के आधार पर किया है, ना कि अमेरिकी दबाव के कारण। उन्होंने इस बात को खारिज किया कि इजराइल ने अमेरिकी दबाव के चलते ईरानी गैस और तेल सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया। नेतन्याहू के कार्यालय से जारी बयान में कहा गया, “हमारे हित सर्वोपरि हैं और इसी आधार पर हमारी रणनीति है।”
विशेषज्ञों के अनुसार, इजराइल ने ईरान के पार्चिन सैन्य परिसर पर हमले किए, जो ईरान के बैलिस्टिक मिसाइल प्रोग्राम के लिए महत्वपूर्ण है। इन हमलों से ईरान की मिसाइल उत्पादन क्षमता को बड़ा झटका लग सकता है।
इजराइल के हमले पर ईरान की क्या रही प्रतिक्रिया
उधर, ईरान ने इजराइल के इन हमलों को कमतर बताते हुए कहा कि उसे क्षेत्रीय शांति और सुरक्षा का जिम्मा है। ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेझेश्कियन ने इजराइल को चेतावनी देते हुए कहा, “ईरानी लोग अपनी धरती की रक्षा में पूरी तत्परता से खड़े हैं और किसी भी मूर्खतापूर्ण कार्रवाई का जवाब समझदारी और धैर्य से देंगे।” ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने भी संयुक्त राष्ट्र से अपील की कि इजराइल के इन हमलों की निंदा की जाए और उन्होंने अपने देश के अधिकारों की रक्षा का संकल्प व्यक्त किया।
हमलों से ईरान की परमाणु फैसिलिटी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाः आईएईए
वियना स्थित अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इन हमलों से ईरान की परमाणु फैसिलिटी को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है। आईएईए के महानिदेशक राफेल ग्रॉसी ने ऐसी कार्रवाइयों में संयम और समझदारी बरतने की अपील की ताकि परमाणु और रेडियोधर्मी सामग्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
हिजबुल्लाह ने दी चेतावनी
लेबनान में ईरान समर्थित हिजबुल्लाह संगठन ने इजराइल के कई उत्तरी शहरों को खाली करने का अल्टीमेटम जारी किया। संगठन का कहना है कि इन शहरों में इजराइली सैनिकों की तैनाती है, इसलिए ये उनके निशाने पर हैं। हिजबुल्लाह के इस बयान ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है।
अमेरिकी राजनीति में हमले को लेकर प्रतिक्रियाएं
अमेरिकी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों ने भी इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रियाएं दीं। डोनाल्ड ट्रंप ने इसे लेकर उपराष्ट्रपति कमला हैरिस पर निशाना साधते हुए कहा कि “हम युद्ध की स्थिति में हैं और वे पार्टी कर रही हैं।” वहीं, हैरिस ने इस क्षेत्र में “शांति की अपील” की और किसी भी प्रकार की उकसाने वाली कार्रवाई से बचने की बात कही।
इजराइल-गाजा तनाव में वृद्धि
इस दौरान, इजराइल ने उत्तरी गाजा पर ताबड़तोड़ हमले जारी रखे, जिनमें कम से कम 30 लोगों की मौत हुई है। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इजराइली हमलों में पिछले एक साल में 42,000 से अधिक लोग मारे गए हैं। इस क्षेत्र में इज़राइल की कार्रवाइयों ने मानवाधिकार संगठनों की चिंता को और बढ़ा दिया है।