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अमेरिकाः भारतीय मूल के व्यक्ति को 15 साल की जेल, सरकारी खजाने से 43 लाख चोरी का आरोप

अमेरिका में भारतीय मूल के युवक को सरकारी खजाने से चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। युवक एक साथ दो नौकरी भी कर रहा था।

न्यू यॉर्कः अमेरिका में भारतीय मूल के व्यक्ति को कथित तौर पर दो नौकरी करने और सरकारी खजाने से 50,000 डॉलर (लगभग 43 लाख रुपये) चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। युवक की पहचान मेहुल गोस्वामी के रूप में हुई है। चोरी के आरोप में उसे 15 साल की सजा हो सकती है।

गोस्वामी कथित तौर पर न्यू यॉर्क राज्य सूचना प्रौद्योगिकी सेवा कार्यालय (आईटीएस) में एक दूरस्थ कर्मचारी के रूप में कार्यरत था और इसके साथ ही माल्टा के एक निकटवर्ती कार्यालय से दूसरी नौकरी भी कर रहा था और राज्य से वेतन प्राप्त कर रहा था।

सारागोटा और न्यू यॉर्क कार्यालय द्वारा संयुक्त जांच

इस मामले की जांच सारागोटा काउंटी शेरिफ कार्यालय और न्यू यॉर्क राज्य महानिरीक्षक कार्यालय द्वारा संयुक्त रूप से की जा रही थी।

हिंदुस्तान टाइम्स की खबर के मुताबिक, इंस्पेक्टर जनरल लूसी लैंग ने कहा कि सार्वजनिक कर्मचारियों को ईमानदारी से काम करने की जिम्मेदारी सौंपी जाती है और गोस्वामी का कथित आचरण उस विश्वास का गंभीर उल्लंघन है।

उन्होंने आगे कहा कि राज्य के लिए काम करने का दावा करते हुए दूसरी पूर्णकालिक नौकरी करना करदाताओं के पैसों और सार्वजनिक संसाधनों का दुरुपयोग है।

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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, न्यूयॉर्क के संशोधित नियमों के तहत गोस्वामी का यह अपराध गैर जमानती है।

इसमें आगे कहा गया कि हम अपने कानून प्रवर्तन सहयोगियों के साथ संबंधों को सचमुच महत्व देते हैं। उन्होंने कहा कि यह सहयोग की शक्ति का आदर्श उदाहरण है और हम अदालत में इस मामले के सफल समाधान की आशा करते हैं।

बढ़ रहा है मूनलाइटिंग कल्चर

बीते कुछ वर्षों में एक साथ दो नौकरियां करना आम बात हो गई है। इसे मूनलाइटिंग कहा जाता है। अमेरिकी जनगणना ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, 1996 से 2018 के बीच एक से ज्यादा नौकरियां करने वाले अमेरिकियों की संख्या में लगभग 10 फीसदी वृद्धि हुई है।

लेबर विभाग से लेबर सांख्यिकी ब्यूरो के मुताबिक, 2022 में करीब 4 मिलियन (40 लाख) से अधिक लोगों के पास एक साथ दो नौकरियां थीं। जबकि कुछ लाख श्रमिकों के पास 2022 में एक ही समय में दो पूर्णकालिक नौकरियां थीं।

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भारत में भी मूनलाइटिंग कल्चर देखा जा रहा है। इसका कारण न्यूनतम वेतन वृद्धि और बढ़ती जीवन-यापन जैसे कारकों के कारण विशेष रूप से आईटी क्षेत्र में अंशकालिक नौकरी का चलन तेजी से बढ़ रहा है। कंपनियां अब नियमों को कड़ा कर रही हैं और कर्मचारियों के किसी भी अघोषित रोजगार के इतिहास की जांच कर रही हैं।

आने वाले दिनों में भारत में भी इसको लेकर कड़े नियम बनाए जा सकते हैं। आमतौर पर लोग एक मुख्य नौकरी करते हुए साथ में कुछ पार्ट टाइम काम की तलाश करते हैं जिससे आजीविका बढ़ सके और बढ़ती महंगाई तथा उपभोक्तावादी दौर में कुछ मदद मिल सके।

अमरेन्द्र यादव
लखनऊ विश्वविद्यालय से राजनीति शास्त्र में स्नातक करने के बाद जामिया मिल्लिया इस्लामिया से पत्रकारिता की पढ़ाई। जागरण न्यू मीडिया में बतौर कंटेंट राइटर काम करने के बाद 'बोले भारत' में कॉपी राइटर के रूप में कार्यरत...सीखना निरंतर जारी है...

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