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अकबरुद्दीन ओवैसी का गुलाम बताते हुए शख्स ने कहा- मैं भी ’15 मिनट’ वाल हूं, केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने दी चेतावनी

नई दिल्लीः ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी का नाम अक्सर विवादों से जुड़ा रहा है। उनके पुराने बयानों को लेकर पहले भी राजनीतिक और सामाजिक हलकों में तीखी बहस होती रही है।

अब एक नया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें एक युवक खुले मंच से खुद को ओवैसी का “गुलाम” बताते हुए 2012 में दिए गए ’15 मिनट’ वाले बयान का जिक्र कर रहा है। इस वीडियो को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

क्या है वायरल वीडियो का मामला?

सोशल मीडिया पर वायरल इस वीडियो में एक युवक मंच से सभा को संबोधित करता नजर आ रहा है। वह घड़ी की ओर इशारा करते हुए कहता है, “अभी भी 15 मिनट बाकी हैं।” उसके यह कहते ही वहां मौजूद लोग जोरदार हूटिंग करने लगते हैं।

इसके बाद युवक दोबारा दोहराता है, “मैं भी अल्हम्दुलिल्लाह अकबरुद्दीन ओवैसी का गुलाम हूं। मैं भी 15 मिनट वाला ही हूं। अब जिसको जो समझना है, समझ ले। लास्ट बॉल पर जो 6 मारते हैं, वो मैं भी हूं।”

यह वीडियो तेजी से वायरल हो गया, जिसके बाद राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई और कई लोगों ने इस बयान को भड़काऊ करार दिया।

केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू की कड़ी प्रतिक्रिया

वायरल वीडियो को लेकर केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने तीखी प्रतिक्रिया दी और चेतावनी देते हुए कहा, “हिंदुओं को अनावश्यक रूप से चुनौती न दें! हमें बहुसंख्यक हिंदुओं का सम्मान करना चाहिए। मैं सभी से बार-बार कहता हूं कि वे हिंदुओं को बेवजह भड़काने से बचें, क्योंकि हिंदू स्वभाव से सहिष्णु हैं और उन्होंने भारत को धर्मनिरपेक्ष बनाया है।”

अकबरुद्दीन का क्या है ’15 मिनट’ वाला बयान?

दरअसल अकबरुद्दीन ओवैसी ने साल 2012 में तेलंगाना के चंद्रयानगुट्टा में एक सभा के दौरान कहा था, “हम हिंदुस्तान में 25 करोड़ हैं और तुम 100 करोड़ हो न? ठीक है, तुम हमसे ज्यादा हो। लेकिन अगर 15 मिनट के लिए पुलिस हटा ली जाए, तो हम बता देंगे कि किसमें कितनी ताकत है।”

उनके इस बयान पर देशभर में विवाद खड़ा हो गया था और उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया था। इसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा, लेकिन बाद में कोर्ट ने संदेह का लाभ देते हुए उन्हें बरी कर दिया था। अब फिर से उनका यह बयान चर्चा में है। 

अनिल शर्माhttp://bolebharat.com
दिल्ली विश्वविद्यालय से पत्रकारिता में उच्च शिक्षा। 2015 में 'लाइव इंडिया' से इस पेशे में कदम रखा। इसके बाद जनसत्ता और लोकमत जैसे मीडिया संस्थानों में काम करने का अवसर मिला। अब 'बोले भारत' के साथ सफर जारी है...

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