नई दिल्ली: काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन यानी सीआईएससीई बोर्ड 2025-26 शैक्षणिक सत्र से कुछ जरूरी बदलाव करने जा रहा है। बोर्ड द्वारा 11वीं और 12वीं के कोर्स में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और रोबोटिक्स को शामिल करने की योजना है।
सीआईएससीई द्वारा किया गया है यह परिवर्तन राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के अनुरूप है। बोर्ड के इस फैसले से 30 लाख से भी अधिक छात्रों पर असर पड़ेगा।
11वीं और 12वीं के कोर्सों में एआई और रोबोटिक्स जैसे सबजेक्ट को शामिल करने के पीछे छात्रों को कम उम्र में इसकी जानकारी देने का लक्ष्य है। सीआईएससीई का प्लान छात्रों को अभी से भविष्य की तकनीकों से उन्हें अवगत कराना है।
कंप्यूटर साइंस में शामिल होंगे ये कोर्स
बोर्ड का एआई और कोडिंग को कंप्यूटर साइंस में शामिल करने का प्लान है। इन कोर्सों को शुरुआती और एडवांस स्टेज में पढ़ाया जाएगा। इन बदलावों के आलावा सीआईएससीई ने कुछ और जरूरी बदलाव भी करने का फैसला लिया है।
इन बदलाव आने वाले 2025-26 शैक्षणिक सत्र और इससे आगे आने वाले सत्रों से शुरू किया जाएगा। बोर्ड द्वारा 2025-26 और इससे आगे आने वाले शैक्षणिक सत्रों से परीक्षाओं के ढ़ाचे में भी बदलाव करने का उद्देश्य है। इन सत्रों में होने वाली परिक्षाओं के प्रश्नों को योग्यता के आधार पर तैयार करने का प्लान है।
आने वाले शैक्षणिक सत्रों में ऐसे आएंगे प्रश्न
इसके तहत साल 2025 से 25 फीसदी प्रश्न ऐसे होंगे जो रटने की बजाय मूल कौशल पर ध्यान केंद्रित होंगे। बोर्ड द्वारा साल दर साल इस फीसदी को बढ़ाने पर भी फैसला लिया गया है। इसे साल 2026 में 40 और साल 2027 में 50 फीसदी करने की योजना है।
इस तरह के प्रश्नों को तैयार करने के पीछे बोर्ड का उद्देश्य छात्रों में आलोचनात्मक सोच और वास्तविक दुनिया की समस्या-समाधान क्षमताओं को विकसित करना है।
2025-26 शैक्षणिक सत्र से ये भी होगा लागू
इसके आलावा सीआईएससीई का कक्षा तीन, पांच और आठ के छात्रों के लिए डिजिटल मूल्यांकन भी शुरू करने की योजना है। इस मूल्यांकन को शुरू करने के पीछे बोर्ड का कहना है कि इससे छात्रों की पढ़ाई के स्तर में सुधार होगा।
इसके जरिए छात्रों में उपचारात्मक आवश्यकताओं और असाधारण क्षमताओं दोनों की पहचान करने में मदद मिलेगी। यही नहीं बोर्ड स्कूल सुधार योजना भी शुरू करने पर विचार कर रही है। इसका लक्ष्य उच्च प्रदर्शन करने वाले संस्थानों के सहयोग से सरकारी स्कूलों में शैक्षिक मानकों को ऊपर उठाना है।
2025-26 शैक्षणिक सत्र से छात्रों को सामान्य रिपोर्ट कार्ड के बजाय होलिस्टिक प्रोग्रेस कार्ड दिया जाएगा। इस कार्ड में छात्रों के एक्टिविटी और एबिलिटी वाले मार्क्स भी जोड़े जाएंगे।