ढाका: पड़ोसी देश बांग्लादेश में एक बार फिर से विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए हैं और इस बार प्रदर्शनकारियों के निशाने पर देश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन हैं। कुछ महीने पहले शेख हसीना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन आयोजित करने वाले एक प्रमुख छात्र संगठन ने मंगलवार को राष्ट्रपति को अपने पद से इस्तीफा देने की मांग की है।
शेख हसीना के समय उन्हें सत्ता से हटाने के लिए जिस तरीके के विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए थे, इस बार भी ऐसे ही प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं। विरोध करने वाले कई समूहों ने अलग-अलग बैनर के तहत एकजुट हुए थे और सभी ने शहाबुद्दीन के इस्तीफे की मांग की है।
बांग्लादेशी मीडिया के अनुसार, प्रदर्शनकारियों ने ढाका में राष्ट्रपति के आवास बंगभवन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया है और वहां जमकर नारेबाजी भी की है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस बैरिकेड को तोड़कर राष्ट्रपति आवास में घुसने की भी कोशिश की है जिसे पुलिस द्वारा रोका गया है।
सेना द्वारा शांति की अपील के बाद प्रदर्शनकारियों का विरोध शांत हुआ था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन को उनके इस्तीफे के लिए 24 घंटे का समय दिया है।
बांग्लादेश में फिर क्यों शुरू हुआ है विरोध प्रदर्शन
दरअसल, बांग्लादेश के राष्ट्रपति ने हाल में स्थानीय मीडिया को एक इंटरव्यू दिया था जिसमें उन्होंने शेख हसीना के पांच अगस्त के पीएम पद से इस्तीफे और देश छोड़कर जाने को लेकर एक बयान दिया था।
बयान में राष्ट्रपति ने दावा किया था कि उनके पास हसीना के इस्तीफे का कोई आधिकारिक दस्तावेज मौजूद नहीं है। इसके बाद उनके इस बयान का विरोध होने लगा और उन पर शेख हसीना का समर्थन करने का आरोप लगने लगा। देखते ही देखते विरोध इतना बढ़ गया कि प्रदर्शनकारी राष्ट्रपति आवास तक पहुंच गए और वहां प्रदर्शन करने लगे।
कुछ और रिपोर्ट के अनुसार, विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों की पांच मांगे हैं जिसमें उनकी पहली मांग बांग्लादेश के 1972 के संविधान को खत्म करना है। उन्होंने इसे पुराना और बांग्लादेश के संस्थापक नेता शेख मुजीबुर रहमान का समर्थन करने वाले संविधान बताया है। उनकी दूसरी मांग में राष्ट्रपति को उनके पद से हटाना भी शामिल है।
#WATCH | Dhaka: Protesters in Bangladesh sieged Banga Bhaban, the presidential palace, demanding the resignation of President Mohammed Shahabuddin, late last night
The army blocked them with the barricade after the protesters took a stand outside Banga Bhaban and started… pic.twitter.com/kqGb7ppcsN
— ANI (@ANI) October 23, 2024
विरोध में शामिल छात्र संगठन के नेता हसनत अब्दुल्ला ने चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर सरकार उनकी मांगों को इस हफ्ते तक पूरा नहीं करती है तो इसके खिलाफ भारी विरोध हो सकते हैं। हसनत ने दावा किया है कि वे राष्ट्रपति को बुधवार या गुरुवार तक उनके पद से हटा देंगे।
बांग्लादेश की बंगाली दैनिक प्रथम आलो के अनुसार, प्रदर्शन में शामिल प्रदर्शनकारी सैफुद्दिन मुहम्मद इमदाद ने कहा है कि शेख हसीना के पीएम पद छोड़ने के दो महीने बाद राष्ट्रपति यह कह रहे हैं उन्हें हसीना का इस्तीफा नहीं मिला है। वे इस पद को संभालने के लिए अपनी योग्यता को खो दिए हैं।
इस विरोध प्रदर्शन में कई ग्रुपों ने हिस्सा लिया है जिसमें इंकलाब मंच, रक्तिम जुलाई 24, जियाउर्रहमान समाजकल्याण परिषद और फासीवाद विरोधी छात्र-जन मंच भी शामिल हैं।
#BREAKING: 🇧🇩 CALLS FOR PRESIDENT SHAHABUDDIN’S REMOVAL GAIN MOMENTUM IN BANGLADESH
Protests demanding the resignation of Bangladesh’s President Mohammed Shahabuddin have intensified following his remarks about former PM Sheikh Hasina’s resignation.
Source: Times of India pic.twitter.com/nYxEOkpjes
— Md.Sakib Ali (@iamsakibali1) October 23, 2024
कौन हैं मोहम्मद शहाबुद्दीन?
राष्ट्रपति शहाबुद्दीन, एक पूर्व सिविल सेवक और नेता हैं जो साल 2023 में बांग्लादेश के 16वें राष्ट्रपति बने थे। उन्हें ‘चुप्पू’ के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें सत्तारूढ़ अवामी लीग पार्टी द्वारा नामित किया गया था। शहाबुद्दीन के आलोचक उन्हें शेख हसीना के साथ जुड़ा हुआ मानते हैं।
बांग्लादेश में कोटा विरोधी प्रदर्शन के तूल पकड़ने के बाद पीएम शेख हसीना ने पांच अगस्त को देश छोड़कर भारत चली आई थीं। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत आने के बाद उन्होंने कई देशों में शरण के लिए आवेदन किया था। उन्हें अभी तक किसी भी देश में शरण नहीं मिला है और वे अगस्त से भारत में हैं।