लखनऊ: यूपी के लखनऊ में 45 साल की महिला की ऑफिस में काम करते हुए अपनी सीट से गिरी जिसके बाद संदिग्ध परिस्थितियों में उसकी मौत हो गई है। सदफ फातिमा लखनऊ के एचडीएफसी बैंक में अतिरिक्त उपाध्यक्ष के पद पर काम कर रही थीं।
मगंलवार को ऑफिस में काम करते हुए वह अपनी सीट से नीचे गिरी थी जिसके बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था। अस्पताल में डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया था।
शुरुआती जांच में पुलिस ने यह दावा किया गया है कि महिला की मौत दिल का दौरा पड़ने से हुआ है। वहीं उसके साथियों ने ऑफिस कल्चर और काम के तनाव को जिम्मेदार ठहराया है।
यह घटना तब सामने आई है जब इसी साल जुलाई में 26 साल की अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की कथित काम के तनाव के कारण मौत हो गई थी। घटना पर समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने भी प्रतिक्रिया दी है और इस संबंध में एक्स पर दो पोस्ट भी शेयर किए हैं।
क्या है पूरा मामला
फातिमा के परिवार वालों का कहना है कि उसे ब्लड प्रेशर की समस्या थी जिस कारण वह तीन दिन पहले अस्पताल में भर्ती भी थी। इलाज के बाद मंगलवार को जब वह ऑफिस गई थी तो उसके साथ यह घटना घटी है।
फातिमा के लिंक्डइन प्रोफाइल से पता चलता है कि उसने पिछले साल जून में एचडीएफसी बैंक को ज्वाइन किया था। पुलिस ने लाश को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। मामले में पुलिस का कहना है कि उसे परिवार वालों के तरफ से अभी तक कोई भी शिकायत नहीं मिली है। पुलिस द्वारा परिवार वालों को बयान दर्ज कर लिया गया है।
ईवाई में भी घट चुकी है ऐसी ही घटना
इससे पहले जुलाई के महीने में पुणे के अर्न्स्ट एंड यंग (ईवाई) नामक कंपनी की कर्मचारी अन्ना सेबेस्टियन पेरायिल की भी मौत हो गई थी। उसके मौत के पीछे कथित काम के तनाव को कारण बताया जा रहा है। अन्ना की मां ने कंपनी पर काम के बोझ को बढ़ाने का आरोप लगाया है।
हालांकि कंपनी ने अन्ना की मां के आरोपों को खारिज किया है। मामला जब तूल पकड़ा तो केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा कि अन्ना की मौत की जांच की जा रही है।
मामले में सपा प्रमुख ने क्या कहा है
समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने फातिमा की मौत को लेकर ऑफिस कल्चर पर सवाल उठाया है। उन्होंने ऐसी मौतों को आर्थिक दबाव से जोड़ते हुए भारत में मौजूदा कामकाजी माहौल की आलोचना की है।
सपा नेता ने एक्स पर लिखा है “लखनऊ में काम के दबाव और तनाव के कारण एचडीएफ़सी की एक महिलाकर्मी की ऑफिस में ही, कुर्सी से गिरकर, मृत्यु का समाचार बेहद चिंतनीय है। ऐसे समाचार देश में वर्तमान अर्थव्यवस्था के दबाव के प्रतीक हैं। इस संदर्भ में सभी कंपनियों और सरकारी विभागों तक को गंभीरता से सोचना होगा।”
अखिलेश यादव ने आगे कहा है, “ये देश के मानव संसाधन की अपूरणीय हानि है। ऐसे आकस्मिक निधन काम के हालातों को सवालों के घेरे में ले आते हैं। किसी भी देश की असली तरक़्क़ी का पैमाना सेवा या उत्पाद के आँकड़े का बढ़ना नहीं होता बल्कि ये होता है कि व्यक्ति मानसिक रूप से कितना स्वतंत्र, स्वस्थ व प्रसन्न है।”
यादव ने यह भी कहा है, “भाजपा सरकार की नाकाम आर्थिक नीतियों के कारण कंपनियों का काम-कारोबार इतना घट गया है कि अपने व्यापार-व्यवसाय को बचाने के लिए वो कम लोगों से कई गुना काम करवाती हैं।”
सपा प्रमुख ने कहा है कि “ऐसी आकस्मिक मृत्यु के लिए जितनी भाजपा सरकार ज़िम्मेदार है उतने ही जनमानस को मानसिक रूप से हतोत्साहित करनेवाले भाजपाइयों के बयान भी। इस समस्या से उबरने के लिए कंपनियों और सरकारी विभागों को ‘तत्काल सुधार’ के लिए सक्रिय और सार्थक प्रयास करने चाहिए।”
कार्य की दशाओं में सुधार की जगह देश के युवाओं को दबाव झेलने की शक्ति पैदा करने का प्रवचन देकर, दुख के इस माहौल में युवाओं को और भी अधिक व्यथित करनेवाली भाजपाई मंत्री महोदया से आग्रह है कि यदि उनकी सरकार कोई सांत्वना नहीं दे सकती है, कोई सुधार नहीं कर सकती है तो न करे लेकिन इस…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 24, 2024
बता दें कि एक और एक्स पोस्ट में अखिलेश यादव ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की भी आलोचना की है। पोस्ट में उन्होंने सरकार से असंवेदनशील सलाह देने के बजाय कामकाजी परिस्थितियों में सुधार करने का आग्रह किया है।