नई दिल्लीः मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (MNP) सुविधा का इस्तेमाल करते समय धोखाधड़ी रोकने के लिए टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) ने 1 जुलाई से नए नियम लागू करने का ऐलान किया है। सिम कार्ड चोरी होने या डैमेज होने पर अब आपको नया सिम लेने के लिए 7 दिन का इंतजार करना पड़ेगा।
ट्राई ने सिम पोर्ट नियम में क्यों बदलाव किया?
पहले आपको स्टोर से तुरंत सिम कार्ड मिल जाते थे। लेकिन अब इसका लॉकिंग पीरियड बढ़ा दिया गया है। 7 दिन के बाद ही नया सिम कार्ड मिल पाएगा। इन नए नियमों का मकसद सिम स्वैप और रिप्लेसमेंट फ्रॉड को रोकना है। ट्राई ने 14 मार्च 2024 को ही इस बारे में जानकारी दी थी कि “टेलीकम्युनिकेशन मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (नौवां संशोधन) रेगुलेशन, 2024” 1 जुलाई से लागू हो जाएंगे।
आपको बता दें कि सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट का मतलब है जब कोई ग्राहक अपना खोया हुआ या खराब हो चुका सिम कार्ड बदलवाने के लिए नया सिम लेता है। पोर्टेबिलिटी सुविधा की मदद से आप अपना मोबाइल नंबर बरकरार रख सकते हैं, भले ही आप एक नेटवर्क से दूसरे नेटवर्क पर स्विच कर लें।
ट्राई ने पहले भी आठ बदलाव किए
मोबाइल नंबर पोर्ट कराने की प्रक्रिया को और बेहतर बनाने के लिए, टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ने 2009 के मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी नियमों में पहले भी आठ बार बदलाव किए हैं। इस नये बदलाव में, यूनिक पोर्टिंग कोड (UPC) के रिक्वेट को रिजेक्ट करने का अधिकार दिया गया है।
अब अगर आपने पिछले सात दिनों में ही सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट कराया है, तो आपको यूपीसी नहीं दिया जाएगा। पहले ये अवधि दस दिन हुआ करती थी।
ट्राई ने बताया है कि सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट कराने के बाद 10 दिन का इंतजार सही है, इस पर कुछ लोगों को सहमति थी। वहीं, कुछ का मानना था कि ये समय कम होना चाहिए, शायद 2 से 4 दिन ही काफी होंगे। उनका कहना था कि ज़रूरी मामलों में जल्दी पोर्ट कराने में दिक्कत हो सकती है।
ट्राई ने साफ किया है कि ये नए नियम इसलिए बनाए गए हैं ताकि गलत लोगों द्वारा फर्जी सिम स्वैप या रिप्लेसमेंट कर के धोखाधड़ी ना हो सके।