लखनऊः अयोध्या में पहली बारिश के बाद यहां नवनिर्मित रामपथ पर हुए गड्ढे के कारण राज्य सरकार की काफी किरकिरी हो रही है। राम मंदिर को लता चौक से जोड़ने वाले इस 13 किमी लंबे रामपथ पर दर्जनों गड्ढे बन गए हैं। अधिकारियों की तरफ से दबी जुबान में इसके लिए मौसम को दोषी बताया गया । उनका कहना था कि अयोध्या में दो दिन तक हुई तेज बारिश के चलते सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं।
सोशल मीडिया ने कलई खोल दी और गड्ढों की तस्वीरें लखनऊ से लेकर दिल्ली तक वायरल हो गईं। रामपथ के धंसने की वजह सामने आ गई है। इस मार्ग के बनने के दौरान इसके कुछ हिस्सों में बहुत तेजी से काम किया गया। ऐसे में खुदाई के बाद मिट्टी की परतों के दबने की प्राकृतिक प्रक्रिया के लिए बहुत कम समय मिला। इसके चलते भारी बारिश होने के कारण सड़क धंस गई। फिलहाल जल निगम ने सभी गड्ढों को भरवा दिया है। लोक निर्माण विभाग के सहयोग से मार्ग पर बने सीवर चैंबरों की निगरानी की जा रही है।
योगी सरकार ने क्या की अबतक कार्रवाई?
उत्तर प्रदेश सरकार ने लापरवाही और कर्तव्य के प्रति लापरवाही के लिए छह इंजीनियरों को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही रामपथ बनाने वाली कंपनी को भी नोटिस जारी किया है। सरकारी प्रवक्ता के अनुसार, वरिष्ठ अधिकारियों के निलंबन का आदेश शुक्रवार देर शाम जारी किया गया, जब सीएम योगी आदित्यनाथ और पीडब्ल्यूडी मंत्री एके शर्मा ने सड़क धंसने की खबरों का संज्ञान लिया।
6 अधिकारी निलंबित
जिन अधिकारियों पर कार्रवाई की गई है, उनमें पीडब्ल्यूडी के कार्यकारी अभियंता ध्रुव अग्रवाल, सहायक अभियंता अनुज देशवाल और कनिष्ठ अभियंता प्रभात पांडे शामिल हैं। इसके अलावा जल निगम के कार्यकारी अभियंता आनंद दुबे, एई राजेंद्र कुमार यादव और जेई मोहम्मद शाहिद को भी निलंबित कर दिया गया है। इन अधिकारियों पर शहर में खराब जल निकासी के लिए जुर्माना लगाया गया है।
रामपथ मार्ग बनाने वाली गुजराती कंपनी को नोटिस
राम मंदिर को लता चौक से जोड़ने वाले राम पथ में घटिया निर्माण कार्य के लिए राज्य सरकार ने अहमदाबाद की भुगन इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड को भी नोटिस भेजा है। गौरतलब है कि इसी कंपनी को मंदिर शहर में मेकओवर परियोजनाओं के तहत सिविल कार्य करने की जिम्मेदारी दी गई है। सड़क को बनाने के लिए 844 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।
पीडब्ल्यूडी अधिकारियों की मानें तो ‘रामपथ’ का निर्माण फर्म भुगन इन्फ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड के साथ पांच साल के समझौते के तहत किया गया था। समझौते के अनुसार, सड़क को होने वाले किसी भी नुकसान को निर्माण फर्म द्वारा अगले पांच वर्षों तक ठीक किया जाएगा। यहां तक कि आगामी मंदिर के गर्भगृह में रिसाव की खबर भी सुर्खियों में रही, लेकिन बाद में गुरुवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने इस दावे का खंडन किया।
फर्म की वेबसाइट के मुताबिक, भुगन इन्फ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड एक जानी-मानी निर्माण कंपनी है, जो पूरे भारत में सिविल इन्फ्रास्ट्रक्चर (नागरिक बुनियादी ढांचा) के क्षेत्र में काम करती है। यह कंपनी पूरे देश में अपनी सेवाएं देती है और इसे भारत में किसी भी तरह के बड़े प्रोजेक्ट को पूरा करने की मंजूरी प्राप्त है। अभी तक, कंपनी ने 20 से ज्यादा तरह के बड़े प्रोजेक्ट पूरे किए हैं।
वेबसाइट के मुताबिक, भुगन इंफ्राकॉन प्राइवेट लिमिटेड की शुरुआत 1996 में गुजरात के गणेश भाई एन. पटेल ने की थी। उस वक्त सिर्फ 5 लाख रुपए के निवेश से शुरू हुई ये कंपनी गुजरात में छोटे-छोटे प्रोजेक्ट्स करती थी। लेकिन अब यह राष्ट्रीय स्तर के प्रोजेक्ट पर काम कर रही है।
फर्म दावा करती है कि इसके पास 30 साल से भी ज्यादा का अनुभव है। 1996 से देश के कई राज्यों में सरकारी विभागों, नगर पालिकाओं, सार्वजनिक संस्थानों और निजी कंपनियों के लिए कई सफल प्रोजेक्ट पूरे कर चुकी है।