नई दिल्लीः बिहार पुलिस की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) ने शनिवार को नीट-यूजी पेपर लीक मामले की जांच रिपोर्ट केंद्र को सौंप दी। इस रिपोर्ट के मुताबिक, लीक हुए पेपर के 68 प्रश्न मूल नीट यूजी पेपर से हूबहू मिले हैं। ईओयू ने यह मिलान लीक पेपर के जलाए गए अवशेषों से की है।
इंडियन एक्सप्रेस ने ईओयू के हवाले से बताया है कि बिहार पुलिस की जांच टीम ने कथित तौर पर जलाए गए प्रश्नपत्र की फोटोकॉपी के जले हुए अवशेषों से 68 सवालों (200 सवालों में से) को असली प्रश्नपत्र से मिलता पाया है। असली प्रश्नपत्र नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने ईओयू को पांच दिन पहले दिया था।
पेपर लीक मामले में हजारीबाग के ओएसिस स्कूल की भूमिका संदिग्ध
बिहार पुलिस ने गिरफ्तार छात्रों के रहने की जगह से जला हुआ कागज बरामद किया था। इस जले हुए कागज के टुकड़ों से एक परीक्षा केंद्र का कोड मिला है। जांच में पता चला है कि ये कोड झारखंड के हजारीबाग स्थित ओएसिस स्कूल का है।
गौरतलब है कि ओएसिस स्कूल सीबीएसई से मान्यता प्राप्त एक निजी स्कूल है और इसे नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने परीक्षा केंद्र बनाया था। ईओयू ने फॉरेंसिक लैब की मदद से जले हुए कागज के टुकड़ों का मिलान असली प्रश्नपत्र और उसके सवालों से किया।
ईओयू की रिपोर्ट के आधार पर ही शिक्षा मंत्रालय ने शनिवार को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने का फैसला किया। ईओयू ने रविवार को पांच और संदिग्धों को गिरफ्तार किया, जिससे पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 18 हो गई।
68 प्रश्नों के अलावा प्रश्नों के क्रमांक भी जले हुए लीक पेपर से हूबहू मिले
बिहार सरकार का कहना है कि उनकी जांच से नीट-यूजी परीक्षा में पेपर लीक की साफ संभावना दिखती है। क्योंकि इस दावे को पुष्ट करने वाली बात यह है कि 68 प्रश्न मूल पेपर के बिल्कुल समान होने के अलावा, जले हुए पेपर और मूल पेपर पर इन प्रश्नों के क्रमांक भी एक जैसे हैं।
हालांकि जले हुए कागज के टुकड़े 5 मई को ही बरामद हुए थे जिस दिन परीक्षा हुई थी और संदिग्ध छात्रों को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन सूत्रों के मुताबिक नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) की शुरुआती हिचकिचाहट के चलते बिहार की आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) को जले हुए कागज का मिलान नीट परीक्षा के प्रश्नपत्र से करने में देरी हो गई। एनटीए शुरू में राज्य सरकार के साथ, खासकर प्रश्नपत्र की जानकारी साझा करने में, सहयोग नहीं कर रही थी।
हालांकि, मामले के तूल पकड़ने और राजनीतिक दबाव बढ़ने के बाद एनटीए ने मूल प्रश्नपत्र देने को राजी हुई। एक हफ्ते पहले ही बिहार की ईओयू के साथ एजेंसी ने जानकारी साझा की थी। फिलहाल बिहार की ईओयू पेपर लीक होने का समय और स्थान पता लगाने की कोशिश कर रही है।
एनटीए ने हाल ही में प्रश्नपत्र की कस्टडी (किसके पास था) की जानकारी साझा की है। इस जानकारी के सहारे ईओयू एनटीए से लेकर ओएसिस स्कूल तक पेपर के पहुंचने के रास्ते को फिर से खंगाल रही है ताकि लीक करने वाले का पता लगाया जा सके।
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ईओयू को अहम सुराग हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से मिला
ईओयू को अहम सुराग हजारीबाग के ओएसिस स्कूल से दो दिन पहले जब्त चीजों में मिला। जांच टीम जब स्कूल गई और प्रश्नपत्र रखे गए लिफाफों और बक्सों को इकट्ठा कर रही थी, तो उन्होंने देखा कि एक लिफाफा दूसरे सिरे से खोला गया था। आमतौर पर, प्रश्नपत्र रखे जाने वाले छेड़छाड़-रोधी लिफाफों को हमेशा एक खास जगह से फाड़ा या काटा जाता है। परीक्षा कर्मचारियों को भी इसे इसी तरीके से खोलने की ट्रेनिंग दी जाती है। लेकिन, एक लिफाफा गलत जगह से खोला गया था।
इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि जब ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल इहसानुल हक से संपर्क किया गया, तो उन्होंने बताया कि पेपर लीक शायद पैकेट स्कूल पहुंचने से “बहुत पहले” हो गया होगा। हक हजारीबाग के चार केंद्रों, जिसमें ओएसिस स्कूल भी शामिल है, में परीक्षा आयोजित कराने के जिला समन्वयक हैं। उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज में साफ दिख रहा है कि स्कूल के केंद्र अधीक्षक और एनटीए द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षक ने 5 मई (परीक्षा के दिन) सुबह दो निर्धारित बैंकों में से एक से पैकेट लिया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल हक स्कूल में पेपर लीक करने की बातों से इनकार करते रहे। उन्होंने कहा कि पैकेट के स्कूल में पहुंचने के बाद इसकी देखरेख में पर्यवेक्षक समेत कई लोग थे। पेपर वाला पैकेट भी छात्रों के सामने खोला गया। हालांकि जले हुए टुकड़े के सवाल पर उन्होंने कहा कि “प्रश्नपत्र सात परत वाले पैकेट में सील थे। अगर स्कूल की ओर से कोई गलत काम हुआ होता, तो स्कूल के अधिकारियों को हिरासत में ले लिया गया होता।
कई राज्यों से जुड़े हैं नीट पेपर लीक मामले के तार
नीट पेपर लीक मामले के तार बिहार, झारखंड, राजस्थान, हरियाणा, महाराष्ट्र , गुजरात, और उत्तर प्रदेश से जुड़े हुए हैं। बिहार की आर्थिक और साइबर अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने बिहार से मुख्य संदिग्ध सिकंदर यादवेंदु सहित 18 लोगों को गिरफ्तार किया है। जबकि झारखंड से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। वहीं महाराष्ट्र एटीएस ने भी लातूर से दो शिक्षकों संजय जाधव और जलील पठान को गिरफ्तार किया है। दोनों निजी कोचिंग सेंटर चलाते हैं। मामले में पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा नीट परीक्षा में कथित कदाचार के लिए गुजरात से भी 5 आरोपी गिरफ्तार हुए हैं।
बिहार से गिरफ्तार सभी आरोपियों ने पुलिस के सामने गवाही दी है कि इनमें से चार ने 5 मई को नीट-यूजी परीक्षा से एक दिन पहले राजवंशी नगर में रहते हुए लीक हुए प्रश्नपत्र के उत्तर याद कर लिए थे। इन चारों परीक्षार्थियों ने क्रमशः 581, 483, 300 और 185 अंक प्राप्त किए हैं। ईओयू का मानना है कि बयान के आधार पर अन्य 30 उम्मीदवारों को भी इस लीक का फायदा मिला हो सकता है और वे परीक्षा से एक रात पहले राजवंशी नगर के घर में इन चार उम्मीदवारों के साथ थे।
झारखंड पुलिस ने सबसे पहले 4 मई को बिहार पुलिस को संभावित नीट-यूजी पेपर लीक के बारे में सतर्क किया था। पटना पुलिस ने तुरंत प्रतिक्रिया दी लेकिन शुरू में संदिग्धों के ठिकानों का पता लगाने में संघर्ष किया। अगले दिन बिहार के 27 केंद्रों पर परीक्षा हुई। 5 मई की दोपहर तक शास्त्री नगर पुलिस स्टेशन को राजबंशी नगर के एक घर में कुछ संदिग्धों के इकट्ठा होने के सुराग मिले।
तीन टीमें बनाई गई जिसमें से एक ने घर पर छापा मारा और जला हुआ प्रश्नपत्र बरामद किया; दूसरी ने एक स्थानीय परीक्षा केंद्र का दौरा किया और एक परीक्षार्थी और उसके पिता को गिरफ्तार किया; और तीसरी टीम ने एक प्रमुख संदिग्ध, जूनियर इंजीनियर यादवेंदु की तलाश की। यादवेंदु से पूछताछ के बाद, पुलिस ने तीन और परीक्षार्थियों और चार ‘सेटर्स’ को गिरफ्तार किया, जिनमें नीतीश और अमित शामिल थे। सभी 13 आरोपियों के बयान 5 मई को ही सब-इंस्पेक्टर तेज नारायण सिंह ने दर्ज किए।
बता दें कि नीट पर्चे को सेंटर से बाहर हल करने के मामले में रांची और पटना के मेडिकल कॉलेज के 10 पीजी डॉक्टरों की तलाश भी की जा रही है। पुलिस मामले में गिरफ्तार सभी आरोपियों के कॉल रिकॉर्ड का भी विश्लेषण कर रही है और उसके आधार पर और लोगों को पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा। खबरों की मानें तो बिहार में गिरफ्तार आरोपियों का नार्को टेस्ट और ब्रेन मैपिंग परीक्षण कराया जा सकता है।
सीबीआई ने दर्ज किया केस, मारे छापे
केंद्र सरकार ने नीट पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी है। एजेंसी ने मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली है। रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने आईपीसी की अलग-अलग धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सीबीआई ने कार्रवाई तेज करते हुए यूपी के कुशीनगर में पडरौना कोतवाली क्षेत्र के शिधुआं मिश्रौली गांव में छापे मारे। नीट की तैयारी कर रहे गांव के रहने वाले निखिल सोनी को पेपर लीक मामले में गिरफ्तार कर पूछताछ कर रही है। वहीं रविवार को सीबीआई की टीम जांच के सिलसिले में बिहार के कसियाडीह गांव पहुंची थी। लेकिन गांव के लोगों ने जांच टीम को फर्जी समझकर उनपर हमला कर दिया और उनकी गाड़ियों में तोड़फोड़ की। करीब 200 अज्ञात लोगों पर एफआईआर दर्ज की गई है जबकि 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
यह परीक्षा 5 मई को 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी और लगभग 24 लाख उम्मीदवार इसमें शामिल हुए थे। परिणाम 14 जून को घोषित किए जाने थे, लेकिन 4 जून को घोषित कर दिए गए। एनटीए के इतिहास में अभूतपूर्व रूप से 67 छात्रों ने 720 अंक प्राप्त किए, जिसमें हरियाणा के फरीदाबाद के एक ही सेंटर से छह छात्र शामिल थे। इसी से परीक्षा में धांधली का संदेह पैदा हुआ।