दिल्ली: पिछले महीने हुई नीट (राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा) परीक्षा को लेकर देशभर में विवाद जारी है। रिजल्ट आने के बाद उठ रहे कई सवालों के बीच सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और फिर 1563 अभ्यर्थियों को मिले ग्रेस मार्क्स को रद्द करने की बात हो चुकी है। इन उम्मीदवारों को फिर से परीक्षा देने का विकल्प दिया गया है। हालांकि, इन सबके बीच एक बड़ा सवाल ये भी उठ खड़ा हुआ है कि क्या वाकई नीट के पेपर लीक हुए थे?
बिहार में परीक्षा के दौरान हुई गिरफ्तारी और उसके बाद मामले की शुरुआती जांच ने पेपर लीक के शक को गहरा दिया है। बिहार में आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) 5 मई को आयोजित हुई नीट परीक्षा में पेपर लीक के आरोपों की जांच कर रही है। उसने कहा है कि उसकी शुरुआत जांच ‘पेपर लीक का संकेत’ दे रही है।
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार ईओयू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एन. एच. खान ने बताया, ‘हमने नीट परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) से कुछ सवाल पूछे थे। हमारी टीम को अभी जवाब मिले हैं। हमारे पास कुछ और फॉलो-अप सवाल हो सकते हैं। हम अपनी जांच के दौरान प्राप्त कुछ संपर्कों को लेकर काम कर रहे हैं, जो बहुत हद तक पेपर लीक का संकेत दे रहा है।’
बिहार ईओयू की एक विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने पिछले महीने जांच अपने हाथ में ले ली थी। इसके पहले पटना पुलिस मामले की जांच कर रही थी। एसआईटी के सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि कई उम्मीदवारों के प्रवेश पत्र, पोस्ट-डेटेड चेक और सर्टिफिकेट एक गैंग के सदस्यों से जब्त किए गए हैं जो सुनियोजित तरीके से कई राज्यों में काम करते थे।
ईओयू के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक खान ने कहा, ‘हमारी एसआईटी अब मिले कुछ सबूतों को स्थापित करने की कोशिश कर रही है। इसके जरिए ये जानने की कोशिश हो रही है कि प्रश्न और उत्तर पुस्तिकाएं किसे और कहां से मिली और यह परीक्षा केंद्रों तक कैसे पहुंचा होगा।’
13 आरोपी गिरफ्तार, स्कूलों में जले हुए पश्न पत्र
नीट पेपर लीक मामले की बिहार में जांच कर रही आठ सदस्यीय एसआईटी का नेतृत्व ईओयू, बिहार के पुलिस अधीक्षक (प्रशासन) मदन कुमार आनंद कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार एसआईटी ने पोस्ट-डेटेड चेक जब्त किए हैं। इससे पता चलता है कि कुछ उम्मीदवारों द्वारा किसी गिरोह को पैसे का भुगतान किया जा रहा था।
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार जांच टीम के एक सूत्र ने बताया कि ऐसे सबूत उनके पास मौजूद हैं जो बताते हैं कि NEET की परीक्षा के बाद एक केंद्र पर प्रश्नपत्र जला दिए गए थे। हालांकि यह इस बात को साबित करने के लिए काफी नहीं है कि पेपर लीक हुआ था।
नीट मामले में अब तक 13 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से चार उम्मीदवार हैं जिन्होंने NEET दिया है। अन्य आरोपियों में उनके माता-पिता और एक गिरोह के सदस्य हैं, जिन्होंने कथित तौर पर एक स्कूल में NEET परीक्षा से ठीक पहले करीब 35 उम्मीदवारों को इकट्ठा किया और एक मॉक एग्जाम आयोजित किया। ईओयू के एक अधिकारी के अनुसार यहां अभ्यर्थियों को कथित तौर पर उत्तर के साथ नीट प्रश्न पत्र मिले। इसके बाद इन्हें एग्जाम सेंटर ले जाया गया।
गिरफ्तार आरोपियों में से एक गया का नीतीश कुमार भी शामिल है। ईओयू ने पहले भी इसे 15 मार्च को बिहार लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित बिहार शिक्षक भर्ती परीक्षा के कथित पेपर लीक मामले में गिरफ्तार किया था।
नीट पेपर लीक: बिहार से खुली धांधली की परतें!
5 मई को पटना पुलिस को वहां के विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर आयोजित नीट में कथित धांधली की सूचना मिली थी। इसके बाद 13 गिरफ्तारियां हो चुकी हैं। बताया जा रहा है कि नीट पेपर बिहार में मध्य प्रदेश और गुजरात से आया था। गुजरात में भी 9 गिरफ्तारियां हुई हैं। सूत्रों के अनुसार पेपर लाने के क्रम में लीक किया गया। इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार बिहार पुलिस ने यह भी दावा किया है कि एनटीए को इस लीक के बारे में मई में ही बता दिया गया था फिर भी वह कैसे आगे बढ़ी और नतीजे जारी कर दिए गए, इसे लेकर भी सवाल उठ रहे हैं।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने क्या कहा?
पूरे विवाद पर शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि ‘लगभग 4,500 में से केवल छह केंद्रों में समस्या दिखी है। इसके अलावा NEET परीक्षा पूरे देश में संतोषजनक तरीके से आयोजित किया गया।’ शिक्षा मंत्री ने पेपर लीक से इनकार किया हालांकि यह भी कहा कि अगर कुछ भी सच साबित हुआ, तो किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा।
धर्मेंद्र प्रधान ने कहा, ‘हर पहलू पर गौर किया जा रहा है। जवाबदेही तय की जाएगी और कार्रवाई की जाएगी। किसी भी परीक्षा के संचालन में किसी भी कदाचार या अनियमितता की कोई गुंजाइश नहीं है। हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. खामियां पाए जाने पर राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) की जवाबदेही भी तय की जाएगी।’
उन्होंने आगे कहा, ‘सरकार NEET परीक्षार्थियों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। छात्रों की चिंताओं पर बिना किसी पक्षपात के गौर किया जाएगा। नीट से जुड़े तथ्य सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में हैं। काउंसलिंग प्रक्रिया जल्द ही शुरू होगी और बिना किसी भ्रम के इस दिशा में आगे बढ़ना बहुत जरूरी है।’