हैदराबाद: तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक नए किस्म के स्कैम का खुलासा हुआ है। पुलिस ने डेटिंग एप के जरिए युवाओं के साथ होने वाली ठगी में सात लोगों को गिरफ्तार किया है।
आरोप है कि यह गिरोह युवाओं को एक संदिग्ध पब में ले जाते थे और महिलाओं के जरिए डेटिंग के नाम पर उनसे अत्यधिक बिल वसूला करते थे। इस सिलसिले में साइबराबाद माधापुर पुलिस ने संबंधित डेटिंग ऐप के एडमिन से एप पर बनाई गई संदिग्ध आईडी की जांच करने और फर्जी प्रोफाइल के खिलाफ कार्रवाई करने को भी कहा है।
पुलिस ने जिन सात लोगों की गिरफ्तार किया है वे दिल्ली के रहने वाले हैं। उनकी पहचान आकाश कुमार, सूरज कुमार, अक्षत नरूला, तरूण, शिव राज नायक और रोहित कुमार के रूप में हुई है।
पब का लाइसेंस हुआ रद्द
मामले में पुलिस ने मोश क्लब के मैनेजर चेर्कुपल्ली साई कुमार को भी गिरफ्तार किया है। यही नहीं प्रबंध निदेशक बरुपति थारुन और निदेशक गंता जगदीश और नवोदय सहित पब के मैनेजर पर भी मामला दर्ज किया गया है और पब का लाइसेंस रद्द कर दिया गया है।
छह हफ्तों में 50 से 60 लोगों के साथ हुई है ठगी
माधापुर के डीसीपी डॉ. जी. विनीत ने कहा है कि गैंग ने 17 अप्रैल से 30 मई (करीब छह हफ्तों) के बीच करीब 50 से 60 लोगों के साथ 30 लाख रुपए की ठगी की है। इसमें से 16 से 20 लाख रुपए पब के प्रबंधन को दिए गए थे और बाकी पैसों को उन लोगो ने आपस में बांट लिया था।
दावा है कि युवाओं को फंसाने के लिए उत्तर भारत से महिलाओं को लाया जाता था और उन्हें ठगी के जरिए होने वाले लाभ पर 10 फीसदी के शेयर पर काम पर रखा जाता था।
छह महिलाएं भी हुई हैं गिरफ्तार
इस स्कैम में शामिल छह महिलाओं को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है जो कथित तौर पर पुरुषों के साथ ‘डेट’ पर जाती थी। पुलिस ने उनसे अभी तक पूछताछ नहीं की है। मामले में पुलिस का कहना है कि गिरफ्तार हुई महिलाएं मुख्य रूप से उत्तर भारत की रहने वाली है।
इन महिलाओं को शहर में 16 अप्रैल को लाया गया था और उन्हें आरटीसी चौराहे पर श्री साई निवास में ठहराया गया था। हालांकि पुलिस यह भी जांच कर रही है कि वह इस गिरोह का हिस्सा थी या फिर वे भी पीड़ित थी।
पुलिस ने जब्त किए स्वाइप मशीन और क्यूआर कोड
घटनास्थल से पुलिस ने कार्ड को स्वाइप करने वाली मशीनें, ऑनलाइन भुगतान के लिए क्यूआर कोड और घोटाले के लिए इस्तेमाल किए गए विशेष मेनू कार्ड को भी जब्त किया है।
पुलिस का कहना है कि गिरोह ने कई अधिक कीमत वाले फेक मेनू भी बनाया था और ठगी के पैसों के लिए एक अलग सा खाता भी बनाता था। ज्यादा से ज्यादा मुनाफा के लिए गिरोह महंगी शराब के नाम पर सस्ती पेय परोसता था और भारी लाभ कमाता था।
पुलिस का कहना है कि यह गिरोह किसी भी शहर में डेढ़ महीने तक रहते थे और फिर किसी दूसरे शहर को निशाना बनाने के लिए निकल जाते थे। हैदराबाद के बाद वे नागपुर का रुख कर रहे थे तभी पुलिस ने इस गिरोह को गिरफ्तार किया है।
ऐसे की जाती थी ठगी
इस स्कैम के लिए सबसे पहले एक शहर को टारगेट किया जाता था और फिर गिरोह वहां पहुंचता था। ये गिरोह मेट्रो शहरों में कम रेटिंग वाले क्लबों और पबों को निशाना बनाते थे और उन्हें यह विश्वास दिलाते थे कि उनके यहां कस्टमर की संख्या बढ़ने वाली है।
ऐसे में जैसे ही कोई पब या फिर कल्ब इस बात पर राजी हो जाता था, गिरोह अपना जाल बिछाना शुरू कर देता था।
वे डेटिंग एप पर फेक अकाउंट बनाते थे और फिर महिलाओं के जरिए उस शहर के युवाओं को फंसाते थे। काफी समय तक बातचीत होने के बाद पीड़ित और महिला उसी कल्ब में मिलते थे जहां पर गिरोह पहले से सेटिंग कर रखता था।
वे वहां जाते थे और खाने पीने से लेकर शराब के लिए भी उनसे भारी बिल चार्ज किया जाता था। इसके लिए वे हर एक चीज को फेक बनाते थे।
ऐसे करें खुद का बचाव
इस तरह के स्कैम से बचने के लिए आप इन स्टेप को फॉलो कर सकते हैं। किसी से भी डेटिंग एप पर दोस्ती करने से पहले उनके बारे में सही से जान लें। बिना सही से जाने और चीन पहचान किए हुए आप किसी से ऐसे ही न मिलें। अगर कभी डेट पर जाने की बात सामने आए तो हमेशा एक सुरक्षित जगह का ही चयन करें।
बातचीत के दौरान किसी से अपने बैंक डिटेल को साझा न करें और न ही किसी अंजान के साथ किसी किस्म का लेनदेन करें। डेट के दौरान कभी भी ज्यादा ड्रिंक्स न लें और किसी भी एप के जरिए यूही किसी पर भरोसा नहीं करें।
यहां करें शिकायत
अगर आपके साथ इस तरह का या फिर किसी और किस्म का स्कैम हो गया है तो आप इसकी शिकायत राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर कर सकते हैं। इसके लिए आप पोर्टल के नंबर 1930 पर कॉल कर सकते हैं। आप पोर्टल के वेबसाइट https://cybercrime.gov.in/ पर भी अपनी रिपोर्ट दर्ज करा सकते हैं।
रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए आप चक्षु पोर्टल https://sancharsaathi.gov.in/sfc/Home/sfc-complaint.jsp का भी यूज कर सकते हैं।