दिल्ली: इन दिनों टी20 वर्ल्ड कप चल रहा है। अमेरिका और कैरेबियाई द्वीपों की मेजबानी में हो रहे इस वर्ल्ड कप में कई बड़े उलटफेर अब तक देखने को मिले हैं। इसमें से एक पाकिस्तान की हार भी है। वर्ल्ड चैम्पियन रहे पाकिस्तान को गुरुवार को नई-नवेली अमेरिकी टीम ने सुपरओवर मात दी। इस रोमांचक मुकाबले के बाद इंटरनेट पर कई मीम्स वायरल हो रहे हैं।
दरसअल, जिस अमेरिकी टीम ने पाकिस्तान को मात दी उसमें 6 भारतीय मूल के खिलाड़ी थी जो H1-B वीजा की बदौलत अमेरिका में काम कर रहे हैं। अमेरिका का H1-B वीजा सिस्टम कंपनियों को बाहर के देशों से कर्मचारी नियुक्त करने की इजाजत देता है। अब पाकिस्तान की हार के बाद इंटरनेट में ऐसे जोक्स और मीम्स वायरल हैं कि उसे अमेरिकी टीम ने नहीं बल्कि भारत की H-1B क्रिकेट टीम ने हराया है।
Yesterday, Pakistan lost to India H-1B visa team. 🇺🇸 🇮🇳#PAKvUSA #USAvsPAK
— justicekar (@justicekar) June 7, 2024
🤣🤣🤣🤣
Well played, #India… er…. #USA! https://t.co/LD8so8SYEv
— Srimathi Soma (@LakshmiSrimati) June 8, 2024
जीत अमेरिका की, जश्न भारत के कई शहरों में
अमेरिकी क्रिकेट के इस ऐतिहासिक जीत में भारतीय मूल के खिलाड़ियों की भूमिका अहम रही थी। नतीजा ये रहा कि जीत अमेरिका में हुई और जश्न भारत के दिल्ली और मुंबई से लेकर गुजरात के आनंद और कर्नाटक के चिक्कमगलुरु तक फैल मनाया गया। आइए इन भारतीय खिलाड़ियों की कहानी से रूबरू होते हैं।
अमेरिका Vs पाकिस्तान के मुकाबले के सुपर ओवर के हीरो रहे सौरभ नेत्रवलकर पढ़ाई के लिए मुंबई से सैन फ्रांसिस्को गए थे। ऐसे ही प्लेयर ऑफ द मैच और बल्लेबाजी में कमाल करने वाले मोनांक पटेल (38 गेंदों में 50 रन) 2016 में आणंद को छोड़कर एक रेस्तरां शुरू करने के लिए न्यू जर्सी चले गए थे। यह फैसला उन्होंने उस समय किया जब उन्हें एहसास हुआ कि उनका क्रिकेट करियर अब आगे कहीं नहीं जा रहा है।
वहीं मैच में तीन विकेट झटकने वाले नोस्थुस केनजिगे अमेरिकी प्रांत अलबामा में पैदा हुए लेकिन नीलगिरी और बेंगलुरु में पले-बढ़े। बाद में बायोलॉजिकल टेकनिशियन के तौर पर काम करने के लिए अमेरिका लौट आए। वहीं, सुपर ओवर में शानदार कैच लेने वाले मिलिंद कुमार ने ओएनजीसी में अपनी नौकरी छोड़ने और ह्यूस्टन जाने से पहले भारत में कई घरेलू टीमों का प्रतिनिधित्व किया था। ह्यूस्टन में वह लीग क्रिकेट खेल रहे थे।
Dear @POTUS, here is a classic example of why you should extent more #H1B to #Indian‘s . #PakvsUSA #WorldCup #T20 https://t.co/6LMdUmMOjq
— Kunal Kishore (@KoonalTweets) June 8, 2024
इन सबके बीच नीतीश कुमार जिन्होंने आखिरी गेंद पर चौका लगाकर मैच को बराबरी पर ला दिया था, उनका जन्म कनाडा के ओंटारियो में हुआ। कोरोना महामारी के कठिन दौर के बाद वे अमेरिका चले गए। ऐसे बाएं हाथ के स्पिनर हरमीत सिंह ने भारत में असफलताओं के बाद निराश होकर देश छोड़ दिया था। उनसे नाम एक कथित मैच फिक्सिंग घोटाले से भी जुड़ा था हालांकि बोर्ड ने बाद में उन्हें बरी कर दिया था। वहीं, जसदीप सिंह भी हैं जो अमेरिका में बसने से पहले अपना अधिकांश जीवन कभी न्यू जर्सी तो कभी चंडीगढ़ में बिताया।
सौरभ नेत्रवलकर के पिता ने क्या बताया
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई के मलाड में सौरभ का परिवार रहता है। वे अमेरिकी कंपनी ऑरेकल (Oracle) में काम करते हैं। सौरभ ने लगभग क्रिकेट छोड़ दी थी। अमेरिका जाने से पहले बाएं हाथ के तेज गेंदबाज सौरभ नेत्रवलकर ने 2008-09 में कूच बिहार ट्रॉफी में छह मैचों में 30 विकेट लिए थे। 2010 में वह न्यूजीलैंड में अंडर-19 विश्व कप में भारत के लिए सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।
इस प्रदर्शन के बाद उन्हें उम्मीद थी कि उनके प्रदर्शन से मुंबई की सीनियर टीम में जगह मिलेगी और शायद आईपीएल में भी खेलने का मौका मिलेगा। हालांकि अजीत अगरकर, जहीर खान, आविष्कार साल्वी और युवा धवल कुलकर्णी जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी ने इस युवा खिलाड़ी के लिए मुंबई की टीम में जगह बनाना मुश्किल बना दिया। इस दौरान उन्होंने कंप्यूटर इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री पूरी की। मुंबई के लिए खेलने के सीमित अवसरों के कारण उन्होंने उच्च अध्ययन करने का फैसला किया। 2015 में वे मास्टर डिग्री के लिए न्यूयॉर्क के कॉर्नेल विश्वविद्यालय चले गए।
अमेरिका जाने के बाद वे छुट्टियों में शनिवार और रविवार को छोटे-मोटे लीग क्रिकेट मैच खेलते थे। ऐसा करते-करते साल 2018 में यूएसए के लिए लिस्ट-ए में वे पदार्पण करने में कामयाब रहे और फिर वे अब वर्ल्ड कप खेल रहे हैं।
मोनांक पटेल से भी नहीं छूट सका क्रिकेट
सौरभ के टीम के साथी मोनांक पटेल की भी कहानी दिलचस्प है। मां कैसर से पीड़ित हुईं और उनका बचना मुश्किल है। वे बेटे को क्रिकेट खेलते देखना चाहती थी। हालांकि, एज-ग्रुप में गुजरात का प्रतिनिधित्व करने वाले पटेल की कहानी यहां से आगे नहीं बढ़ रही थी। आखिरकार उन्होंने 2014 में नए सिरे से जीवन शुरू करने के लिए न्यू जर्सी के लिए उड़ान भरी। दो साल बाद, उन्होंने एक चीनी रेस्तरां खोला, लेकिन ये नहीं चला। कर्ज काफी बढ़ गया और उन्हे इसे बेचना पड़ा।
इसके बाद एक और झटका उनकी मां के कैंसर के रूप में आया। मुश्किल हालात के बीच मोनांक ने क्रिकेट खेलना जारी रखा क्योंकि उनकी मां यही चाहती थीं। आखिकार किस्मत ने साथ दिया। अमेरिका के तत्कालीन कोच जे अरुणकुमार ने उनकी प्रतिभा को पहचाना और उन्हें अपने साथ जोड़ा। इसके बाद पटेल अमेरिकी टीम के लिए खेलने लगे।
आईपीएल खेलने वाले मिलिंद कुमार
पाकिस्तान के खिलाफ सुपर ओवर में इफ्तिकार अहदम का कैच लेकर सुर्खियां बटोरने वाले मिलिंद कुमार भारत में 46 फर्स्ट क्लास क्रिकेट खेल चुके हैं। वे आईपीएल में भी खेले हैं। उनके पिता सुमन बैंक से रिटायर हो चुके हैं और दिल्ली के करोलबाग में रहते हैं। पिता के अनुसार मिलिंग को अमेरिका के मेजर लीग क्रिकेट में खेलने के ऑफर मिल रहे थे। भारत में उनके लिए सही मौके नहीं बन रहे थे। ऐसे में उन्होंने अमेरिका जाने की ठानी। अमेरिका जाने से पहले वे ओएनजीसी के लिए काम कर चुके हैं।