नई दिल्ली: पत्रकार रोहन दुआ ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने दावा किया है कि भारत की खुफिया एजेंसियों को कथित तौर पर यूट्यूब इंडिया के 17 कर्मचारियों की रिकॉर्डिंग प्राप्त हुई है।
इन रिकॉर्डिंगों में लोकसभा चुनाव के दौरान भारत में किसी भी तटस्थ कवरेज को रोकने और नरेंद्र मोदी के खिलाफ भावना भड़काने पर काम करने के बारे में कर्मचारी बातचीत कर रहे हैं। कथित रिकॉर्डिंग में कर्मचारी इस सिलसिले में अन्य लोगों से बातचीत करते और लिखित निर्देश देते पाए गए हैं।
क्या आरोप लगे हैं
यही नहीं कर्मचारियों के रिकॉर्डिंग से यह भी साफ हुआ है कि कैसे वे बीजेपी या फिर पीएम मोदी के खिलाफ वाले कंटेट को बढ़ावा देते थे। इन कर्मचारियों पर उन गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है जो चुनाव के नतीजों को प्रभावित कर सकते हैं।
I have been told these employees include 5 females & 12 males & are from Mumbai, Kerala & West Bengal. These employees are suspected to have altered YT algorithm, slap indiscriminate & aribtary bans on 93 journalists & 42 channels who reported neutrally on BJP this election.
— Rohan Dua (@rohanduaT02) June 2, 2024
आरोप के तहत ये कर्मचारी तटस्थ कवरेज पर प्रतिबंध लगाने और पीएम मोदी के खिलाफ नकारात्मक सामग्री को बढ़ावा देने में सक्रिय रूप से शामिल रहे हैं।
93 पत्रकारों और 42 चैनलों पर लगे हैं बैन
रोहन दुआ ने कहा है कि जिन कर्मचारियों के बारे में जिक्र किया गया है वे मुंबई, केरल और पश्चिम बंगाल के रहने वाले हैं। इन कर्मचारियों में 12 पुरुष और पांच महिलाएं शामिल हैं।
इन पर आरोप कि इन कर्मचारियों पर यूट्यूब के एल्गोरिदम को बदलने और चुनाव में बीजेपी की तटस्थ रिपोर्टिंग करने वाले 93 पत्रकारों और 42 चैनलों पर बेरोकटोक और मनमाने प्रतिबंध लगाने का संदेह है।
पत्रकार का भी यूट्यूब चैनल हुआ है प्रभावित
दुआ ने कहा है कि इस हेरफेर का असर द न्यू इंडियन यूट्यूब चैनल पर भी पड़ा है। उन्होंने दावा किया है कि ऐसा सच में हुआ है और उनकी अपनी निष्पक्ष रिपोर्टिंग के लिए खामियाज़ा भुगतना पड़ा है। इनके साक्ष्य कानूनी विशेषज्ञों की सहायता से दिल्ली उच्च न्यायालय और कानून प्रवर्तन एजेंसियों को दिए जा रहे हैं।