नई दिल्लीः 2024 का लोकसभा चुनाव खत्म हो चुका है। अब नतीजे का इंतजार है। 4 जून को ये साफ हो जाएगा कि केंद्र की सत्ता पर कौन काबिज होगा। इस बीच सर्वे एजेंसियों ने अपने एग्जिट पोल में भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए को तीसरी बार बहुतम मिलने का अनुमान लगाया है। अब तक आए एग्जिट पोल के आंकड़ों के औसत के अनुसार, एनडीए लगभग 365 सीटें जीत सकती है जबकि विपक्ष के भारत ब्लॉक के पास 142 सीटें जा सकती हैं, वहीं अन्य दलों को लगभग 36 सीटें मिलने की उम्मीद है।
भारत में चुनावी राजनीति के इतिहास में हर चुनाव परिणाम में दिलचस्प नतीजे दर्ज हुए हैं। ऐसा ही एक पहलू है जब जीतने वाले उम्मीदवार 500 से कम वोटों के साथ जीत दर्ज करने में सक्षम थे, कभी-कभी एकल अंकों की संख्या के अंतर के साथ। 1962 से 2019 तक के चुनावों में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जहां उम्मीदवारों ने बेहद कम अंतर से जीत हासिल की है। उदाहरण के लिए, 1962 में मणिपुर के बाहरी मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र से रिशांग कीशिंग ने सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार के रूप में केवल 42 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। इसी तरह, 1998 में बिहार के राजमहल से भारतीय जनता पार्टी के सोम मरांडी मात्र9 वोटों के अंतर से विजयी हुए थे। आइए जानते हैं कि 1962 से 2019 तक के आम चुनाव में सबसे कम अंतर से जीतने वाले कौन से उम्मीदवार हैं-
1962: रिशांग कीशिंग, बाहरी मणिपुर
1962 के चुनाव में, मणिपुर के बाहरी मणिपुर निर्वाचन क्षेत्र से सोशलिस्ट पार्टी के रिशांग कीशिंग ने अपने प्रतिद्वंदी सिबो लारहो को मात्र 42 वोटों से हराया था।। कीशिंग को 35,621 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस उम्मीदवार सिबो लारहो को 35,579 वोट मिले थे।
1967: एम. राम, करनाल
हरियाणा के करनाल निर्वाचन क्षेत्र में 1967 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के एम. राम ने 203 वोटों के अंतर से जीत हासिल की। कांग्रेस के एम राम को 168, 204 वोट और भारतीय जनसंघ के आर नंद को 168,001 वोट मिले थे।
1971: एम.एस. सिवसामी, तिरुचेंदूर
तमिलनाडु के तिरुचेंदूर निर्वाचन क्षेत्र से द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के एम.एस. सिवसामी ने 26 वोटों के मामूली अंतर से जीत दर्ज की।
1977: देसाई दाजीबा बालवंतराव, कोल्हापुर
महाराष्ट्र के कोल्हापुर निर्वाचन क्षेत्र से 1977 में किसान और मजदूर पार्टी के देसाई दाजीबा बालवंतराव ने 165 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
1980: रामायण राय, देवरिया
उत्तर प्रदेश के देवरिया निर्वाचन क्षेत्र में 1980 में इंडियन नेशनल कांग्रेस (I) के रामायण राय ने 77 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। यह जीत उत्तर प्रदेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण घटना थी।
1984: मेवा सिंह, लुधियाना
पंजाब के लुधियाना निर्वाचन क्षेत्र से 1984 में शिरोमणि अकाली दल के मेवा सिंह ने 140 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
सामान्य चुनाव | उम्मीदवार का नाम | लोकसभा क्षेत्र का नाम | राज्य का नाम | राजनीतिक पार्टी का नाम | जीत का न्यूनतम अंतर |
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1962 | रिशांग कीशिंग | बाहरी मणिपुर | मणिपुर | सोशलिस्ट | 42 |
1967 | एम. राम | करनाल | हरियाणा | इंडियन नेशनल कांग्रेस | 203 |
1971 | एम.एस. सिवसामी | तिरुचेंदूर | तमिलनाडु | द्रविड़ मुनेत्र कड़गम | 26 |
1977 | देसाई दाजीबा बालवंतराव | कोल्हापुर | महाराष्ट्र | किसान और मजदूर पार्टी | 165 |
1980 | रामायण राय | देवरिया | उत्तर प्रदेश | इंडियन नेशनल कांग्रेस (I) | 77 |
1984 | मेवा सिंह | लुधियाना | पंजाब | शिरोमणि अकाली दल | 140 |
1989 | कोनाथाला रामकृष्ण | अनकापल्ली | आंध्र प्रदेश | इंडियन नेशनल कांग्रेस | 9 |
1991 | राम अवध | अकबरपुर | उत्तर प्रदेश | जनता दल | 156 |
1996 | गायकवाड़ सत्याजीत दिलीपसिंह | बड़ौदा | गुजरात | इंडियन नेशनल कांग्रेस | 17 |
1998 | सोम मरांडी | राजमहल | बिहार | भारतीय जनता पार्टी | 9 |
1999 | प्यारे लाल संखवार | घाटमपुर | उत्तर प्रदेश | बहुजन समाज पार्टी | 105 |
2004 | डॉ. पी. पून्कुनिक्कोया | लक्षद्वीप | लक्षद्वीप | जनता दल (यूनाइटेड) | 71 |
2009 | नामा नारायण | टोंक-सवाई माधोपुर | राजस्थान | इंडियन नेशनल कांग्रेस | 317 |
2014 | थुप्स्तन छेवांग | लद्दाख | जम्मू और कश्मीर | भारतीय जनता पार्टी | 36 |
2019 | भोला नाथ (बी.पी. सरोज) | मछलीशहर | उत्तर प्रदेश | भारतीय जनता पार्टी | 181 |
1989: कोनाथाला रामकृष्ण, अनकापल्ली
आंध्र प्रदेश के अनकापल्ली निर्वाचन क्षेत्र से 1989 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के कोनाथाला रामकृष्ण ने केवल 9 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
1991: राम अवध, अकबरपुर
उत्तर प्रदेश के अकबरपुर निर्वाचन क्षेत्र में 1991 में जनता दल के राम अवध ने 156 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
1996: गायकवाड़ सत्याजीत दिलीपसिंह, बड़ौदा
गुजरात के बड़ौदा निर्वाचन क्षेत्र में 1996 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के गायकवाड़ सत्याजीत दिलीपसिंह ने 17 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
1998: सोम मरांडी, राजमहल
बिहार के राजमहल निर्वाचन क्षेत्र में 1998 में भारतीय जनता पार्टी के सोम मरांडी ने मात्र 9 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की। यह भारतीय चुनावी इतिहास की सबसे छोटी जीतों में से एक है।
1999: प्यारे लाल संखवार, घाटमपुर
उत्तर प्रदेश के घाटमपुर निर्वाचन क्षेत्र में 1999 में बहुजन समाज पार्टी के प्यारे लाल संखवार ने 105 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
2004: डॉ. पी. पून्कुनिक्कोया, लक्षद्वीप
लक्षद्वीप के लक्षद्वीप निर्वाचन क्षेत्र से 2004 में जनता दल (यूनाइटेड) के डॉ. पी. पून्कुनिक्कोया ने 71 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
2009: नामा नारायण, टोंक-सवाई माधोपुर
राजस्थान के टोंक-सवाई माधोपुर निर्वाचन क्षेत्र में 2009 में इंडियन नेशनल कांग्रेस के नामा नारायण ने 317 वोटों के अंतर से जीत हासिल की।
2014: थुप्स्तन छेवांग, लद्दाख
जम्मू और कश्मीर के लद्दाख निर्वाचन क्षेत्र में 2014 में भारतीय जनता पार्टी के थुप्स्तन छेवांग ने 36 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की।
2019: भोला नाथ (बी.पी. सरोज), मछलीशहर
उत्तर प्रदेश के मछलीशहर निर्वाचन क्षेत्र में 2019 में भारतीय जनता पार्टी के भोला नाथ (बी.पी. सरोज) ने 181 वोटों (0.02%) के अंतर से जीत हासिल की।