गिरफ्तारी के बाद हुई थी व्यापक हिंसा
मई, 2023 में इमरान खान को हिरासत में लिए जाने के बाद पाकिस्तान में बड़े पैमाने पर हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। इमरान खान के समर्थकों ने पाकिस्तानी सेना के कार्यालयों पर भी हमला करके तोड़फोड़ और आगजनी की थी। मई, 2023 में इमरान खान को हिरासत में लिए जाने के कुछ दिन बाद छोड़ दिया गया था। अगस्त, 2023 में उन्हें दुबारा हिरासत में लिया गया जिसके बाद न्यायालय ने उन्हें तीन साल कैद की सजा सुनायी।
मई, 2023 में शामिर विरोध प्रदर्शन के लिए इमरान खान समेत पीटीआई के कई नेताओं और प्रदर्शनकारियों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत विधिक कार्रवाई भी की गयी। इमरान खान पर देशद्रोह का मुकदमा चलाने
इमरान खान का आरोप है कि पिछले साल हुए चुनाव में चुनाव पारदर्शी तरीके से नहीं हुए थे और नतीजे उनके पक्ष में थे मगर उन्हें जानबूझकर हराया गया। चुनाव से पहले इमरान खान की पार्टी पर पाबन्दी लगा दी गयी थी। उनके समर्थकों ने निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था। पाकिस्तानी मीडिया में दावा किया गया कि इमरान खान समर्थक निर्दलीयों को देश में सबसे ज्यादा लोकसभा सीटों पर जीत मिली थी।
संविधान में संशोधन का विरोध
संविधान के 26वें संशोधन के तहत सरकार को पाकिस्तान की अदालतों में न्यायाधीशों की नियुक्ति का पूरा अधिकार मिल जाएगा। इमरान खान ने इस संशोधन का विरोध किया है और इसे देश में तानाशाही लागू करने वला कदम बताया है। बुशरा बीबी ने अपने वीडियो मैसेज में पाकिस्तान के वकीलों और जजों से अपील की कि वे भी बड़ी संख्या में प्रदर्शन में शामिल हों।
बुशरा बीबी ने अपने सन्देश में यह आरोप भी लगाया कि जब अतीत में इमरान खान मदीना गये थे और वे नंगे पाँव वहाँ की मस्जिद में गये थे तो किसी विदेशी राजनेता ने पाकिस्तान के तत्कालीन सेना प्रमुख कमर बाजवा को टेलीफोन करके शिकायत की थी कि हम यहाँ शरिया खत्म करना चाहते हैं और ये शरिया लागू करना चाहता है। पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय ने बुशरा बीबी के इस बयान को बेबुनियाद बताया है। वहीं इमरान खान ने कहा है कि बुशरा के बयान को सन्दर्भ से काटकर न देखा जाए।
पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी इमरान खान ने वर्ष 1996 में तहरीके इंसाफ पाकिस्तान नामक राजनीतिक दल बनाया था। वर्ष 2002 में खान पहली बार सांसद चुने गये। पीटीआई को पहली बड़ी सफलता वर्ष 2013 के आम चुनाव में मिली जब वह देश की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। इसके अलावा खैबर पख्तूनख्वा प्रान्त की विधानसभा में पीटीआई को बहुमत प्राप्त हुआ और पहली बार किसी पाकिस्तानी राज्य में उसकी सरकार बनी।
वर्ष 2018 के आम चुनाव में पीटीआई पाकिस्तान का सबसे बड़ा दल बनकर उभरी। सहयोगी दलों की मदद से इमरान खान देश के प्रधानमंत्री बने और 2022 तक इस पद पर रहे। उनके खिलाफ लाए गए अविश्वास प्रस्ताव के दौरान वह अपना बहुमत साबित नहीं कर सके और उनकी सरकार गिर गयी। खान ने दावा किया था कि उनकी सरकार अमेरिकी प्रशासन के इशारे पर गिरायी गयी है क्योंकि उन्होंने अमेरिका कुछ माँगों को मानने से इनकार कर दिया था।