नई दिल्ली: दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने सामान्य से दो दिन पहले गुरुवार को केरल में दस्तक दे दी। साथ ही पूर्वोत्तर राज्यों में भी मॉनसून पहुंच गया। आम तौर पर यह एक जून को केरल पहुंचने के साथ भारत की मुख्य भूमि में प्रवेश करता है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने एक्स पर एक पोस्ट में इसकी सूचना देते हुए लिखा, “दक्षिण पश्चिम मॉनसून आज 30 मई को केरल और पूर्वोत्तर भारत के अधिकतर हिस्सों में पहुंच गया।”
आईएमडी के भविष्यवाणी से पहले केरल पहुंचा मॉनसून
आईएमडी ने बुधवार को कहा था कि अगले 24 घंटे में दक्षिण पश्चिम मॉनसून के केरल पहुंचने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। विभाग ने पहले 31 मई को मॉनसून के केरल पहुंचने की भविष्यवाणी की थी।
कहा जा रहा है कि चक्रवाती तूफान रेमल के कारण मॉनसून तेजी से आगे बढ़ा है। आम तौर पर पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश, त्रिपुरा, नागालैंड, मेघालय, मिजोरम, मणिपुर और असम में मॉनसून पांच जून को पहुंचता है।
30 सितंबर तक भारत में रहता है मॉनसून
देश में मॉनसून एक जून से 30 सितंबर तक रहता है। देश में होने वाली बारिश में 70 प्रतिशत इसी दौरान होती है। इसका देश की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है क्योंकि देश की 50 प्रतिशत कृषि भूमि असिंचित है। देश के ज्यादातर जलाशय भी इसी दौरान भरते हैं जो साल भर खेती और पीने तथा अन्य घरेलू जरूरतों को पूरा करते हैं।
पिछले साल कम हुई थी बारिश
पिछले साल मॉनसून के दौरान बारिश कम होने से कृषि उत्पादन में गिरावट आई जिससे इस साल चीनी, चावल, गेहूं और प्याज की घरेलू आपूर्ति सुचारू बनाये रखने के लिए इनके निर्यात को नियंत्रित करना पड़ा है।
मौसम विभाग ने इस साल मॉनसून के दौरान सामान्य बारिश का अनुमान जताया है। खाद्य एवं कृषि क्षेत्र का दोपहिया, रेफ्रिजरेटर और एफएमसीजी जैसे औद्योगिक उत्पादों की मांग में भी महत्वपूर्ण योगदान होता है। (आईएएनएस)