मेक्सिको सिटी: मेक्सिको के नए राष्ट्रपति के चुनाव के लिए रविवार (2 जून) को मतदान होने जा रहा है। कार्टेल हिंसा (ड्रग तस्करों से जुड़ी हिंसा और अपराध) सहित लोकतंत्र, लोकलुभावन वादे और अन्य तमाम मुद्दों पर मेक्सिको के लोग वोट करेंगे। इस बार का चुनाव हालांकि एक मायने में खास है। मेक्सिको के लोग संभवत: पहली बार अपने लिए किसी महिला को राष्ट्रपति के तौर पर चुन सकते हैं। दो महिला उम्मीदवार इस रेस में आगे हैं।
ये कौतूहल बना हुआ है कि काफी लंबे समय तक अपनी ‘माचो’ संस्कृति और छवि के लिए जाना जाने वाला मेक्सिको क्या किसी नए बदलाव के लिए तैयार है? यह चुनाव देश के इतिहास का सबसे बड़ा चुनाव भी होगा। दरअसल, नेशनल इलेक्टोरल इंस्टीट्यूट के अनुसार स्थानीय और संसदीय मिलाकर कुल 20000 हजार से अधिक पद हैं, जिनके लिए ये चुनाव है।
चुनावी साल में मेक्सिको में हुई बड़ी हिंसा
मुख्य चुनाव की आहट और तैयारियों के बीच हिंसा के लिए बदनाम मेक्सिको में हाल के दिनों रक्तपात बढ़ा है। समाचार एजेंसी एपी के अनुसार ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि कई आपराधिक समूह इन स्थानीय चुनावों का इस्तेमाल अपनी ताकत बढ़ाने के लिए करना चाहते हैं। इसी साल राजनीतिक पद पाने वाले 20 से अधिक लोग अपराधियों, ड्रग के धंधे से जुड़े समूहो आदि के हाथों मारे गए हैं। इसके अलावा राष्ट्रपति आंद्रे मैनुअल लोपेज ओब्रेडोर की राजनीतिक विरासत और अमेरिका के साथ मेक्सिको के अक्सर उथल-पुथल भरे रिश्ते भी इस चुनाव में बड़ा विषय हैं।
मेक्सिको के राष्ट्रपति चुनाव में कौन-कौन उम्मीदवार हैं?
मेक्सिको सिटी की पूर्व मेयर क्लाउडिया शीनबौम (Claudia Sheinbaum) इस चुनाव में महीनों से बढ़त बनाए हुई हैं। वे मौजूदा राष्ट्रपति और लोकप्रिय नेता लोपेज ओब्रेडोर की विरासत कायम रखने का वादा कर रही हैं और उन्हें सत्तारूढ़ मोरेना पार्टी (Morena party) का समर्थन प्राप्त है। पेशे से एक वैज्ञानिक रहीं शीनबौम के सामने लोपेज ओब्रेडोर के साथ दिखते हुए अपनी खुद की अलग छवि बनाए रखने की चुनौती है। जानकार मानते हैं कि उनमें उस करिश्माई नेता की कमी नजर आती है जो लोपेज ओब्रेडोर में है।
इसके अलावा एक महिला उम्मीदवार जोचिटल गैलवेज (Xóchitl Gálvez) हैं। विपक्षी सीनेटर और तकनीकी उद्यमी मेक्सिको में उन विपक्षी पार्टियों के गठबंधन का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जो लोपेज ओब्रेडोर का विरोध करने के लिए एकमंच पर आई हैं। इन पार्टियों के साथ आने की एक और एकमात्र वजह लोपेज ओब्रेडोर हैं। बहरहाल, गैलवेज निवर्तमान राष्ट्रपति लोपेज ओब्रेडोर की कटु आलोचक हैं।
चुनाव में तीसरे उम्मीदवार कम लोकप्रिय जॉर्ज अल्वारेज मेनेज ( Jorge Álvarez Máynez) हैं, जो सिटीजन मूवमेंट पार्टी के पूर्व संघीय सांसद (congressman) हैं। वे युवा वोट हासिल करने की कोशिश में हैं पर उन्हें ज्यादा समर्थन मिलता नजर नहीं आ रहा है।
मेक्सिको चुनाव में राष्ट्रपति लोपेज ओब्रेडोर क्यों हैं चर्चा के केंद्र में?
साल 2018 में चुने गए लोपेज ओब्रेडोर ने श्रमिक वर्ग और गरीब, ग्रामीण मतदाताओं जैसे उन आबादी के बड़े हिस्से में लोकप्रियता कायम की जो लंबे समय से राजनीतिक व्यवस्था की ओर से भूला दिए गए थे। ओब्रेडोर ने सत्ता में आते ही भ्रष्टाचार से निपटने को अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता बताई थी। इस बार वे चुनाव नहीं लड़ रहे लेकिन फिर भी लगभग पूरा चुनाव उनके इर्द-गिर्द घूमता नजर आ रहा है।
वह मेक्सिको में अत्यधिक लोकप्रिय नेता हैं लेकिन उनके साथ कई आलोचनाएं भी जुड़ी हैं। विपक्ष का आरोप रहा है कि लोपेज ओब्रेडोर खुद की आलोचना के प्रति असहिष्णु रवैया दिखाते रहे हैं। उनके आलोचकों का कहना है कि न्यायपालिका पर निशाना साधने, मेक्सिको की चुनावी एजेंसी की फंडिंग में कटौती करने और आम लोगों के जीवन में सेना का हस्तक्षेप या उसे ज्यादा शक्ति देने जैसे कदमों ने देश के लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है। हाल के महीनों में विपक्ष बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर इन सबके खिलाफ आवाज उठाता रहा है।
लोपेज ओब्रेडोर को उम्मीदवार शीनबौम का ‘गुरु’ माना जाता है और अगर वह चुनी जाती हैं तो माना जा रहा है कि वे उनकी विरासत को मजबूत करेंगी।
मेक्सिको में चुनाव कब हैं और मतदान कैसे होता है?
मेक्सिको में राष्ट्रपति, कांग्रेस (सदन) और नगरपालिका चुनावों के लिए प्रचार अभियान की आधिकारिक शुरुआत से काफी पहले पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों का चयन करती हैं। अब 2 जून को एक ही दौर के मतदान में लाखों मतदाता अपने नए नेताओं के लिए मतदान करेंगे। बहुप्रतीक्षित राष्ट्रपति चुनाव जीतने वाला उम्मीदवार छह साल का कार्यकाल पूरा करेगा। एक ओर जहां अधिकांश लोगों की निगाहें राष्ट्रपति पद की दौड़ पर हैं, वहीं मैक्सिकों के लोग 128 सीनेटरों, 500 कांग्रेस प्रतिनिधियों और लगभग 20,000 स्थानीय सरकारी पदों (निकाय पदों) के लिए भी मतदान करेंगे।