नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल को झटका दिया है। कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ओर से उनकी अंतरिम जमानत 7 दिन बढ़ाने की याचिका पर तत्काल सुनवाई के निर्देश फिलहाल जारी करने से इनकार कर दिया है। साथ ही कोर्ट ने कहा कि इस संबंध में लिस्टिंग के लिए चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के पास मामला भेजा जाए। कोर्ट ने कहा, ‘हम आपके आवेदन को माननीय मुख्य न्यायाधीश के पास भेजेंगे। चीफ जस्टिस को फैसला लेना चाहिए।’
केजरीवाल दिल्ली शराब घोटाला मामले में 50 दिनों तक जेल में थे। हाल में इसी महीने कोर्ट ने उन्हें लोकसभा चुनाव के बीच प्रचार के लिए अंतरिम जमानत दी थी। कोर्ट ने केजरीवाल को 2 जून को सरेंडर करने का निर्देश दिया है। हालांकि, इस बीच केजरीवाल ने अपनी अंतरिम जमानत को बढ़ाने की याचिका दे दी थी। उन्होंने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए यह याचिका दी थी। केजरीवाल ने याचिका में कहा था कि उनकी गहन मेडिकल जांच के लिए अंतरिम जमानत सात दिन और बढ़ा दी जाए।
सुप्रीम कोर्ट की वेकेशन बेंच ने क्या कहा?
जस्टिस जेके माहेश्वरी और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि भारत के चीफ जस्टिस लिस्टिंग पर फैसला लेंगे क्योंकि जमानत अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन एक ऐसे मामले में दिया गया है जिसमें फैसला पहले ही सुरक्षित रखा जा चुका है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर 17 मई को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। कोर्ट ने मंगलवार को कहा, ‘यह सुना हुआ है और मामला सुरक्षित है। हम कुछ नहीं कर सकते। यह मामला 17 मई को सुना गया और सुरक्षित रखा गया था। उचित आदेश के लिए सीजेआई के सामने इसे रखा जाए।’
अरविंद केजरीवाल ने जल्द सुनवाई की रखी थी मांग
इससे पहले केजरीवाल ने मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट से अपील की कि उनके द्वारा दायर अंतरिम जमानत को बढ़ाने वाली याचिका पर तत्काल सुनवाई की जाय। सीएम केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने जस्टिस जेके माहेश्वरी और केवी विश्वनाथन की वेकेशन बेंच से तत्काल सुनवाई करने का अनुरोध किया।
सिंघवी ने कहा, ‘इसकी तत्काल जरूरत है क्योंकि 20 दिन की अंतरिम जमानत समाप्त हो रही है और मेडिकल टेस्ट करवाना भी बेहद जरुरी है। मैं सिर्फ अंतरिम जमानत को सात दिन बढ़ाने की ही मांग कर रहा हूं।’
गौरतलब है कि शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सीएम केजरीवाल 1 जून तक अंतरिम जमानत पर हैं। उन्हें दो जून को सरेंडर कर जेल लौटना होगा।
आम आदमी पार्टी ने क्या कहा है?
आम आदमी पार्टी के अनुसार मामले में गिरफ्तारी के बाद से सीएम केजरीवाल की तबीयत खराब है। पार्टी ने कहा है कि गिरफ्तारी के बाद उनका वजन सात किलोग्राम घट गया है और उनका कीटोन लेवल बहुत ज्यादा बढ़ गया है जो गंभीर मेडिकल डिसऑर्डर है।
पार्टी ने आगे कहा है कि सीएम को मेडिकल टेस्ट कराना जरूरी है और इसके लिए सात दिन का समय लगेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 17 मई को सीएम केजरीवाल की उस याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसमें उन्होंने शराब घोटाले मामले में एंटी-मनी लॉन्ड्रिंग एजेंसी द्वारा उनकी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड को चुनौती दी थी। इसमें कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट में फैसला सुरक्षित होने के बावजूद वह नियमित जमानत के लिए ट्रायल कोर्ट जा सकते हैं।
सुनवाई के दौरान, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि सीएम केजरीवाल की रिहाई और आत्मसमर्पण की समयसीमा को लेकर उनका स्पष्ट आदेश है। कोई विशेष छूट नहीं दी गई है।
इस बीच, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पिछले हफ्ते दिल्ली की एक अदालत में एक आवेदन दायर कर दो जून को सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम जमानत आदेश की समाप्ति पर ‘आप’ सुप्रीमो की न्यायिक हिरासत को 14 दिनों के लिए बढ़ाने की मांग की थी।