नई दिल्लीः आप राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल से मारपीट के आरोपी विभव कुमार की जमानत याचिका पर सोमवार दिल्ली की तीज हजारी कोर्ट में सुनवाई हुई। कोर्ट ने विभव कुमार की जमानत याचिका खारिज कर दी। स्वाति मालीवाल ने विभव की जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा कि अगर विभव कुमार जेल से बाहर आते हैं तो उन्हें और उनके परिवार की जान को खतरा हो सकता है। मालीवाल ने अदालत को बताया कि उन्हें धमकियां मिल रही हैं। यहां तक कि रेप की भी धमकी दी जा रही है।
23 मई को अदालत ने विभव कुमार की न्यायिक हिरासत 4 और दिनों के लिए बढ़ा दिया था। जिसके बाद विभव ने 25 मई को अपनी जमानत के लिए याचिका दाखिल की थी। अदालत ने इसपर सुनवाई के लिए 27 मई की तारीख तय की थी। सोमवार सुनवाई को दौरान तीस हजारी कोर्ट में स्वाति मालीवाल उस समय रो पड़ीं जब विभव कुमार के वकील एन हरिहरन ने कहा कि उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री के आवास पर कथित हमले की जगह इसलिए चुनी क्योंकि वहां कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं था, जो घटना को रिकॉर्ड कर सके।
विभव की याचिका का विरोध करते हुए स्वाति मालीवाल ने क्या कहा?
– विभव की जमानत याचिका का विरोध करते हुए स्वाति मालीवाल ने कहा कि उनके (विभव) पास एक बड़ी ट्रोल मशीनरी है। उन्होंने मशीनरी को पंप किया है। आरोपी को पार्टी के नेता मुंबई ले गए। अगर इस आरोपी को जमानत पर रिहा किया गया तो मुझे और मेरे परिवार को खतरा होगा। स्वाति मालीवाल के वकील अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि घटनास्थल पर सभी लोग विभव कुमार को रिपोर्ट कर रहे थे। इससे पता चलता है कि वह प्रभावशाली हैं। वह सबूतों से छेड़छाड़ कर सकते हैं।
– स्वाति मालीवाल ने अदालत में कहा कि मेरे बयान के बाद पूरी पार्टी के नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस करने लग गए। बार-बार बोला गया कि मैं भाजपा की एजेंट हूं। जब विभव गिरफ्तार हुए, उन्हें हीरो बना दिया गया।
– एक बड़े यूट्यूबर हैं जो पहले आप के वालंटियर थे। उन्होंने एक तरफा वीडियो बनाया। उसके बाद मुझे लगातार जान से मारने की धमकियां आने लगीं।
– एक-एक दिन में तीन-तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस की गईं। जिसमें कहा गया कि मैं भाजपा की एजेंट हूं। मुख्यमंत्री साहब आरोपी को लखनऊ और मुंबई रैली में जा रहे हैं। जब उसको गिरफ्तार कर लिया तो मुख्यमंत्री साहब रोड पर आए और इसका विरोध करने लगे। इनके पास एक बहुत बड़ी मशीनरी है जिसका इस्तेमाल करके मेरा चरित्र हनन किया जा रहा है।
– ये आदमी (विभव) मामूली पीए नहीं है। जो सुविधाएं एक मंत्री को नहीं मिलती हैं, वह विभव को मिलती हैं।
‘मुख्यमंत्री के घर के अंदर विभव मौजूद नहीं थे’
विभव कुमार के वकील एन हरिहरन ने अदालत को बताया कि आप सांसद ने बिना समय दिए ही केजरीवाल के आवास में प्रवेश किया। उस दौरान मुख्यमंत्री के घर के अंदर विभव कुमार मौजूद नहीं थे। मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गौरव गोयल के सामने हरिहरन ने दलील देते हुए कहा कि क्या कोई ऐसे ही घुस सकता है? यह तो मुख्यमंत्री जी का आवास है! न तो उनके मिलने की कोई पूर्व नियुक्ति थी, और न ही उन्होंने आने की कोई सूचना दी थी।
हरिहरन ने अदालत को बताया कि उन्हें (स्वाति) सुरक्षा कर्मियों ने रोक लिया था, लेकिन वह वेटिंग रूम में बैठ गईं और सुरक्षाकर्मी से कुमार से बात करने के लिए कहा। हरिहरन ने आगे अदालत को बताया कि आम आदमी पार्टी के सांसद पर कोई “गंभीर चोट” नहीं थी।
अदालत में रो पड़ीं स्वाति मालीवाल
उन्होंने कहा, “कृपया उस जगह को देखें जहां कथित घटना हुई थी, जहां बहुत से लोग मौजूद थे … ऐसी कोई घटना इस स्थान (सीएम आवास) पर कैसे हो सकती है? शरीर के किसी महत्वपूर्ण अंग पर कोई गंभीर चोट नहीं है, तो फिर गैर इरादतन हत्या का सवाल ही कहाँ उठता है? उन्होंने कहा, ये चोटें खुद बनाई जा सकती हैं। विभव का उन्हेंं निर्वस्त्र करने करने का इरादा भी साबित नहीं होता है। एन हरिहरन ने आगे कहा कि मालीवाल द्वारा लगाए गए सभी आरोप पूर्व नियोजित थे और उनकी कहानी के अनुरूप बनाए गए थे। इस बयान के बाद आप सांसद कोर्ट में ही रो पड़ीं।
दिल्ली पुलिस ने जमानत का किया विरोध
विभव कुमार की जमानत का दिल्ली पुलिस ने भी विरोध किया है। पुलिस का कहना है कि विभव कुमार जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। वे सवालें को सीधे जवाब नहीं दे रहे हैं। यहां तक कि अपने मोबाइल का पासवर्ड तक शेयर नहीं किया है। रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने क्राइम सीन रीक्रिएट करने के लिए विभव को मुख्यमंत्री आवास भी ले गई थी। मुंबई में तीन जगहों पर ले जाया गया। विभव ने एक जगह पर अपना फोन फॉर्मेट कर दिया था जिसका खुलासा जांच में हुआ। 17 मई को फोन में खराबी का हवाला देते हुए उसे फॉर्मेट कर दिया था। बता दें कि विभव कुमार पर आईपीसी की धारा 308, 341, 354 (बी), 506 और 509 के तहत आरोप लगाए गए हैं।
स्वाति संग मारपीट का क्या है मामला?
विभव कुमार पर 13 मई को मुख्यमंत्री आवास पर राज्यसभा सदस्य स्वाति मालीवाल पर हमला करने का आरोप है। 13 मई की सुबह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के घर से पीसीआर कॉल की गई थी। इस मामले में स्वाति मालीवाल ने पुलिस को दी गई अपनी शिकायत में कहा है कि मुख्यमंत्री आवास के अंदर मुख्यमंत्री के पीएस विभव ने उनके साथ बदसलूकी की, उन्हें बुरी तरीके से मारा-पीटा और बाहर निकाल दिया था। वहीं आम आदमी पार्टी ने घटना को भाजपा की साजिश बताया है। पुलिस ने 18 मई को विभव को गिरफ्तार किया था। जिसके बाद उन्हें 5 दिनों तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। 25 मई को विभव ने जमानत के लिए अदालत में याचिका दाखिल की थी।