बर्लिन: जर्मनी के उत्तरी द्वीप सिल्ट के एक क्लब में कुछ लोगों के नस्लवादी गीत गाने और विवादास्पद नाजी सलामी देने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। वीडियो में एक लोकप्रिय गाने को दूसरे रूप में गाया जा रहा है साथ ही नाजी नारा “जर्मनी जर्मनों के लिए – विदेशियों को बाहर करो!” लगाया जा रहा है।
जर्मन भाषा के अखबार द लक्जमबर्गर वर्ड के अनुसार, यह पहली बार नहीं जब इस गाने के साथ नाजी नारे लगे हैं, बल्कि इसी साल तीन बार इस गाने के साथ ऐसे नारे लगाए गए हैं।
मामले में श्लेस्विग-होल्स्टीन राज्य की पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। यही नहीं वीडियो क्लिप में किस तरह के कंटेट हैं, उसकी भी जांच हो रही है। इसके अलावा देश की सुरक्षा एजेंसी भी मामले में शामिल लोगों की जांच कर रही है।
सिल्ट पर जिस क्लब के बाहर यह घटना घटी है, उसने इस मामले से खुद को अलग कर लिया है और जांच में पुलिस का सहयोग कर रहा है।
क्या है पूरा मामला
वायरल हो रहे इस वीडियो में लोकप्रिय जर्मन रिसॉर्ट द्वीप सिल्ट के एक रेस्तरां में कुछ लोगों को पार्टी करते हुए देखा जा सकता है। पार्टी में कथित तौर पर लोगों को नाजी युग के प्रतीकों को प्रदर्शित करते हुए नस्लवादी नारे लगाते हुए देखा गया है।
चंद सेकंड के वीडियो में युवाओं के समूह को इटली के संगीतकार गीगी डी’ऑगोस्टिनो के 2001 के गीत लामोर टौजोर्स की धुन पर “विदेशियों को बाहर करो!” और “जर्मनी फॉर जर्मन्स” के नारे लगाते दिख रहा है।
वीडियो में एक आदमी भी दिखाई दे रहा है जो अपने ऊपरी होंठ पर उंगलियां रखकर हिटलर की मूंछों की नकल कर रहा है। गौर करने वाली बात यह है कि जर्मनी में इस तरीके से नारे और सलामी देना गैरकानूनी है।
ऐसे में वीडियो के सामने आने के बाद सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पर अपना रिएक्शन भी दिया है। कई यूजर्स ने इस घटना को निराशाजनकर बताया है साथ ही इसकी कड़ी निंदा भी की है।
गाने का नाजियों से नहीं है कोई संबंध
क्लिप में जिस इटली के संगीतकार गीगी डी’ऑगोस्टिनो के गीत का इस्तेमाल किया गया है उसका नाजियों और हिटलर से कोई संबंध नहीं है। केवल इस गीत को इस्तेमाल कर पार्टी कर रहे लोगों ने नाजी नारे लगाएं हैं। जर्मनी में नाजी प्रतीकों और नाजी नारों का उपयोग असंवैधानिक है।
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ सहित राजनेताओं ने वीडियो पर आश्चर्य व्यक्त किया है। देश के गृहमंत्री नैन्सी फेसर ने फंके मेडिएनग्रुप अखबार को बताया कि “जो कोई भी ‘जर्मनी जर्मनों के लिए और विदेशियों को बाहर करो’ जैसे नाजी नारे लगाता है, वह जर्मनी का अपमान करता है।”
बता दें कि “जर्मनी जर्मनों के लिए -विदेशियों को बाहर करो!” का नारा 19वीं सदी में लगाया गया था। इस नारे को सबसे पहले नाजी नेता और तानाशाह एडॉल्फ हिटलर द्वारा लगाया गया था। नारे को धुर दक्षिणपंथी नेशनल डेमोक्रेटिक पार्टी भी इस्तेमाल करती है।
घटना में शामिल एक कर्मचारी हुआ बर्खास्त
दूसरी ओर इस मामले में कम्पेन के आलीशान रिसॉर्ट में प्रसिद्ध पोनी रेस्तरां के संचालकों ने इंस्टाग्राम पर लिखा, “अगर हमारे स्टाफ ने इस व्यवहार पर ध्यान दिया होता, तो हम इसे तुरंत रोकते और पुलिस को सूचित करते।”
विज्ञापन एजेंसी सर्विसप्लान ग्रुप ने शुक्रवार शाम इंस्टाग्राम पर घोषणा की कि उसने घटना में शामिल एक कर्मचारी को बर्खास्त कर दिया है। कंपनी ने कहा, “हम अपने एजेंसी समूह के भीतर किसी भी रूप में नस्लवाद को बर्दाश्त नहीं करेंगे।”
कौन था एडॉल्फ हिटलर
एडॉल्फ हिटलर एक तानाशाह था और वह जर्मन नाजी पार्टी का नेता भी था। उसे द्वितीय विश्व युद्ध और होलोकॉस्ट के लिए जिम्मेदार माना जाता है। होलोकॉस्ट के दौरान हिटलर ने करीब 60 करोड़ यहूदियों को मार डाला था जिसे लेकर काफी विवाद हुआ था।
हिटलर के जमाने में नफरत और भेदभाव चरम पर था और इसे बढ़ावा देने के लिए कई नारे और प्रतीकों का भी जमकर इस्तेमाल किया गया था। इन्हीं नारों में जर्मनी के उत्तरी द्वीप सिल्ट में दिए गए “जर्मनी जर्मनों के लिए -विदेशियों को बाहर करो!” नारा भी शामिल है।
ऐसे में द्वितीय विश्व युद्ध के बाद नाजी पार्टी को भंग कर दिया गया था और इसके सभी प्रतीकों और नारों को गैरकानूनी करार कर दिया गया था। आज भी जर्मनी में इन नारों को और नाजी पार्टी के प्रतीकों का इस्तेमाल बैन है।
समाचार एजेंसी आईएएनएस के इनपुट के साथ