कोलकाता: 13 मई से लापता बांग्लादेश के झेनाइदाह-4 निर्वाचन क्षेत्र से अवामी लीग के सांसद अनवारुल अजीम अनार की कथित तौर पर सांसद के करीबी अमेरिकी दोस्त अख्तरुज्जमां शाहीन के कहने पर हत्या कर दी गई है। कम से कम अभी तक की जानकारी यही है। इस केस में रोज नए और चौंकाने वाले खुलासे हो रहे हैं। मामले में एक कसाई जिहाद हवलदार सहित शिमुल भुइयां और तीन अन्य लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पश्चिम बंगाल सीआईडी ने गुरुवार को भारत में उत्तर 24 परगना जिले से 24 साल के बांग्लादेशी नागरिक हवलदार को गिरफ्तार किया। कथित हत्या, साजिश, सबूत नष्ट करने और झूठे सबूतों के साथ जांच को गुमराह करने के आरोप में एक सत्र अदालत ने शुक्रवार को उसे 12 दिनों की पुलिस रिमांड पर भेज दिया। वहीं, सीमा पार बांग्लादेश पुलिस ने तीन और संदिग्धों को गिरफ्तार किया है, जिनमें अमानुल्लाह उर्फ शिमुल भुइयां नाम का शख्स भी शामिल है।
सांसद के मर्डर के पीछे अवैध तस्करी की कहानी!
‘द प्रिंट’ की एक रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश पुलिस के सूत्रों ने बताया है कि पिछले तीन से चार महीनों में भारतीय अधिकारियों ने लगभग 200 करोड़ बांग्लादेशी टका मूल्य के अवैध सोने की कुछ खेप जब्त की हैं। पुलिस सूत्र के अनुसार ‘अजीम अनार को सोने के लिए सुरक्षित रास्ता सुनिश्चित करने के लिए अख्तरुज्जमां शाहीन से मोटा कमीशन मिलता था। जब शाहीन की एक खेप भारतीय सीमा पर जब्त हुई तो उसे सांसद पर शक हुआ और उसने उसकी हत्या की सुपारी दी।’
मामले में हवलदार की गिरफ्तारी के साथ हत्या की भयावह कहानी सामने आई है। इसमें सांसद की गला घोंटकर हत्या करना, उनके शरीर को टुकड़ों में काटना, हड्डियों और मांस को अलग करना और छोटे प्लास्टिक बैग में पैक करके पूरे कोलकाता में इधर-उधर फेंकना शामिल है। अजीम अनार का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ है। वहीं, विदेश में एक सांसद की निर्मम हत्या के बाद बांग्लादेश की राजनीति में हंगामा मच गया है।
शेख हसीना पर विपक्ष उठा रहा सवाल
इस मर्डर पर बांग्लादेश में हंगामे के बीच विपक्षी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) ने शेख हसीना को कठघरे में ला खड़ा किया है। बांग्लादेश के गृह मंत्री असदुज्जमां खान ने 22 मई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि ‘हमारे पास अब तक जो जानकारी है वह यह है कि हमारे देश के लोग हत्या में शामिल हैं।’
विपक्ष सवाल उठा रहा है कि भारत को किसी भी भूमिका से क्लीन चिट देने की जल्दबाजी में बांग्लादेश की मौजूदा सरकार क्यों लग रही है। बीएनपी नेता निपुण रॉयचौधरी ने कहा कि ऐसा लगता है कि सरकार हत्या में भारत को किसी भी संभावित भूमिका से मुक्त करने की जल्दी में हैं जबकि यह हत्या भारत की धरती पर हुई है।
उन्होंने कहा, ‘यह जांच अभी जारी है। हर दिन मामले में नई-नई जानकारियां सामने आ रही हैं। हमारे गृह मंत्री को यह कहने की इतनी जल्दी क्यों है कि हत्या में केवल बांग्लादेशी ही शामिल हैं? क्या इससे बांग्लादेश में चल रहे ‘बायकॉट इंडिया’ कैंपेन को बढ़ावा नहीं मिलेगा?’
बांग्लादेश में शेख हसीना के ऐतिहासिक चौथे कार्यकाल के लिए सत्ता में लौटने के तुरंत बाद बांग्लादेश में ‘भारत का बहिष्कार’ करने का कैंपेन शुरू हो गया था। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने भारत पर बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। ये भी उनकी ओर से कहा गया कि हसीना को सत्ता में वापस लाने में भारत की भी भूमिका था। इसके बाद बांग्लादेश के बाजारों से सभी भारतीय उत्पादों के बहिष्कार का आह्वान भी किया गया था।
विपक्षी नेता ये भी कह रहे हैं कि एक सांसद सोने की तस्करी का रैकेट चला रहा था और ये दिखाता है कि शेख हसीना की सरकार में कई अवैध सिंडिकेट पैदा हो गए हैं। निपुन रॉयचौधरी के अनुसार, ‘ऐसा लगता है कि हसीना सरकार हत्या में संभावित भारतीय हाथ के किसी भी संभावना को रोकने की कोशिश कर रही है।’ उनके अनुसार, ‘भारत को इस तरह का अंध समर्थन बांग्लादेश में चल रहे ‘इंडिया आउट’ अभियान को बढ़ावा देगा। भारत में एक मौजूदा सांसद की हत्या कर दी गई है। इससे पहले कि हमारी सरकार यह कहे कि सभी हत्यारे बांग्लादेश से हैं, उचित जांच होनी चाहिए।’