तेहरानः रविवार हेलीकॉप्टर हादसे में ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी के निधन के बाद तेल उद्योग और सोने की कीमतों समेत वैश्विक बाजार में अनिश्चितता की आशंका सताने लगी है। राष्ट्रपति रईसी की हेलीकॉप्टर हादसे में मौत और देश के इजराइल के साथ संघर्ष, पूरे मध्य पूर्व क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। यूरोन्यूज के अनुसार, ईरान की स्थिति पिछले महीने 13 अप्रैल को इजराइल पर ड्रोन हमले के कारण और अधिक अस्थिर हो गई है।
गौरतलब है कि ईरान दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा कच्चा तेल निर्यातक देश है। अगर देश में भू-राजनीतिक अनिश्चितताएं पैदा होती हैं तो आपूर्ति में व्यवधान की आशंका के कारण तेल की कीमतों में तेज वृद्धि हो सकती है। उदाहरण के लिए, रूस-यूक्रेन युद्ध का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर गहरा प्रभाव पड़ा। क्योंकि कच्चे तेल की कीमतें 133 डॉलर प्रति बैरल से अधिक हो गईं, जो 2008 के बाद से सबसे अधिक उछाल है। पिछले साल 7 अक्टूबर को इजराइल-हमास युद्ध के के कारण भी इसमें तेज वृद्धि हुई।
तेल की कीमतों पर असर
ईरान के राष्ट्रपति रईसी के निधन की पुष्टि के बाद सोमवार तेल उत्पादक देशों में राजनीतिक अस्थिरता के बीच अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतों में अचानक वृद्धि हुई। खबरों के अनुसार, ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतों में सुबह 6:30 (12:02 बजे IST) तक 41 सेंट (0.5 प्रतिशत) की बढ़ोतरी होकर 84.39 डॉलर प्रति बैरल हो गई थी। अमेरिका के वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (डब्ल्यूटीआई) कच्चा तेल जून के लिए 23 सेंट बढ़कर 80.29 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। लेकिन मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो रईसी की मौत से तेल बाजार की कीमतों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। क्योंकि सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई राज्य के सभी मामलों पर अंतिम निर्णय लेते हैं। मंगलवार को अमेरिकी औद्योगिक मांग में गिरावट की आशंका के बीच शुरुआती एशिया बाजार में तेल की कीमतें गिर गईं।
शेयर बाजार पर क्या हुआ असर
अनिश्चितता की आशंका के बीच खाड़ी के ज्यादातर शेयर बाजारों में सोमवार को गिरावट आई। सऊदी अरब का मुख्य शेयर बाजार सूचकांक (TASI) 0.6 फीसदी नीचे आ गया। इसमें ज्यादातर कंपनियों के शेयरों में गिरावट दर्ज की गई, खासकर आईटी, रियल एस्टेट और फाइनेंस कंपनियों के शेयरों में। सऊदी अरब का सबसे बड़ा बैंक (सऊदी नेशनल बैंक) के शेयरों में 2 फीसदी की गिरावट आई और दुनिया की सबसे बड़ी पेट्रोकेमिकल कंपनियों में से एक, सऊदी बेसिक इंडस्ट्रीज (2010.SE) के शेयरों में 2.3 फीसदी की गिरावट आई।
कतर की बेंचमार्क इंडेक्स (.QSI) में 0.3% की गिरावट दर्ज की गई, जिसका कारण क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक कतर नेशनल बैंक में 1.2% की गिरावट और इंडस्ट्रीज कतर (IQCD.QA) में 0.5% का नुकसान रहा। हालांकि, दुनिया भर के शेयर बाजारों में तेजी आई क्योंकि डॉव जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज पहली बार 40,000 के ऊपर बंद हुआ।
सोने-चांदी की कीमत पर असर
रईसी की मौत के बाद मंगलवार सोने की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गईं। सोना वायदा (स्पॉट गोल्ड) 0.9 प्रतिशत बढ़कर 2,435.96 डॉलर ( ₹2,02,950.30) प्रति औंस पर पहुंच गया, जो इससे पहले सत्र में 2,449.89 डॉलर (₹204110.87) के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था। अमेरिकी सोना वायदा 0.9 प्रतिशत ऊपर 2,438.50 डॉलर (₹203161.92) पर बंद हुआ। ना सिर्फ सोना बल्कि चांदी की दाम में भी उछाल देखा गया। हाजिर चांदी में 2.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई और 11 साल से अधिक के उच्च स्तर को छूने के बाद यह 32.17 डॉलर (₹2680.22) पर पहुंच गई। इसके अलावा, प्लैटिनम मई 2023 के बाद अपने उच्चतम स्तर को छूने के बाद 2.5 प्रतिशत गिरकर 1,053.43 डॉलर (₹87765.78) पर आ गया, जबकि पैलेडियम 2 प्रतिशत बढ़कर 1,028.66 डॉलर (₹ 85702.09) पर पहुंच गया।
एक्सपर्ट का क्या है कहना?
अल्फानिटी फिनटेक के सह-संस्थापक यूआर भट्ट के मुताबिक, ईरानी राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी की दुखद हेलीकॉप्टर दुर्घटना में मृत्यु का घरेलू बाजारों पर कोई बड़ा प्रभाव नहीं पड़ेगा, जब तक कि इससे भू-राजनीतिक तनाव में कोई वृद्धि न हो। उन्होंने कहा कि “अगर तेल की कीमतों पर असर पड़ता है, तो इससे भारत के आयात बिल पर असर पड़ेगा। अगर ईरान को राष्ट्रपति की मौत में किसी इजराइली साजिश का पता चलता है, तो पश्चिम एशिया में तनाव और बिगड़ सकता है। लेकिन अभी तक कुछ अटकलों के अलावा इसकी पुष्टि नहीं हुई है। उन्होंने कहा, ‘जब तक ऐसा नहीं होता है और उत्तराधिकार सुचारू रूप से होता है, तो ज्यादा चिंता करने की कोई बात नहीं है।’