तेहरान: ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का निधन हो गया है। राष्ट्रपति रईसी की मौत तब हुई जब वे अजरबैजान से वापस लौट रहे थे और उनका हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था।
ईरानी सरकारी न्यूज एजेंसी आईआरएनए ने राष्ट्रपति रईसी की मौत की पुष्टि सोमवार सुबह की है। हादसा तब हुआ जब हेलीकॉप्टर घने कोहरे के बीच पहाड़ी इलाकों को पार कर रहा था।
इससे पहले ईरान के रेड क्रिसेंट के प्रमुख पिरहोसैन कोलीवंद ने सरकारी टीवी पर कहा था कि घटनास्थल की खोज हो गई है लेकिन हेलीकॉप्टर पर सवार सवारियों के जिंदा बचने की संभावना काफी कम है। दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर में राष्ट्रपति रईसी और विदेश मंत्री होसैन अमीराब्दुल्लाहियन समेत 9 लोग सवार थे।
कौन थे राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी-10 बातें
राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी ईरान के सबसे ताकतवर नेताओं में से एक थे। उनके राष्ट्रपति पद पर बने रहने के दौरान देश में मानवाधिकार के मुद्दों पर विरोध प्रदर्शन भी देखा गया है। यही नहीं उनके कार्यकाल के दौरान यूरेनियम संवर्धन में भी वृद्धि देखी गई थी। ऐसे में राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी कौन थे, आइए उनके बारे में 10 बातें जानते हैं।
1. राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी का जन्म साल 1960 में ईरान के मशहद में हुआ था। वे बहुत ही कम उम्र में ही न्यायपालिका में शामिल हो गए थे।
2. वे 1988 में विवादास्पद “डेथ कमेटी” का हिस्सा थे जिसमें लगभग पांच हजार राजनीतिक कैदियों को फांसी की सजा दी गई थी।
3. “डेथ कमेटी” का हिस्सा होने और हजारों कैदियों को फांसी देने के लिए राष्ट्रपति रईसी को ‘तेहरान का कसाई’ भी कहा जाता था। हालांकि वे अपने पर लगे सभी आरोपों से इंकार भी करते रहे थे।
4. राष्ट्रपति रईसी ने तेहरान के मुख्य अभियोजक के रूप में भी काम किया है और वे विशेषज्ञों की सभा के लिए भी चुने गए थे।
5. साल 2017 में वे राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़े थे लेकिन वे हसन रूहानी से हार गए थे, बाद में वे 2019 में मुख्य न्यायाधीश बने थे।
6. बतौर मुख्य न्यायाधीश उनके कार्यकाल में मानवाधिकारों के हनन और असहमति के दमन के आरोप भी लगे हैं।
7. साल 2021 में राष्ट्रपति चुनाव के दौरान उन्हें 62 फीसदी वोट मिले थे और उनकी जीत भी हुई थी। इस दौरान उन्हें उदारवादी उम्मीदवारों को अयोग्य ठहराने को लेकर आलोचना भी सहना पड़ा था।
8. राष्ट्रपति बनने से पहले इब्राहिम एक कट्टरपंथी मौलवी और ईरान के मुख्य न्यायाधीश थे।
9. 2022 में सरकार के खिलाफ विरोध करने वाली 22 साल की महसा अमिनी की हिरासत में मौत को लेकर भी उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा था।
10. इस साल अप्रैल में ईरान को इजराइल के साथ संघर्ष करते हुए भी देखा गया है। यह तब हुआ जब इजराइल ने कथित तौर पर दमिश्क में ईरानी दूतावास परिसर पर हवाई हमला किया था।