सिंगापुर: छह दशक पहले आजादी के बाद सिंगापुर को बुधवार रात 8 बजे (स्थानीय समय) लॉरेंस वोंग के रूप में चौथा प्रधानमंत्री मिल जाएगा। 51 वर्षीय वोंग सत्तारूढ़ पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) की चौथी पीढ़ी के नेताओं में से एक हैं। गौरतलब है कि 15 अप्रैल को सिंगापुर के प्रधानमंत्री कार्यालय ने अपने एक बयान में लॉरेंस वोंग के वर्तमान प्रधानमंत्री ली सीन लूंग का उत्तराधिकारी घोषित किया था। बयान में कहा गया था कि वोंग 15 मई 2024 को सिंगापुर के चौथे प्रधान मंत्री के रूप में शपथ लेंगे।
पद ग्रहण करने से पहले, वोंग ने व्यापार मंत्री गण किम योंग को उप प्रधानमंत्री के रूप में पदोन्नत किया। दूसरे उप प्रधानमंत्री डिप्टी हेंग हैं। गौरतलब है कि सिंगापुर में दो डिप्टी यानी उप प्रधानमंत्री का रिवाज है। वहीं ली सीन एक वरिष्ठ मंत्री के रूप में बने रहेंगे। यह रास्ता सभी पूर्व प्रधानमंत्रियों ने अपनाया है।
आजादी के बाद केवल 3 प्रधानमंत्री चुने गए
आजादी के बाद से सिंगापुर की राजनीति में पीपुल्स एक्शन पार्टी का वर्चस्व रहा है और सभी प्रधान मंत्री इसी पार्टी से रहे हैं। 2004 में प्रधानमंत्री गोह चोक टोंग के पद छोड़ने के बाद ली सीन लूंग सिंगापुर के तीसरे प्रधान मंत्री बने थे। गोह चोक ने 28 नवंबर 1990 को सिंगापुर के दूसरे प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ली थी। सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली कुआन यू थे। कुआन ने 1959 में 5 जून को आठ सदस्यों के मंत्रिमंडल के साथ शाम 4 बजे शपथ लिया था। सिंगापुर तब एक स्वशासी ब्रिटिश उपनिवेश ही था।
लॉरेंस वोंग कौन है?
लॉरेंस वोंग एक अर्थशास्त्री और पूर्व सिविल सेवक हैं। 2022 में उन्होंने सिंगापुर के सातवें उप प्रधानमंत्री के रूप में शपथ लिया था। 2021 में वित्त मंत्री, 2022 से पीपुल्स एक्शन पार्टी (पीएपी) के उप महासचिव और 2023 में वह सिंगापुर के मौद्रिक प्राधिकरण के अध्यक्ष हैं, जो वहाँ का केंद्रीय बैंक है। वह 2015 से मार्सिलिंग-यू टी जीआरसी का प्रतिनिधित्व करने वाले संसद सदस्य (एमपी) रहे हैं। अप्रैल 2022 में वोंग को पीएम-इन-वेटिंग के रूप में नामित किया गया था।
ली सीन लूंग के बारे में
ली सीन लूंग सिंगापुर के पहले प्रधानमंत्री ली कुआन यू के सबसे बड़े बेटे हैं। वे एक पूर्व सेना अधिकारी और कैम्ब्रिज-शिक्षित गणितज्ञ रह चुके हैं। 32 साल की उम्र में उन्होंने राजनीति में कदम रख था। 31 वर्षों के शासनकाल में कुआन ने सिंगापुर को गरीब शहर-राज्य से निकालकर दुनिया के सबसे अमीर देशों की कतार में ला खड़ा किया। हालांकि सिंगापुर की अपने कड़े सरकारी नियंत्रण, मीडिया सेंसरशिप और विरोधियों के खिलाफ दमनकारी कानूनों और दीवानी मुकदमों किए जाने को लेकर खूब आलोचना भी हुई। ली सीन 1991 संसद सदस्य भी रहे हैं। 2004 में प्रधान मंत्री का पद संभालने से पहले उप प्रधान मंत्री, वित्त मंत्री, व्यापार और उद्योग मंत्री और प्रधानमंत्री ली कुआन यू और गोह चोक टोंग के तहत रक्षा मंत्री के रूप में कार्य किया था।
सिंगापुर की राजनीतिक व्यवस्था
सिंगापुर एक संसदीय गणतंत्र है, जहाँ राष्ट्रपति सीधे जनता द्वारा चुने जाते हैं। यह उन कुछ देशों में से एक है जहाँ सभी पंजीकृत वयस्क मतदाताओं के लिए मतदान अनिवार्य है। सिंगापुर की संसद एकसदनीय है, जिसमें 94 सदस्य होते हैं। इनमें से 84 सदस्य सीधे चुनावों में चुने जाते हैं, जबकि 10 राष्ट्रपति द्वारा नामित किए जाते हैं। संसद का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है। यहां प्रधानमंत्री, जो आमतौर पर उस पार्टी का नेता होता है जिसके पास संसद में बहुमत होता है, सरकार का प्रमुख होता है। वे सरकार के वास्तविक कार्यकारी शक्तियों का प्रयोग करते हैं। सिंगापुर के सरकारी नेता दुनिया में सबसे अधिक वेतन पाने वाले होते हैं। प्रधान मंत्री को प्रति वर्ष 2.2 मिलियन सिंगापुर डॉलर ($1.6 मिलियन) का वेतन और बोनस मिलता है।
सिंगापुर को 1963 में ब्रिटेन से आजादी मिली थी। इसके बाद मलेशिया संघ में शामिल हो गया। यह 1965 में मलेशिया संघ से अलग होकर स्वतंत्र हो गया।