भारतीय मूल की ब्रिटिश राजनेता आयशा हजारिका ने इतिहास रच दिया। वे ब्रिटेन की संसद के अपर हाउस हाउस ऑफ लॉर्ड्स की सदस्य के रूप में नियुक्त होने वाली असमिया मूल की पहली महिला है।
आयशा एक पत्रकार, ब्रॉडकास्टर और स्टैंड-अप कॉमेडियन भी हैं। उनका असम के लखीमपुर से पुराना ताल्लुक है। आयशा का जन्म सन 1975 में स्कॉटलैंड के बेलशिल में हुआ था और उनका पालन-पोषण कोटब्रिज में हुआ था।
आयशा को अपने औपचारिक परिचय समारोह के दौरान पारंपरिक लाल रंग के कपड़े में देखा गया है। उन्होंने नौ मई को ‘कोटब्रिज की बैरोनेस हजारिका’ के रूप शपथ ग्रहण की हैं।
इससे पहले वे ब्रिटिश राजनेताओं के विशेष सलाहकार के रूप में भी काम किया है। उन्होंने गॉर्डन ब्राउन और एड मिलिबैंड जैसे लेबर पार्टी के नेताओं के लिए भी काम किया है।
शपथ ग्रहण के बाद क्या बोली आयशा
शपथ लेने के बाद आयशा ने अपने अधिकारिक एक्स अकाउंट पर इस बारे में लिखा है और साथ में तस्वीरें भी शेयर की है।
उन्होंने लिखा है कि “आप सभी को प्यारे संदेशों के लिए धन्यवाद। परिवार और दोस्तों के साथ बिताया गया कितना अविश्वसनीय, विशेष दिन। विशेष रूप से मेरे अद्भुत माता-पिता जो भारतीय मुस्लिम अप्रवासी के रूप में यहां आए और बहुत कड़ी मेहनत की। लेबर सहकर्मी के रूप में हाउस ऑफ लॉर्ड्स में शामिल होना वास्तव में मेरे जीवन का सम्मान है।”
Thank you for all your lovely messages. What an incredible, special day spent with family & friends. Especially my amazing parents who came here as Indian Muslim immigrants & worked so very hard. It is genuinely the honour of my life to join the House of Lords as a Labour peer. pic.twitter.com/94gGh0itUD
— Ayesha Hazarika (@ayeshahazarika) May 9, 2024
आयशा ने हल विश्वविद्यालय से लॉ में ग्रेजुएशन भी किया है। उनके कामों के लिए उन्हें साल 2016 में “मेंबर ऑफ द ऑर्डर ऑफ द ब्रिटिश एम्पायर” से सम्मानित भी किया गया है। उनकी पहली पुस्तक का नाम ‘पंच एंड जूडी पॉलिटिक्स -एन इनसाइडर्स गाइड टू प्राइम मिनिस्टर्स क्वेश्चन’ है।
1960 में आयशा के पिता गए थे स्कॉटलैंड
असम के लखीमपुर में रहने वाली आयशा के पिता ने सन 1960 को स्कॉटलैंड गए थे। उनके पिता का नाम लियाकत अली हजारिका है जो पेशे से एक डॉक्टर थे। कुछ मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, आयशा के दादा दिवंगत यूसुफ अली हजारिका जाने-माने वकील थे और वे उत्तरी लखीमपुर नगर पालिका बोर्ड के अध्यक्ष भी थे।