रायपुर: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले के जंगल में 11 घंटे चले ऑपरेशन में 12 माओवादियों के मारे जाने की खबर है। पुलिस के अनुसार खुफिया जानकारी मिलने के बाद सुरक्षाबलों ने गंगालूर इलाके में दबिश दी जिस दौरान माओवादियों से मुठभेड़ हुई। छत्तीसगढ़ पुलिस के अनुसार मरने वाले माओवादियों की संख्या इससे अधिक भी हो सकती है। सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से स्वचालित हथियार, एक ग्रेनेड लांचर और विस्फोटक आदि भी बरामद किए गए हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार शवों को पहचान के लिए पुलिस कैंप ले जाया गया है। एक अधिकारी ने बताया कि मारे गए माओवादियों की सही संख्या तब पता चलेगी जब सुरक्षाकर्मियों की अलग-अलग टीमें एक जगह पर जुटेंगी। इस साल अभी तक कुल 103 माओवादियों सुरक्षाबलों से मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं। पिछले महीने राज्य के कांकेर जिले में हुए एक मुठभेड़ में 29 माओवादी मारे गये थे।
खुफिया जानकारी मिलने के बाद शुरू हुआ था ऑपरेशन
पुलिस के अनुसार क्षेत्र में कमांडर रैंक के माओवादियों और 150 से अधिक कैडरों की मौजूदगी के बारे में खुफिया इनपुट मिलने के बाद ऑपरेशन को शुरू किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए बीजापुर, दंतेवाड़ा और सुकमा जैसे जिलों के कोबरा (CoABRA), स्पेशल टास्क फोर्स और जिला रिजर्व गार्ड यूनिट्स की शिविरों से 1,000 से अधिक सुरक्षाकर्मी शुक्रवार सुबह 6 बजे निकले थे।
ये सभी बीजापुर से लगभग 40 किमी और रायपुर से 470 किमी दक्षिण में पिड़िया गांव के पास घने जंगल के एक हिस्से में इकट्ठा हुए। पुलिस का कहना है कि पहले माओवादियों ने गोलीबारी शुरू की और इसके बाद सुरक्षा बलों की ओर से जवाबी कार्रवाई की गई। इस दौरान 11 घंटे तक जंगल में अलग-अलग स्थानों पर गोलीबारी होती रही। जवानों ने कई जगहों पर माओवादियों का पीछा किया और ऐसे में अंधेरा होने के बाद भी एनकाउंटर जारी रहा।
दंतेवाड़ा के एसपी गौरव राय ने शुक्रवार रात पुष्टि की कि मुठभेड़ स्थल पर 12 माओवादियों के शव मिले हैं। पुलिस ने कहा कि पश्चिमी बस्तर डिवीजन के स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्य पाप राव, दरभा डिवीजन एसजेडसी चैती, पीएलजीए कंपनी नंबर 2 कमांडर वेल्ला, प्लाटून 12 के गंगालूर एरिया कमेटी सचिव दिनेश मोडियाम और 150 से अधिक कैडरों की मौजूदगी के बारे में इनपुट थे।
गौरतलब है कि इससे पहले 16 अप्रैल को कांकेर में सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में 29 माओवादियों को मार गिराया था। इन ऑपरेशन में महिला नक्सली भी मारी गई थीं। इनमें 25 लाख रुपये का इनामी शंकर राव और 25 लाख रुपये की इनामी ललिता भी शामिल थी। एक पखवाड़े बाद, 1 मई को नारायणपुर के अबूझमाड़ क्षेत्र में 13 घंटे तक चली मुठभेड़ में 10 और माओवादी मारे गए।