सौर ऊर्जा यानी सोलर एनर्जी के इस्तेमाल में भारत ने लंबी छलांग लगाई है और इसने जापान जैसे विकसित देश को भी पीछे छोड़ दिया है। ग्लोबल एनर्जी थिंक टैंक एम्बर ने बुधवार को ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2024 जारी किया है जिसमें यह कहा गया है कि भारत सोलर एनर्जी के उत्पादक में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया है।
2015 में जहां भारत सौर ऊर्जा के उपयोग में नौवे स्थान पर था और केवल 0.5 फीसदी ही सोलर एनर्जी का जेनरेट कर पा रहा था, अब 2023 में इसने लंबी छलांग लगाई है और इसका उत्पादक 5.8 फीसदी तक हो गया है।
पिछले कुछ सालों में दुनिया भर बिजली की मांग में जबदरस्त इजाफा हुआ, जिसे पूरा करने के लिए सोलर एनर्जी के उत्पादन को बढ़ाया गया है। ऐसे में रिपोर्ट के अनुसार, सौर ऊर्जा को लेकर 2023 में भारत में जो तेजी आई है, उससे भारत दुनिया में चौथा सबसे बड़ी सौर ऊर्जा उत्पादक देश बन गया।
सोलर एनर्जी जेनरेट करने में सबसे आगे चीन है। उसके बाद अमेरिका और ब्राजील हैं।
एम्बर के एशिया कार्यक्रम के निदेशक ने क्या कहा
एम्बर के एशिया कार्यक्रम के निदेशक आदित्य लोला ने कहा जिस तरीके से रिन्यूएबल पॉवर फ्यूचर अब सच होता जा रहा है उस तरीके से सोलर एनर्जी काफी तेज गति से आगे बढ़ रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि “स्वच्छ बिजली बढ़ाना सिर्फ बिजली क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन को कम करने के लिए नहीं है। तेजी से विद्युतीकृत अर्थव्यवस्था में बढ़ती बिजली की मांग को पूरा करने और आर्थिक विकास को उत्सर्जन से अलग करने के लिए भी इसकी आवश्यकता है जो कि जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए महत्वपूर्ण है।”
भारत को लेकर रिपोर्ट में क्या कहा गया है
भारत जैसे बड़े देश और इसकी बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए आने वाले दिनों में इलेक्ट्रिसिटी की मांग यहां और भी बढ़ने वाली है। ऐसे में भारत यह लक्ष्य रख रहा है कि 2030 तक वह गैर-जीवाश्म ईंधन स्रोत से बिजली पैदा करे।
भारत को इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सोलर एनर्जी काफी मदद कर सकती है। भारत के अलावा दुनिया के और देश भी सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहे हैं और उनका लक्ष्य है कि 2030 तक रिन्यूएबल एनर्जी की वैश्विक क्षमता को तीन गुना किया जा सके।
रिन्यूएबल एनर्जी की की वैश्विक क्षमता को बढ़ाने में भारत काफी अहम रोल अदा कर रहा है और यह दुनिया के अन्य देशों से काफी तेजी से आगे चल रहा है।