आने वाले दिनों में भारतीय टेलिकॉम सेक्टर अपने टैरिफ प्लान में बढ़ोतरी कर सकते हैं। मिंट के अनुसार, बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज के एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के बाद यानी अप्रैल-मई तक यह बढ़ोतरी हो सकती है।
रिपोर्ट में 20 फीसदी तक की हाइक की बात कही गई है लेकिन कुछ और जानकारों का मानना है कि यह बढ़ोतरी 20 से 25 फीसदी तक हो सकती है।
देश में ऐसे बहुत से यूजर हैं जो एक ही फोन में दो सिम इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में अब जब यह बढ़ोतरी होने वाली है तो यह सवाल उठ रहा है कि क्या दो सिम यूज करने वाले यूजर इस बढ़ोतरी के बाद एक सिम को इस्तेमाल करना बंद कर देंगे।
जानकार इस पर क्या कहते हैं और इस टैरिफ प्लान बढ़ोतरी से कंपनियों पर क्या असर पड़ेगा, आइए जान लेते हैं।
क्या कहना है जानकारों का
मार्केट के जानकारों की अगर माने तो टैरिफ प्लान के बढ़ने से टेलिकॉम ऑपरेटरों को किसी किस्म का लॉस नहीं होगा। उनके अनुसार, ऑपरेटरों के टैरिफ हाइक के बाद यूजर अन्य कंपनी में नहीं जाएंगे और उसी ऑपरेटर में रहकर कम कीमत वाले प्लान को रिचार्ज करेंगे।
कुछ मामलों में ऐसा देखा गया है कि टैरिफ के बढ़ने के बाद यूजर्स कंपनी बदल देते हैं और अन्य ऑपरेटर में चले जाते हैं। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा, एक्सपर्ट्स ऐसी संभावना जता रहे हैं।
बैंक ऑफ अमेरिका सिक्योरिटीज की रिपोर्ट की अगर बात करें तो साल 2019 में जब इन टेलिकॉम ऑपरेटरों द्वारा टैरिफ प्लान को हाइक किया गया था, तब एयरटेल और वोडाफोन-आईडिया के यूजर्स घटे थे और जियो के उपयोगकर्ता में बढ़ोतरी हुई थी क्योंकि इसका प्लान अन्य के मुकाबले सस्ता था।
वहीं अगर बात करें साल 2021 की तो इस समय हुए हाइक में एयरटेल को फायदा हुआ था और इसके यूजर्स बढ़े थे जबकि जियो के उपयोगकर्ताओं की संख्या में कोई बदलाव नहीं हुआ था।
कितना महंगा हो सकता है प्लान
टेलिकॉमटॉक डॉट इंफो के अनुसार, एयरटेल और जियो जैसे बड़े टेलिकॉम ऑपरेटरों ने एक्टिव वैलिडिटी के लिए अभी 150 रुपए का टैरिफ प्लान रखा है। प्लान के हाइक के बाद इसकी कीमतें 180 से 200 रुपए तक हो सकती हैं।
ऐसे में सवाल उठता है क्या जो यूजर्स दो सिम इस्तेमाल करते हैं, वे महीने का 200 रुपए खर्च करेंगे। इस पर जानकारों का कहना है कि यूजर्स पर इस तरह के टैरिफ हाइक का कोई असर नहीं पड़ने वाला है।
क्या हो सकता हैं कारण
फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, इस साल अप्रैल-मई में होने वाले टैरिफ हाइक से कंपनियों को लॉस नहीं होने वाला है और उसके यूजर्स उसी कंपनी में रहेंगे। रिपोर्ट में आगे कुछ जानकारों का हवाला देते हुए कहा गया है कि इसके पीछे दो मुख्य कारण हैं।
पहला कारण यह है कि यह हाइक करीब तीन साल बाद हो रहा है। इससे पहले दिसंबर 2021 में टेलिकॉम ऑपरेटरों के टैरिफ प्लान बदले थे।
ऐसे में जानकारों का मानना है कि इन तीन सालों में 20 से 25 फीसदी की बढ़ोतरी से यूजर्स पर कुछ असर नहीं पड़ेगा और वे न ही दो सिम को यूज करना बंद करेंगे और न ही किसी अन्य कंपनी में जाएंगे।
जानकारों ने दूसरा कारण यह बताया है कि अब यूजर्स के पास दूसरा कुछ खास विकल्प नहीं है जिससे वे अपने सिम को दूसरे कंपनी में बदल सके। इस कारण वे उसी कंपनी में रहकर किसी कम कीमत वाले टैरिफ को इस्तेमाल करेंगे।
एक्सपर्ट्स ने इस बात पर भी गौर किया कि अभी जो एयरटेल और जियो के यूजर्स हैं उन्हें टैरिफ हाइक कीमती नहीं लगेगा और वे इसे आसानी से सह सकेंगे। वहीं जिनकी आमदनी कम होगी वे वोडाफोन के तरफ भी जा सकते हैं।