कथित यौन शोषण मामले में फंसे जेडी-एस सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने देश से बाहर जाने के लिए डिप्लोमेटिक पासपोर्ट (राजनयिक पासपोर्ट) का इस्तेमाल किया था। विदेश मंत्रालय (एमईए) ने कहा है कि मंत्रालय द्वारा न तो राजनीतिक मंजूरी मांगी गई और न ही जारी की गई। गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े अश्लील वीडियो कांड को लेकर कर्नाटक में राजनीतिक घमासान मचा हुआ है। यौन शोषण के आरोप सामने आने के बाद रेवन्ना राजनयिक पासपोर्ट पर 28 अप्रैल को जर्मनी (फ्रैंकफर्ट) चले गए। इसको लेकर विदेश मंत्रालय पर भी सवाल उठने लगे जिसके बाद मंत्रालय ने कहा कि उसने रेवन्ना को कोई वीजा नोट जारी नहीं किया।
विदेश मंत्रालय ने 2 मई को बताया कि जेडी-एस सांसद प्रज्वल रेवन्ना ने देश से बाहर जाने के लिए डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का इस्तेमाल किया था। आखिर डिप्लोमेटिक पासपोर्ट क्या होता है। यह किसको जारी किया जाता है और इसकी विशेषताएं क्या होती हैं? आइए जानते हैंः
क्या होता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट?
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट सामान्य पासपोर्ट से अलग होता है। सामान्य पासपोर्ट का रंग नीले रंग का होता है जबकि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट भूरे रंग में जारी किया जाता है। इसकी वैधता भी सामान्य पासपोर्ट से कम होती है। सामान्य पासपोर्ट की वैधता 10 साल तक होती है जबकि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की वैधता अवधि पाँच वर्ष या उससे कम भी होती है। हालाँकि, टाइम्स ऑफ इंडिया (टीओआई) के अनुसार, सटीक अवधि पासपोर्ट धारक की स्थिति और उनके असाइनमेंट या यात्रा की प्रकृति पर निर्भर करती है। यह पासपोर्ट 28 पेज का होता है।
डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की विशेषताएं
अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुसार ऐसे पासपोर्ट धारकों को विशेषाधिकार और रियायतें प्राप्त होती हैं। जिनके पास डिप्लोमेटिक पासपोर्ट होता है, मेजबान देश में गिरफ्तारी, हिरासत और कुछ कानूनी कार्यवाही से छूट मिलती है। साथ ही विदेशों में एम्बेंसी से लेकर यात्रा के दौरान कई सुविधाएं मिलती हैं। ऐसे पासपोर्ट मुख्य रूप से पाँच श्रेणियों के लोगों को जारी किया जाता हैः
-जिनके पास राजनयिक का दर्जा है
-सरकारी नियुक्त व्यक्ति जो आधिकारिक कार्य के लिए विदेश यात्रा करते हैं
-भारतीय विदेश सेवा (IFS) की शाखा A और B के अंतर्गत कार्यरत अधिकारी, सामान्यतः संयुक्त सचिव और उससे ऊपर के पदों पर
– आईएफएस और विदेश मंत्रालय में कार्यरत अधिकारियों के परिजन और निकट परिवार
केंद्रीय मंत्रियों, सांसदों को भी जारी होता है डिप्लोमेटिक पासपोर्ट
इसके आलावा राजनयिक पासपोर्ट उन चुनिंदा व्यक्तियों को भी जारी किए जाते हैं जो सरकार की ओर से आधिकारिक यात्रा करने के लिए अधिकृत हैं। इसमें केंद्रीय मंत्री और सांसद शामिल हैं जो अक्सर सरकार का प्रतिनिधित्व करते हुए विदेश यात्रा करते हैं। पासपोर्टों की वैधता सांसद के कार्यकाल के साथ-साथ होती है। उदाहरण के लिए, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने पिछले मार्च में सांसद के रूप में अयोग्य घोषित होने के बाद अपना राजनयिक पासपोर्ट सरेंडर कर दिया था।
प्रज्वल रेवन्ना को जर्मनी की यात्रा के लिए वीजा की आवश्यकता क्यों नहीं पड़ी?
आमतौर पर, विदेश मंत्रालय किसी आधिकारिक कार्य या यात्रा के लिए विदेश जाने वाले सरकारी अधिकारियों को वीजा नोट जारी करता है। लेकिन प्रज्वल के मामले में ऐसा कोई नोट जारी नहीं किया गया। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि उससे न तो कोई राजनीतिक मंजूरी मांगी गई थी और न ही जारी की गई थी। कोई वीजा नोट भी जारी नहीं किया गया था। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने एक प्रेस वार्ता में कहा था कि डिप्लोमेटिक पासपोर्ट धारक को जर्मनी जाने के लिए किसी वीजा की जरूरत नहीं है। जर्मनी जाने के लिए उन्होंने राजनयिक पासपोर्ट का इस्तेमाल किया।
प्रज्वल रेवन्ना का क्या है पूरा मामला?
हासन सीट से एनडीए उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना पर कई महिलाओं के यौन शोषण का आरोप है। रेवन्ना लगभग 3,000 वीडियो वायरल होने के बाद वे 28 अप्रैल को जर्मनी भाग गए थे। मामले की जांच कर रही एसआईटी ने रेवन्ना के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी की है और अब ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी करने की तैयारी कर रही है। इस बीच पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवेगौड़ा के बड़े बेटे और जद-एस विधायक एच.डी. रेवन्ना की गिरफ्तारी के बाद पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने शनिवार को संकेत दिया कि कर्नाटक में सेक्स वीडियो कांड के मुख्य आरोपी प्रज्वल रेवन्ना अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर सकते हैं।
जेडी-एस नेता और पूर्व मंत्री सी.एस. पुट्टाराजू के अनुसार, हासन से मौजूदा जेडी-एस सांसद प्रज्वल रेवन्ना के भारत आकर आत्मसमर्पण करने की संभावना है। हालांकि, पुट्टाराजू ने यह खुलासा नहीं किया कि कथित तौर पर देश से भाग चुके प्रज्वल रेवन्ना कब भारत आएंगे और आत्मसमर्पण करेंगे। आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से लिखा है कि प्रज्वल रेवन्ना के 15 मई की आधी रात बेंगलुरु पहुंचने की उम्मीद है। उन्होंने विशेष जांच दल (एसआईटी) के सामने पेश होने के लिए समय मांगा था।
बता दें कि प्रज्वल रेवन्ना से जुड़े सेक्स वीडियो कांड की जांच कर रही विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने शनिवार की दोपहर में उनके पिता एच.डी. रेवन्ना को गिरफ्तार कर लिया, क्योंकि पीड़िता के अपहरण मामले में उन्हें अग्रिम जमानत नहीं मिली। इस बीच, एसआईटी कथित तौर पर हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट में प्रज्वल रेवन्ना की गतिविधि पर नजर रखे हुई है।