पिछले महीने कोलकाता के गार्डन रीच इलाके में एक निर्माणाधीन पांच मंजिला इमारत के गिर जाने से 12 लोगों की मौत हो गई थी। घटना के बाद शहर में बन रहे अवैध बिल्डिगों को लेकर पश्चिम बंगाल सरकार सख्त हो गई थी, जिसके बाद कोलकाता नगर निगम (केएमसी) भी एक्शन में आ गया था।
तब से लेकर अब तक पूरे शहर में इस तरह के इमारतों की पहचान कर उसे गिराने की प्रक्रिया जारी है।
गार्डन रीच हादसे के बाद केएमसी के मेयर फिरहाद हकीम ने इस तरीके के अवैध इमारतों को गिराने के लिए एक केंद्रीय विध्वंस दस्ते का गठन किया था। यह दस्ता लालबाजार मुख्यालय की पुलिस के साथ मिलकर उन इमारतों को गिराएगा जिसे बनाने के लिए केएमसी से अनुमति नहीं ली गई थी। मेयर ने यह कदम तब उठाया है जब अवैध इमारतें तोड़ने गए केएमसी इंजीनियरों को स्थानीय लोगों के विरोध और धमकियों का सामना करना पड़ा था।
केंद्रीय विध्वंस दस्ते लौट रहे हैं खाली हाथ
दस्ते के गठन के बाद कई इलाकों में अवैध इमारतों की पहचान की गई और टीम उन्हें गिराने के लिए संबधित इलाके में पहुंची भी है। लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण उन्हें अपने काम को करने में देरी हुई है और कई केस में टीम को वापस भी आना पड़ा है।
ताजा मामले में दस्ते को कोलकाता के कस्बा इलाके में जबरदस्त विरोध का सामना करना पड़ा है और उन्हें करीब एक घंटे तक इमारत के बाहर खड़ा रहना पड़ा है। घटना पर बोलते हुए कस्बा वार्ड 91 के पार्षद बैस्वनोर चट्टोपाध्याय ने कहा है वे किसी भी अवैध निर्माण का समर्थन नहीं करते हैं और इस मामले में कानून अपना काम करेगा।
कुछ अन्य रिपोर्ट्स के अनुसार, केवल कस्बा में ही नहीं बल्कि कोलकाता के मेटियाब्रुज, खिदिरपुर और पार्क सर्कस जैसे अन्य इलाकों में भी भारी संख्या में अवैध इमारतें हैं, जिनकी पहचान कर उन पर एक्शन लिया जा रहा है। इन इलाकों में भी दस्ते को स्थानीय लोगों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि गार्डन रीच घटना के बाद अवैध इमारतों के बनने में कमी आई है और अब बनने वाले सभी बिल्डिंग केएमसी से अनुमति लेने पर जोर भी दे रहे हैं।
अवैध इमारतों के तैयार होने से पहले की जा रही है उनकी पहचान
द टेलीग्राफ से बात करते हुए केएमसी के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें अवैध निर्माणाधीन इमारतों को गिराने के लिए भारी संख्या में पुलिस की जरूरत पड़ रही है, लेकिन दूसरी ओर स्थानीय थाने के एक ऑफिसर ने कहा है कि वे केएमसी के अधिकारियों का पूरा सहयोग कर रहे हैं और थाने में जितने पुलिस वाले मौजूद थे उसके आधार पर उन्हें घटना स्थल पर भेजा गया है।
द टेलीग्राफ के अनुसार, केएमसी की सूत्रों की अगर माने तो अधिकारों ने पिछले दो सालों में लगभग 850 इमारतों के अवैध हिस्सों को गिराया है।
अवैध निर्माण इमारतों की पहचान पर क्या होता है
गार्डन रीच इमारत के ढहने के बाद केएमसी ने इंजीनियरों के लिए यह जरूरी कर दिया है कि वे अपने संबंधित इलाकों के अवैध निर्माण इमारतों की जानकारी स्थानीय पुलिस को दें।
केएमसी के अनुसार, जब नगर निकाय के इंजीनियर किसी अवैध निर्माण की पहचान कर लेते हैं तो इस हालत में उन्हें इमारत के मालिक या प्रोमोटर को काम रोकने का नोटिस देना होता है। यही नहीं इस नोटिस की एक कॉपी स्थानीय पुलिस स्टेशन के ओसी, उस डिवीजन के पुलिस उपायुक्त और लालबाजार मुख्यालय के संयुक्त पुलिस आयुक्त को भी भेजनी होती है।
ये है केएमसी का प्लान
अवैध निर्माण इमारतों की पहचान करने और उन्हें गिराने जैसे कामों में तेजी लाने के लिए केएमसी एक एप की मदद ले रही है। इसके लिए नागरिक निकाय के आईटी विभाग ने एक एप विकसित किया है जिसके जरिए बिल्डिंग विंग के उप-सहायक इंजीनियर अपने संबंधित एरिया का दौरा करेंगे और वहां बनने वाले अवैध निर्माण वाले इमारतों की जानकारी एप में साझा करेंगे।
जानकारी के आधार पर नगर के कार्यकारी अभियंता 24 घंटे के भीतर उस इमारत में काम रोकने का नोटिस देंगे।
अगर नोटिस के बाद भी काम नहीं रोका गया तो कार्यकारी अभियंता स्थानीय पुलिस स्टेशन के अधिकारियों से संपर्क कर उनसे मदद मांगेगे। यही नहीं केएमसी के आपूर्ति और निकासी विभाग के अधिकारी के साथ अन्य अधिकारी भी इस एप की मदद लेंगे और तैयार हो रहे संबंधित अवैध निर्माण इमारत को दी जाने वाली किसी भी सुविधा को वे वहीं रोक देंगे।