नरसिंह यादव को बुधवार को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) एथलीट आयोग का अध्यक्ष चुना गया। पूर्व राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता को खेल के शासी निकाय (यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग) द्वारा आदेश के तहत इस पद पर नियुक्त किया गया है।
एथलीट आयोग में सात स्थानों को भरने के लिए कुल आठ सदस्य दौड़ में थे। मतपत्र पर हुए मतदान के बाद सात व्यक्तियों ने नरसिंह को आयोग के अध्यक्ष के रूप में चुना। चुनाव में 25 राज्यों के शीर्ष वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इसमें राष्ट्रमंडल खेलों के स्वर्ण पदक विजेता नरसिंह यादव को एथलीट आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
2016 ओलंपिक से पहले नरसिंह ने खूब सुर्खियां बटोरी थीं। दरअसल दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार, जो चोट के कारण क्वालीफिकेशन से चूक गए, ने खेलों के लिए जाने वाले पहलवान के खिलाफ ट्रायल बाउट के लिए अनुरोध किया था। पहलवानों में नरसिंह यादव भी थे। सुशील ने दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया और उनकी अपील खारिज होने के बाद यह पुष्टि हुई कि नरसिंह रियो ओलंपिक में जाएंगे।
नरसिंह यादव ओलंपिक खेलो से पहले हुए दो डोप परीक्षणों में विफल रहे थे, जिसके बाद खेल पंचाट न्यायालय ने उनपर चार साल के लिए प्रतिबन्ध लगा दिया। बाद में राष्ट्रीय डोपिंग एजेंसी (NADA) ने नरसिंह यादव को सभी आरोपों से बरी कर दिया और माना कि उनके डोप टेस्ट के लिए दिए गए नमूनों में साजिशन मिलावट की गयी थी।
कौन हैं नरसिंह यादव
नरसिंह यादव ने विश्व कुश्ती चैम्पियनशिप में भारत के लिए पदक जीता है। उन्होंने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था, ट्रिपल महाराष्ट्र केसरी, भारतीय कुश्ती में एक खिताब उनके नाम है। वह 2011, 2012 और 2013 में लगातार 3 बार महाराष्ट्र केसरी का खिताब जीतने वाले पहले पहलवान हैं। कुश्ती में उनके योगदान के लिए उन्हें 2012 में अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
IANS इनपुट