प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस भाषण पर बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के घोषणापत्र में वादा किया गया है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो वह ‘घुसपैठियों’ के बीच संपत्ति का पुनर्वितरण करेगी। इस बयान को लेकर विपक्षी दल गुस्से में हैं और उन्होंने चुनाव आयोग से भी इस मामले में कार्रवाई की मांग की है। वहीं, इस विवाद ने एक बार फिर कांग्रेस के चुनाव घोषणापत्र को भी सुर्खियों में ला दिया है, जिसे 5 अप्रैल को जारी किया गया था।
पीएम मोदी ने संपत्ति बंटवारे को लेकर क्या कहा था?
प्रधानमंत्री मोदी ने सोमवार (22 अप्रैल) को अलीगढ़ के नुमाइश मैदान में एक चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस के घोषणापत्र पर सवाल खड़े किए थे। उन्होंने कहा कि आपकी मेहनत की कमाई, आपकी संपत्ति पर कांग्रेस अपना पंजा मारना चाहती है। आपकी संपत्ति को कब्जे में लेकर बांटना चाहती है। कांग्रेस और इंडी गठबंधन के खतरनाक इरादे से मैं देशवासियों को आगाह कर रहा हूं। इन परिवारवादी लोगों ने देश के लोगों को लूटकर अपना बड़ा साम्राज्य बना लिया है।
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं देशवासियों को चेतावनी देना चाहता हूं। कांग्रेस और इंडी गठबंधन की नजर आपकी कमाई और आपकी संपत्ति पर है। कांग्रेस के ‘शहजादा’ कहते हैं कि अगर उनकी सरकार आई तो वे जांच करेंगे कि कौन कितना कमाता है, किसके पास कितनी संपत्ति है… हमारी माताओं और बहनों के पास सोना है। यह ‘स्त्री धन’ है, इसे पवित्र माना जाता है और कानून भी इसकी रक्षा करता है। अब इन लोगों की नजर महिलाओं के ‘मंगलसूत्र’ पर है। इनका इरादा माताओं-बहनों का सोना चुराने का है। अगर आपके गांव में किसी पुराने पूर्वज का घर है और आपने अपने बच्चों के भविष्य के लिए शहर में एक छोटा सा फ्लैट भी खरीदा है। फिर वे दोनों में से एक को ले जाएंगे।’
इससे पहले रविवार को मोदी ने राजस्थान के बांसवाड़ा में एक रैली के दौरान ऐसे ही कुछ और बयान दिए थे, जिस पर विवाद है। पीएम मोदी ने बांसवाड़ा ये भी दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा था कि देश की संपत्ति पर पहला दावा मुसलमानों का है।
कांग्रेस अब पीएम मोदी के भाषणों को लेकर विरोध जता रही है और चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग कर रही है। कांग्रेस का कहना है कि पीएम मोदी लगातार झूठ बोल रहे हैं, भ्रम फैला रहे हैं और माहौल को सांप्रदायिक बनाने की कोशिश भाजपा कर रही है। कांग्रेस ने ये भी कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के बयान को गलत तरीके से पेश किया जा रहा है।
यहां तक कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि उन्होंने कांग्रेस के घोषणापत्र पर चर्च के लिए पीएम मोदी से मिलने का समय मांगा है। इन विवादों से पहले कांग्रेस का घोषणापत्र जारी होने के एक दिन बाद ही पीएम मोदी ने यह कहते हुए विपक्षी पार्टी पर निशाना साधा था कि इसमें वही बातें कही गई हैं जो आजादी से पहले मुस्लिम लीग की ओर से कहा जाता था।
कांग्रेस के घोषणापत्र में संपत्ति पुनर्वितरण पर क्या कहा गया है?
2024 के लिए जारी कांग्रेस के घोषणापत्र में संपत्ति के बंटवारे को लेकर बहुत गहराई से कोई बात नहीं कही गई है। इतना जरूर कहा गया है कि कांग्रेस सत्ता में आने पर आय और संपत्ति की असमानता के विषय पर विचार करेगी। घोषणापत्र में कांग्रेस की ओर से यह भी कहा गया है कि पार्टी जातियों और उप-जातियों और उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थितियों के बारे में पता लगाने के लिए सामाजिक-आर्थिक और जाति जनगणना (एसईसीसी) करायेगी।
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कांग्रेस के घोषणापत्र में यह भी कहा गया है कि यदि विपक्षी गठबंधन सत्ता में आता है तो अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी) और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा को हटाने के लिए एक संवैधानिक संशोधन किया जाएगा। कांग्रेस ने भाजपा को ये भी चुनौती दी है कि वह उसके घोषणापत्र में एक बार भी हिंदू या मुसलमान शब्द का जिक्र खोज कर दिखा दे।