गर्मियां शुरू होते ही भारत जैसे देश में जल संकट की समस्या शुरू हो जाती है। हाल में ही बेंगलुरु की एक पॉश हाउसिंग सोसाइटी को जल संकट का सामना करना पड़ा था जब उनके पानी के टैंकरों को सरकार ने अपने कब्जे में ले लिया था।
इस साल गर्मियां शुरू होते ही बेंगलुरु जैसे शहर में पानी की भारी कमी देखी गई है जिसकी चर्चा पूरे देश में हुई है। बेंगलुरु में पानी की कमी को चुनावी मुद्दा भी बनाया गया और इसे लेकर भाजपा ने राज्य सरकार को घेरा भी था।
केवल बेंगलुरु ही नहीं बल्कि 2019 में चेन्नई को भी भारी जल संकट का सामना करना पड़ा था, जब उसके जल स्रोत पूरी तरह से सूख गए थे। इस साल कोलकाता जैसे शहर में भी पानी की भारी किल्लत देखी गई है और पिछले कुछ दिनों में पानी के टैंकरों की मांग लगभग डेढ़ गुना बढ़ गई है। यह समस्या केवल भारत में ही नहीं है बल्कि दक्षिण अफ्रीका और मध्य पूर्व जैसे अन्य देशों में भी देखी गई है।
भारत में जल संकट के क्या है मुख्य कारण
रिपोर्ट के अनुसार, भारत जैसे देश में जल संकट की समस्या का मुख्य कारण पानी की मिस मैनेजमेंट है। भारत की आबादी जहां हर साल बढ़ती ही जा रही है वहीं कई बार ऐसा देखा गया है कि सही समय पर मॉनसून भी नहीं हुआ है।
इसके साथ जिस तरीके से जमीन के भीतर के जल का दुर्पयोग हो रहा है, जानकार मानते हैं कि ये सब कारण भारत में जल संकट की समस्या को जन्म दे रही है।
इसे समझने के लिए अगर पंजाब का ही उदाहरण लिया जाए तो वहां के किसान फसल उगाने के लिए सब्सिडी वाली बिजली का इस्तेमाल कर भारी मात्रा में जमीन से पानी निकाल रहे हैं। इससे वहां का जल स्तर काफी नीचे जा रहा है और यहां पर पानी की भारी समस्या देखने को मिल रही है।
अगर यह इसी तरीके से चलता रहा तो आने वाली पीढ़ियों को पानी की भारी कमी हो सकती है। यही नहीं ज्यादा मुनाफा के लिए देश के अधिकतर किसान चावल और गन्ने जैसे फसलों की खेती अधिक मात्रा में कर रहे हैं। इन फसलों की खेती में ज्यादा पानी की खपत होती है। केवल पंजाब ही नहीं बल्कि महाराष्ट भी ज्यादा पानी बर्बाद कर रहा है।
सरकार ने उठाए हैं क्या कदम
देश के कई हिस्सों में पानी की किल्लत सरकार के लिए एक चिंता का विषय है। इसके लिए सरकार को चाहिए कि वे इसे लेकर एक बेहतर योजना लाए साथ ही पानी को किस तरीके से खासकर खेती के लिए इस्तेमाल किया जाए, इसके लिए भी कोई नियम बनाएं।
यही नहीं सरकार द्वारा लोगों के बीच इसकी जागरूकता भी फैलानी चाहिए कि पानी को बर्बाद करने से इससे हमारे बच्चों को काफी समस्या हो सकती है।
सरकार द्वारा पहले से ही जल जीवन मिशन जैसे प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं लेकिन लोगों को जागरूकता फैलाने में यह काफी नहीं है। पानी के मिस मैनेजमेंट को रोकने के लिए और भी जरूरी कदम उठाने की जरूरत है।
आने वाले कुछ सालों में पानी के कमी के कारण सूख सकते हैं ये शहर
पिछले कुछ सालों से जिस तरीके से भारत में पानी की समस्या देखी जा रही है, उससे यह कहना गलत नहीं होगा कि आने वाले कुछ सालों में भारत के कई शहर पानी की भारी कमी झेल सकते हैं। हाल में भारत के जिन शहरों में पानी की भारी किल्लत देखी गई है उनमें चेन्नई, बेंगलुरु और कोलकाता आदि जैसे शहर शामिल हैं।
यही नहीं मुंबई, जयपुर, बठिंडा, लखनऊ और दिल्ली जैसे कुछ अन्य शहर भी हैं जहां पानी की कमी देखी गई है। राजधानी दिल्ली और लखनऊ में हालात बहुत ही खराब है। एक अनुमान के आधार पर जानकारों का कहना है कि लखनऊ के निवासी अपनी जरूरत के लिए हर साल भाखड़ा नांगल बांध की क्षमता के एक तिहाई के बराबर जमीन से पानी निकाल लेते हैं।