दुनिया भर के कुछ चर्चित पर्यटक स्थल ओवरटूरिज्म जैसी समस्या का सामने कर रहे हैं। एम्स्टर्डम, जापान और आइसलैंड जैसे कुछ देश हैं जो पहले ही ओवरटूरिज्म का शिकार हैं और वहां की सरकार इससे निपटने की तैयारी कर रही है। ऐसे में यह सवाल उठता है कि ओवरटूरिज्म क्या है और इससे कुछ देशों की सरकार क्यों परेशान है।
दरअसल, जब किसी एक जगह पर पर्यटकों की भारी संख्या वहां पहुंचती है, तो वहां रहने वाले लोगों की परेशानी बढ़ जाती है, इसे ओवरटूरिज्म कहते हैं।
ओवरटूरिज्म के कारण प्रभावित जगहों पर ट्रैफिक जाम और रोजमर्रा की कीमतों में बढ़ोतरी जैसे समस्या देखने को मिलती है, जिससे वहां के लोगों का जनजीवन काफी प्रभावित होता है। इस कारण पर्यावरण, अर्थव्यवस्था, और सामाजिक-सांस्कृतिक हालात पर नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है।
ओवरटूरिज्म से निपटने के लिए एम्स्टर्डम ने उठाए जरूरी कदम
ओवरटूरिज्म की मार से जूझ रहे एम्स्टर्डम ने इसे रोकने के लिए एक अहम फैसला लिया है। हाल में डच राजधानी की नगरपालिका ने कहा है कि यहां पर नए होटल बनने के लिए परमिट जारी नहीं किया जाएगा। नगरपालिका के अनुसार, यहां पर बढ़ रहे पर्यटकों की संख्या पर रोक लगाने और प्रदूषण पर नियंत्रण रखने के लिए ऐसा फैसला लिया गया है।
इस लिस्ट में केवल एम्स्टर्डम ही नहीं बल्कि अंगकोरवाट, बाली, बार्सिलोना और इबीसा जैसे कई और जगह भी शामिल हैं जो इस समस्या से निपटने की तैयारी कर रहे हैं। किसी भी देश के लिए बढ़ते पर्यटन और पर्यटकों की संख्या एक अच्छा संकेत है लेकिन अगर इसे सही से कंट्रोल नहीं किया गया तो इसके कई नकारात्मक परिणाम भी हो सकते हैं।
ओवरटूरिज्म से सबसे ज्यादा पीड़ित है वेनिस
इटली का शहर वेनिस दुनिया का एक ऐसा शहर है जहां पर्यटकों की भारी संख्या देखी जाती है जिस कारण इसे ओवरटूरिज्म से पीड़ित नंबर एक स्थान कहा जाता है। इस साल जून से वेनिस शहर ने यह फैसला लिया है कि वह यहां पर आने वाले पर्यटकों की संख्या को केवल 25 लोगों तक ही सीमित कर देगा। यही नहीं यहां पर लाउडस्पीकर के इस्तेमाल को भी बैन कर देगा।
यह नियम केवल वेनिस ही में नहीं बल्कि मुरानो, बुरानो और टोरसेलो द्वीपों पर भी लागू होगा। यही नहीं वेनिस आने वाले पर्यटकों को ऑनलाइन फॉर्म भरना होगा और प्रति टूरिस्ट €5 (444 रुपए) का शुल्क भी देना होगा।
आपको बता दें कि पिछले साल यह साफ हुआ है कि डबरोवनिक यूरोप का एक ऐसा जगह हैं जहां सबसे अधिक पर्यटक वहां पहुंचे हैं। ओवरटूरिज्म से निपटने के लिए आइसलैंड ने भी अहम कदम उठाए हैं और वहां के सरकार ने टूरिस्ट टैक्स जैसे नियम लागू किए हैं।
भारत में ओवरटूरिज्म का क्या है प्रभाव
पूरी दुनिया के साथ भारत भी ओवरटूरिज्म का शिकार है और यहां के कई राज्य और शहर इससे काफी प्रभावित है। एक तरफ ओवरटूरिज्म से निपटने के लिए भारत में कोई सख्त नियम नहीं हैं वहीं दूसरी और दिन पर दिन पर्यटकों की बढ़ती संख्या से यहां पर रहने वाले लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
भारत में आगरा, दार्जिलिंग और गोवा जैसे कुछ खास जगह हैं जहां पर पर्यटकों की भारी संख्या देखी गई है।
एक आंकड़े के अनुसार, आगरा में हर रोज 10-15 हजार पर्यटक आते हैं। यहां पर लोग दुनिया के सातवें अजूबों में एक अजूबा ताज महल को देखने आते हैं। यही नहीं फतेहपुर सीकरी और अन्य पर्यटक स्थलों पर भी लोगों का तांता लगा रहता है।
यही नहीं जयपर, कसोल, मनाली, मुन्नार, ऋषिकेश और लद्दाख में भी भारी मात्रा में टूरिस्ट जाते हैं। हाल में यूपी के वाराणसी में भी भारी संख्या में पर्टक देखने को मिला है जिससे वहां के घाटों पर भारी भीड़ देखने को मिला है।