रूसी इंफ्लूएंसर मैक्सिम ल्युटी को उनके एक महीने के बच्चे की मौत के लिए उन्हें आठ साल की सजा सुनाई गई है और लगभग 900 पाउंड का जुर्माना लगाया गया है।
खबर के अनुसार, कथित तौर पर मैक्सिम ल्युटी का यह मानना था कि बच्चे को सूरज की रौशनी में रखने से सूर्य उसे खाना खिलाएगा और उसे अलौकिक क्षमताएं मिलेगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बच्चा कुपोषण और निमोनिया से पीड़ित हो गया, जिससे उसकी मौत हो गई।
मेट्रो के खबर के अनुसार, ल्युटी के बच्चे कोस्मोस का जन्म घर में ही हुआ था क्योंकि उसके पिता यह नहीं चाहते थे कि उसका बच्चा किसी अस्पताल में जन्म ले। कोस्मोस के जन्म के बाद उसके पिता उसे सख्त शाकाहारी ‘प्राण’ आहार देने लगे था।
यही नहीं, वह जामुन जैसे खाद्य पदार्थों पर भी जोर देने लगे, जो शरीर की आध्यात्मिक ऊर्जा को बढ़ाते हैं और बच्चे के डाइट में इसे शामिल करने लगे। वह बच्चे को पारंपरिक चिकित्सा से भी दूर रखते थे और उसे ठंडे पाने से नहलाते थे। उनका मानना था कि इससे बच्चा मजबूत होगा।
ल्युटी ने बेटे के साथ सख्ती की बात कबूली
खबर के अनुसार, यह घटना पिछले साल मार्च महीने में घटी है जब कुपोषण और निमोनिया से पीड़ित बच्चे को डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया था। हालांकि पहले ल्युटी बच्चे को अस्पताल ले जाने के लिए मना कर रहा था लेकिन बाद में जब वह मान गया तो बच्चे को हॉस्पिटल ले जाया गया लेकिन काफी देर हो जाने के कारण बच्चे की मौत हो गई थी।
तब से यह मामला कोर्ट में था और कुछ सोशल मीडिया पोस्ट में यह दावा किया जा रहा था कि ल्युटी की जल्द ही रिहाई हो जाएगा लेकिन इसी हफ्ते अंतिम सुनवाई में उसे दोषी करार दिया गया। उसे ‘जानबूझकर गंभीर शारीरिक नुकसान पहुंचाने’ के लिए उच्च सुरक्षा वाली जेल में सजा सुनाई गई है।
ल्युटी के सुसराल वाले है दुखी
इस घटना को लेकर ल्युटी के ससुराल वाले भी बहुत दुखी है। ल्युटी की पत्नी ओक्साना मिरोनोवा की चचेरी बहन ओलेसा निकोलायेवा ने बताया कि वह अपने बच्चे को मां का दूध पिलाने से रोकता था।
ऐसे में उसकी मां बच्चे को छुप-छुप कर दूध पिलाया करती थी। चचेरी बहन ने बताया कि ल्युटी का यह मानना था कि केवल सूरज की रौशनी है जो उसे खाना खिला सकता है और उसे जीवित रख सकता है। परिवार ने यह भी बताया कि मिरोनोवा कई बार ल्युटी को छोड़ना चाहती थी लेकिन उसे रोक दिया जाता था।