नई दिल्लीः दिल्ली में आयुष्मान भारत योजना लागू नहीं होगी। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को अस्थायी रूप से रोक दिया है। हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आयुष्मान भारत योजना को लागू करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने का निर्देश दिया था। न्यायमूर्ति बीआर गावई और एजी मसीह की पीठ ने दिल्ली सरकार द्वारा हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई के बाद केंद्र, एम्स और दिल्ली नगर निगम को नोटिस जारी किया।
पिछले महीने, हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों को 5 जनवरी तक एमओयू पर हस्ताक्षर करने का आदेश दिया था, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि केंद्र की यह योजना राष्ट्रीय राजधानी में लागू हो। दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार इस योजना का विरोध कर रही है। दिल्ली सरकार का कहना है कि यह योजना 2020 में स्वास्थ्य प्रणाली को सुधारने और स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर में मौजूद खामियों को दूर करने के लिए शुरू की गई थी।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई और हाई कोर्ट का आदेश, क्या है पूरा मामला?
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एएम सिंहवी ने शुक्रवार सुप्रीम कोर्ट में तर्क किया कि हाई कोर्ट द्वारा एमओयू पर हस्ताक्षर करने का आदेश देने से केंद्र सरकार के स्वास्थ्य संबंधी अधिकारों को पुनर्परिभाषित किया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि एमओयू पर हस्ताक्षर किए जाते हैं, तो केंद्र 60% पूंजीगत व्यय का वहन करेगा और दिल्ली सरकार 40%, लेकिन केंद्र कोई भी चालू व्यय नहीं उठाएगा।
हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार से कहा था कि वह इस योजना को पूरी तरह से लागू करें ताकि निवासियों को धन और सुविधाओं से वंचित न रखा जाए। कोर्ट ने यह भी कहा था कि 33 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में यह योजना पहले ही लागू हो चुकी है, इसलिए दिल्ली में इसे लागू न करना उचित नहीं होगा। हाई कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि दिल्ली सरकार दिवालिया हो गई है।
दिल्ली सरकार का विरोध
मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के बावजूद हाई कोर्ट ने एमओयू पर हस्ताक्षर करने की अनुमति दे दी थी। आप ने हाई कोर्ट में इसका विरोध करते हुए कहा था कि दिल्ली में पहले से ही बहुत अधिक मजबूत’ दिल्ली आरोग्य कोष’ (DAK) योजना है। उनका कहना था कि केंद्रीय योजना केवल 12-15 प्रतिशत आबादी को ही लाभ देती है, जबकि दिल्ली आरोग्य कोष योजना का दायरा बहुत व्यापक है।
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सौरभ भारद्वाज ने इस सप्ताह कोर्ट में एक हलफनामे में कहा था कि आयुष्मान भारत योजना के लागू होने से दिल्ली में स्वास्थ्य लाभ कम हो जाएगा।
सात भाजपा सांसदों ने आयुष्मान भारत योजना को लेकर हाई कोर्ट का रुख किया था
यह मामला हाई कोर्ट में तब पहुंचा था जब भाजपा के 7 सांसदों ने दिल्ली में योजना के लागू होने की याचिका दायर की थी, जिसे आप ने “राजनीतिक रूप से प्रेरित” बताया था। आप ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह इस योजना को लागू करने की कोशिश कर रही है, जबकि दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को केवल 10% सीटें ही मिली थीं।
भाजपा ने आप पर जवाबी हमला करते हुए कहा कि वह सार्वजनिक कल्याण के बजाय “गंदी राजनीति” कर रही है। भाजपा का कहना था कि आप लोगों की सेहत की परवाह नहीं करती और सिर्फ भ्रष्टाचार पर ध्यान केंद्रित कर रही है।