लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के जरिए क्या मायावती के एक और भतीजे ईशान आनंद राजनीति में एंट्री लेने जा रहे हैं? यह सवाल उठने लगा है। ईशान दरअसल आकाश आनंद के छोटे भाई है। ईशान 15 जनवरी को लखनऊ में मायावती के जन्मदिन के मौके पर पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में नजर आए थे।
इसके बाद अगले दिन यानी गुरुवार को बसपा की यूपी ईकाई की बंद कमरे में हुई बैठक में भी ईशान के मौजूद रहने की खबरें आई हैं। इसके बाद से उनके राजनीति में उतरने की अटकलें लगाई जाने लगी हैं। हालांकि, पार्टी की ओर से आधिकारिक तौर पर इस बारे में अभी कुछ भी साफ नहीं किया गया है।
मीटिंग के नोट बनाते रहे ईशान
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार 26 साल के ईशान गुरुवार को मायावती द्वारा बुलाई गई बसपा की राज्य इकाई की बैठक में शामिल हुए थे। इस बैठक में यूपी बसपा के वरिष्ठ पदाधिकारी और जिला अध्यक्ष मौजूद थे। बैठक में ईशान के बड़े भाई आकाश भी मौजूद थे। यह बैठक 2027 के यूपी विधानसभा चुनावों से पहले पार्टी की गतिविधियों की समीक्षा के लिए बुलाई गई थी।
सूत्रों ने कहा कि ईशान इस बैठक में आकाश और अन्य वरिष्ठ बसपा नेताओं जैसे राष्ट्रीय महासचिव एससी मिश्रा और इसके यूपी अध्यक्ष विश्वनाथ पाल के बगल में बैठे थे। सू्त्रों के मुताबिक मायावती मीटिंग में पार्टी नेताओं को जो निर्देश दे रही थीं, उसके नोट्स ईशान भी अपने भाई आकाश के साथ मिलकर बनाते नजर आए।
ईशान को लेकर क्या कह रहे हैं बसपा नेता?
मायावती की बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईशान की उपस्थिति के बाद कुछ बसपा नेताओं ने उनके राजनीति में फिलहाल प्रवेश की संभावनाओं से इनकार किया था। सूत्रों के मुताबिक ईशान बस मायावती के जन्मदिन के मौके पर लखनऊ आए थे। परिवार के अन्य सदस्यों ने भी इस मौके पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी।
ये भी बातें सामने आई हैं कि प्रेस कॉन्फ्रेंस में ईशान शुरू में उस ग्रुप फोटो में शामिल होने के लिए थोड़ा झिझक रहे थे, जिसके लिए मायावती और आकाश सहित अन्य वरिष्ठ बसपा नेता मौजूद थे। हालाँकि, आकाश ने ईशान को फ्रेम में आने और अपने बगल में खड़े होने का इशारा किया।
हालांकि, इस कार्यक्रम के बाद बसपा की महत्वपूर्ण बैठक में ईशान की मौजूदगी ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया। पार्टी के एक नेता ने स्वीकार करते हुए कहा कि ईशान के ‘आने वाले दिनों में राजनीति में सक्रिय’ होने की संभावना है। नेता ने इस कदम का स्वागत करते हुए कहा, ‘इस बैठक के साथ, उनकी ट्रेनिंग लगभग शुरू हो गई है। यह पार्टी के हित में होगा अगर वह राजनीति में आएं और पार्टी में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभा रहे आकाश का साथ दें।’
मायावती ने नहीं दिया कोई बड़ा संकेत
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार सूत्रों ने यह भी बताया खुद मायावती ने खुद बैठक में ईशान की उपस्थिति को ज्यादा महत्व नहीं देने के संकेत दिए। मायावती ने मीटिंग में नेताओं से कहा कि वह (ईशान) उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देने के लिए लखनऊ आए थे और केवल आकाश के साथ बैठक में शामिल हो गए।
लंदन की वेस्टमिंस्टर यूनिवर्सिटी से कानून में स्नातक करने वाले ईशान ने अपनी स्कूली शिक्षा नोएडा और दिल्ली से पूरी की है। बसपा के सूत्रों के अनुसार ईशान परिवार द्वारा संचालित होटलों का प्रबंधन देखते हैं।
बसपा में आकाश आनंद की भूमिका
मायावती के एक भतीजे आकाश आनंद फिलहाल पूरी तरह से राजनीति में सक्रिय हैं। 29 साल के आकाश आनंद बसपा के नेशनल कॉर्डिनेटर हैं। पार्टी ने उन्हें दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए प्रभारी भी नियुक्त किया हुआ है। मायावती खुद उन्हें आधिकारिक तौर पर अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी घोषित कर चुकी हैं।
इसके बाद भी आकाश आनंद की भूमिका पार्टी में कमजोर नजर आती रही है। बसपा दरअसल पूरी तरह मायावती की इच्छाओं पर चलती है। पिछले ही साल मई में मायावती ने लोकसभा चुनावों के बीच में आकाश को बड़ा झटका दिया था। उन्होंने यह कहते हुए आकाश आनंद से सभी पद छीन लिए थे कि उन्हें ‘परिपक्व होने तक’ हटाया जा रहा है। हालांकि, केवल छह सप्ताह के भीतर आकाश आनंद को बहाल कर लिया गया था। तब आम धारणा यही बनी थी कि आकाश का भाजपा पर खुलकर किया गया हमला मायावती को पसंद नहीं आया था।
बहरहाल, इन सबके बीच तथ्य यही है कि पिछले कुछ वर्षों में बसपा यूपी की सियासत में बुरी तरह पिछड़ी है। 2022 के विधानसभा चुनाव में पार्टी केवल एक सीट जीत सकी थी। वहीं, लोकसभा चुनाव में बसपा का खाता भी नहीं खुल सका था। इसके बाद पिछले साल बसपा का प्रदर्शन 9 विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में भी निराशाजनक रहा था। हाल ये है कि बसपा ने अब खुद ही मिल्कीपुर उपचुनाव से दूरी बना ली है।