भारतीय साहित्य, सिनेमा और पत्रकारिता के अग्रणी व्यक्तित्व प्रीतिश नंदी का बुधवार (8 जनवरी) दिल का दौरान पड़ने से निधन हो गया। वह 73 वर्ष के थे। इस खबर की पुष्टि दिग्गज अभिनेता अनुपम खेर ने की। उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर दिवंगत निर्देशक की याद में एक नोट साझा किया और दशकों पुरानी दो मोनोक्रोमैटिक तस्वीरें साझा की।
अनुपम खेर: “सच्चे दोस्त की परिभाषा थे प्रीतिश नंदी”
अनुपम ने लिखा, “मेरे सबसे प्यारे और करीबी दोस्तों में से एक प्रीतिश नंदी के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ और सदमा लगा। अद्भुत कवि, लेखक, फिल्म निर्माता और एक साहसी और अद्वितीय संपादक/पत्रकार थे। वह मेरे सपोर्ट सिस्टम थे और मुंबई में मेरे शुरुआती दिनों में ताकत का एक बड़ा स्रोत थे।”
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उन्होंने आगे लिखा, “हमारे बीच कई चीजें एक जैसी थी। वह उन सबसे निडर लोगों में से एक थे, जिनसे मैं मिला था। मैंने उनसे बहुत सी चीजें सीखीं। हाल ही में हम अक्सर नहीं मिलते थे। लेकिन एक समय था जब हम अविभाज्य थे। वह यारों के यार की सच्ची परिभाषा थे। मैं उनके साथ बिताए पलों को हमेशा याद करूंगा।”
प्रीतिश नंदी: साहित्य, पत्रकारिता और सिनेमा में अद्वितीय योगदान
प्रीतिश नंदी का जन्म बिहार के भागलपुर में एक बंगाली परिवार में हुआ था। उन्होंने साहित्य, पत्रकारिता और सिनेमा में अपनी विशिष्ट पहचान बनाई। उन्होंने द टाइम्स ऑफ इंडिया के प्रकाशन निदेशक और द इलस्ट्रेटेड वीकली ऑफ इंडिया के संपादक के रूप में भारतीय पत्रकारिता को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम किया। उनकी साहसिक रिपोर्टिंग और संपादकीय दृष्टिकोण ने उन्हें अपार सम्मान दिलाया।
वह एक बहुमुखी व्यक्तित्व के धनी थे। वह एक चित्रकार, कवि और प्रोड्यूसर भी थे। उन्होंने महाराष्ट्र का प्रतिनिधित्व करते हुए राज्यसभा के सदस्य के रूप में भी काम किया। वह तत्कालीन शिवसेना से संसद सदस्य के तौर पर उच्च सदन के लिए चुने गए थे।
उन्होंने अंग्रेजी में कविता की 40 पुस्तकें लिखी हैं और बंगाली, उर्दू और पंजाबी के अन्य लेखकों की कविताओं का अंग्रेजी में अनुवाद किया है। साथ ही ईशा उपनिषद का एक नया संस्करण भी लिखा है। इसके अलावा उन्होंने कहानियों और गैर-काल्पनिक पुस्तकों के साथ-साथ संस्कृत से शास्त्रीय प्रेम कविताओं के अनुवाद की तीन पुस्तकें भी लिखी हैं। उनकी प्रोडक्शन कंपनी प्रीतिश नंदी कम्युनिकेशन्स ने प्यार के साइड इफेक्ट्स, झंकार बीट्स और शादी के साइड इफेक्ट्स जैसी कई हिट फिल्मों का निर्माण किया।
लेखक और अभिनेता सुहेल सेठ ने भी नंदी को याद करते हुए लिखा, “हम अक्सर ट्विटर पर हल्की-फुल्की बहस करते थे। प्रीतिश के साथ यह संवाद हमेशा याद रहेगा।”