नई दिल्ली: बस्तर के पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मुख्य आरोपी सुरेश चंद्राकर को रविवार रात विशेष जांच दल (एसआईटी) ने हैदराबाद से गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। मुकेश चंद्राकर नए साल के दिन लापता हो गए थे। इसके बाद उनका शव शुक्रवार को बीजापुर जिले में एक ठेकेदार के परिसर में एक सेप्टिक टैंक में पाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि सेप्टिक टैंक को कंक्रीट स्लैब से नए सिरे से सील किया गया था।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में पत्रकार की हुई यह हत्या देशभर में चर्चा का केंद्र बनी हुई है। मुकेश चंद्राकर एनडीटीवी सहित कई प्रमुख टीवी चैनलों के लिए काम करते रहे हैं। साथ ही उनका ‘बस्तर जंक्शन’ नाम से अपना एक यूट्यूब चैनल भी था। मुकेश ने हाल ही में बस्तर में 120 करोड़ रुपये की सड़क निर्माण परियोजना में कथित अनियमितताओं को उजागर करते हुए ठेकेदार सुरेश चंद्राकर के खिलाफ स्टोरी थी।
इस खुलासे के बाद सरकार ने ठेकेदार के खिलाफ जांच शुरू करने की बात कही थी। पुलिस को संदेह है कि उसकी हत्या इसी खुलासे से जुड़ी है। इस मामले में पुलिस ने तीन जनवरी को तीन संदिग्धों को हिरासत में लिया था। इनमें सुरेश चंद्राकर के दो भाई रितेश चंद्राकर और दिनेश चंद्राकर समेत एक सुपरवाइजर महेंद्र रामटेके शामिल थे।
पुलिस ने खंगाले 200 CCTV फुटेज
सुरेश चंद्राकर जिसे मुकेश की हत्या का मास्टरमाइंड माना जा रहा है, वह पत्रकार का दूर का रिश्तेदार भी है। पुलिस के मुताबिक सुरेश चंद्राकर हैदराबाद में अपने ड्राइवर के घर पर छिपा हुआ था। उसे ट्रैक करने के लिए पुलिस ने लगभग 200 सीसीटीवी फुटेज खंगाले और लगभग 300 मोबाइल नंबरों को ट्रेस किया। अधिकारियों ने बताया कि पुलिस फिलहाल उससे पूछताछ कर रही है।
इससे पहले, सुरेश चंद्राकर से जुड़े चार बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए थे और उनके स्वामित्व वाले अवैध रूप से निर्मित यार्ड को भी ध्वस्त कर दिया गया था। अधिकारियों ने बताया है कि सुरेश चंद्राकर की पत्नी को भी छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से हिरासत में लिया गया है और पूछताछ की जा रही है।
मुकेश चंद्राकर 1 जनवरी की शाम से थे लापता
पुलिस के मुताबिक मुकेश को 1 जनवरी को एक स्थानीय ठेकेदार का फोन आया था। मुकेश ने रायपुर में एक अन्य पत्रकार को भी उस कॉल की जानकारी दी थी और बताया था कि ठेकेदार का भाई उससे मिलना चाहता है। मुकेश ने बताया था वे उससे मिलने जा रहे हैं। इसके कुछ घंटे बाद से वे लापता हो गए।
पुलिस के अनुसार 1 जनवरी की रात 12.30 बजे के करीब मुकेश का फोन बंद हो गया था। इस बीच मुकेश के भाई युकेश ने अपने भाई के वापस न लौटने पर 2 जनवरी को पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। युकेश भी पत्रकार हैं। आईजी बस्तर पी सुंदरराज ने बताया कि शिकायत मिलने के बाद लापता पत्रकार का पता लगाने के लिए एक विशेष टीम का गठन किया गया था।
इस बीच चट्टनपारा बस्ती में सुरेश चंद्राकर के आवास परिसर में सेप्टिक टैंक में मुकेश का शव मिला। बस्तर पुलिस ने पुष्टि की कि सुरेश चंद्राकर मुख्य संदिग्ध था और फरार था।
मुकेश की हत्या पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी दुख जताया था। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा था कि दोषियों को किसी भी हाल में बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि अधिकारियों को आरोपियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार करने और कड़ी सजा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है। दोषी कोई भी हो, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
मुकेश चंद्राकर की हत्या पर पत्रकारों में नाराजगी
बस्तर पत्रकार संघ के अध्यक्ष मनीष गुप्ता ने इस घटना को ‘काला अध्याय’ बताया है। उन्होंने कहा, ‘एक पत्रकार को निशाना बनाया जाना हम सभी के लिए एक बड़ी सुरक्षा चिंता का विषय है। बस्तर में काम करना एक चुनौती है और एक पत्रकार की सुरक्षा पुलिस, सरकार और समाज की जिम्मेदारी है।’
अपराधियों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई की मांग को लेकर रायपुर प्रेस क्लब के सदस्य शुक्रवार रात जय स्तंभ चौक पर एकत्र हुए थे। इस बीच बीजापुर में पत्रकारों ने हत्या के विरोध में पूर्ण बंद का भी आह्वान किया गया।
पत्रकार मुकेश चंद्राकर 2021 में बीजापुर में मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों द्वारा अपहृत सीआरपीएफ जवान की रिहाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बाद भी चर्चा में आए थे। मुकेश मध्यस्थता टीम का अहम हिस्सा थे। मुकेश उन चंद लोगों में एक थे जिनकी बस्तर के जंगलों में अंदर तक पहुंच थी। बताया जाता है कि मुकेश ने नक्सलियों से बातचीत की थी। इसके बाद वह जवान को छोड़ने के लिए तैयार हो गए थे।