चेन्नईः तमिलनाडु पावर डिस्ट्रीब्यूशन कॉर्पोरेशन ने स्मार्ट मीटर की खरीद के लिए जारी वैश्विक टेंडर को रद्द कर दिया है। यह फैसला अदानी एनर्जी सॉल्यूशंस लिमिटेड (AESL) द्वारा प्रस्तावित उच्च लागत के कारण लिया गया।
यह टेंडर अगस्त 2023 में केंद्र सरकार की पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना के तहत स्मार्ट मीटर प्रदान करने के लिए चार पैकेजों में जारी किया गया था। अदानी एनर्जी ने पहले पैकेज के लिए सबसे कम बोली लगाई थी। इसके तहत चेन्नई समेत आठ जिलों में 82 लाख से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए जाने थे।
टेंडर रद्द करने का कारण
सूत्रों के अनुसार, अदानी एनर्जी द्वारा दी गई लागत अपेक्षाकृत अधिक थी, जिसके चलते 27 दिसंबर 2024 को यह टेंडर रद्द कर दिया गया। इसके अलावा, अन्य तीन पैकेजों के टेंडर भी रद्द कर दिए गए। खबरों की मानें तो सरकार इसके लिए फिर से निविदा जारी कर सकती है। इस पैकेज के लिए केंद्र सरकार 19,000 करोड़ रुपये फंड करने वाली थी।
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, तमिलनाडु उत्पादन एवं वितरण निगम (Tangedco) ने अगस्त 2023 में जारी स्मार्ट मीटर परियोजना के सभी चार टेंडर रद्द कर दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि अदानी एनर्जी AESL द्वारा टेंडर के लिए प्रस्तुत की गई कीमतें, बातचीत के बाद भी स्वीकार्य स्तर तक नहीं आईं।
इंडियन एक्सप्रेस ने मिलनाडु उत्पादन एवं वितरण निगम के सूत्रों के हवाले से बताया कि AESL ने जो कीमतें पेश कीं, वे महाराष्ट्र और बिहार जैसे अन्य राज्यों में चल रहे प्रोजेक्ट्स की तुलना में काफी ज्यादा थीं। उदाहरण के लिए, इन राज्यों में प्रति मीटर प्रति महीने 120 रुपये की दर पर काम किया गया है, जबकि तमिलनाडु में इसकी लागत इससे कहीं अधिक थी।
विवाद और अदानी समूह पर आरोप
यह कदम ऐसे समय में आया है जब अदानी समूह के प्रमोटर उद्योगपति गौतम अदानी पर विवाद गहराता जा रहा है। उन पर और अन्य लोगों पर आरोप है कि उन्होंने सोलर पावर कॉन्ट्रैक्ट्स में अनुकूल शर्तें हासिल करने के लिए ₹2,100 करोड़ (लगभग $250 मिलियन) की रिश्वत देने की योजना बनाई थी। इस मामले में अमेरिकी अभियोजकों ने अदानी और अन्य के खिलाफ आरोप लगाए हैं। हालांकि, कंपनी ने इन आरोपों को खारिज किया है।